आईएसडी नेटवर्क। फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली की नई फिल्म की विषयवस्तु को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भंसाली की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी में उनके चरित्र को गलत ढंग से प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया है। गंगूबाई काठियावाड़ी के पुत्र बाबू रावजी और उनकी पोती भारती इस बात से आहत हुए हैं कि फिल्म में गंगूबाई को वेश्या के रुप में प्रस्तुत किया गया है। वे लोग इसके विरुद्ध न्यायालय चले गए हैं।
ये कोई नई बात नहीं है कि संजय लीला भंसाली किसी विवाद में फंसे हैं। उनकी हर फिल्म के साथ एक विवाद पारंपरिक रुप से जुड़ा पाया जाता है। गंगूबाई पर बनाई गई इस बॉयोपिक को लेकर सन 2021 में भी गंगूबाई के पुत्र की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। उस समय मुंबई न्यायालय ने निर्देशक भंसाली और अभिनेत्री आलिया भट्ट को समन भी भेजा था।
बाद में न्यायालय ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने से मना कर दिया था। बाबूजी राव ने निर्देशक के विरुद्ध आपराधिक मानहानि का प्रकरण चलाने की मांग भी की थी लेकिन इस पर भी न्यायालय ने असमर्थता जताई थी। गंगूबाई के बेटे बाबूरावजी शाह ने कहा, फिल्म में मेरी मां को तो वेश्या बनाकर रख दिया। अब लोग हमसे सवाल कर रहे हैं। ये बातें बहुत परेशान करने वाली है।
गंगूबाई की नातिन भारती ने कहा कि फिल्म निर्माताओं ने पैसे के लोभ में मेरे परिवार की प्रतिष्ठा को गिराने की कोशिश की है। भारती ने कहा कि फिल्म बनाने से पहले परिवार की सहमति नहीं ली गई और गंगूबाई पर लिखी किताब की सहमति के लिए भी कोई हमारे पास नहीं आया था। भारती ने आगे कहा, हम गर्व से अपनी नानी के किस्से लोगों को सुनाया करते थे।
फिल्म का प्रोमो आने के बाद लोग हमसे कहने लगे हैं कि आपकी नानी तो वेश्या थी। भारती ने कहा कि उनकी नानी ने जीवनभर कमाठीपुरा की वेश्याओं के जागरण और उत्थान का कार्य किया है। उल्लेखनीय है कि गंगूबाई की पोती हुसैन ज़ैदी की लिखी किताब ‘माफिया क्वींस ऑफ़ मुंबई’ की बात कर रही थी। इसी किताब के आधार पर संजय लीला भंसाली ने ये फिल्म बनाई है। लेखक हुसैन ज़ैदी ने इस फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा है कि भंसाली ने गंगूबाई को सजीवता के साथ प्रस्तुत किया है।