जमीन घोटाले, डिफेंस डील घोटाले के बाद अब प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का नाम यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोलियम घोटाले में दलाली खाने से भी जुड़ गया है।आज ही वाड्रा की पेशी होने वाली है। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वाड्रा पर दलाली खाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि साल 2009 में यूपीए सरकार के दौरान हुई पेट्रोलियम डील में दलाली का पैसा सिंटेक इंटरनेशनल नाम की कंपनी को मिला था। पात्रा ने कहा है कि यह कंपनी वाड्रा के नजदीकी सहयोगी संजय भंडारी की है। वही संजय भंडारी जिसका नाम डिफेंस डील में सामने आ चुका है। उन्होंने कहा है कि इस प्रकार वाड्रा को 1.9 लाख पाउंड की दलाली मिली थी। मालूम हो कि आज ही ईडी रॉबर्ट वाड्रा से मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामले में पूछताछ करने वाली है।
#NewsAlert | Gone are the days when Mr. Vadra possessed one property in London. Today he has 8 properties in London: @sambitswaraj pic.twitter.com/FyvOOb04y4
— News18 (@CNNnews18) February 6, 2019
इतना ही नहीं संबित पात्रा ने राबर्ट वाड्रा के खिलाफ लंदन में करोड़ो रुपये की 8 संपत्तियां होने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कांग्रेस दफ्तर के बाहर दो अपराधियों के पोस्टर लगे हैं। पहला है अपराधी नंबर एक राहुल गांधी और दूसरा है अपराधी नंबर दो रॉबर्ट वाड्रा।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के हवाले से यह खुलासा हुआ है कि राबर्ट वाड्रा से जुड़े घोटालों का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। ऐसा लगता है कि ईडी का शिकंजा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा पर कसता जा रहा है। ईडी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यूपीए सरकार के दौरान साल 2009 में जो पेट्रोलियम डील हुई थी उसमें जिन लोगों को दलाली मिली थी उनमें वाड्रा की कंपनी का भी नाम शामिल है। इस संदर्भ में इंग्लैंड की कंपनी सैंटेक इंटरनेशनल अब जांच के घेरे में है। जांच एजेंसियों का कहना है कि यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोलियम डील पक्की होते ही पर हस्ताक्षर होते ही सैंटेक कंपनी को दलाली के पैसे मिले थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के पेट्रोलियम डील पक्की होते ही राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट को बहुत बड़ी रकम मिली थी। उच्चस्तरीय सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि स्काईलाइट कंपनी को पेट्रोलियम डील के बदले 1.9 मिलियन पाउंड की दलाली मिली थी। ये पैसे दुबई की मुद्रा में साल 2010 में दी गई थी।
सबसे पहले दलाली के पैसे वाड्रा के नजदीकी सहयोगी संजय भंडारी की कंपनी सैंटेक इंटरनेशनल में भेजे गए। उसी पैसे से सैंटेक ने लंदन स्थित वोर्टेक्स नाम की निजी कंपनी से 12 ब्रेंस्टोन मैंसन खरीदा था। बाद में उसी वोर्टेक्स कंपनी के सारे शेयर एनआरआई व्यवसायी सी थंपनी ने वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट को ट्रांसफर कर दिए। ईडी को अंदेशा है कि 12 ब्रेंस्टोन मैंसन समेत लंदन में छह फ्लैट इसी दलाली के पैसे से खरीदे गए थे।
सूत्रों का कहना है कि उनके पास कई संपत्तियां हैं जिनमें 1.9 मिलियन पाउंड की प्रॉपर्टी के साथ-साथ 4 मिलियन पाउंड तथा 5 मिलियन पाउंड की दो अन्य संपत्तियां हैं। इसके अलावा छह अन्य फ्लैट्स भी शामिल हैं। ये सारी संपत्तियां लंदन में हैं। ईडी को संदेह है कि ये सारी संपत्तियां वाड्रा और उनके सहयोगियों से जुड़ी हुई है।
इसलिए ईडी के वकील डीपी सिंह ने कोर्ट से आग्रह किया था कि रॉबर्ट वाड्रा को शीघ्र ही जांच एजेंसी के सामने पेश होना चाहिए क्योंकि उनके पास कई मजबूत साक्ष्य हैं।
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