इस्लामिक कट्टरता भारत में भी सर चढ़कर बोल रहा है। जहां एक और फ्रांस की एक मैगजीन में पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून छपने के बाद दुनिया के कई हिस्सों में बवाल मचा हुआ है। वही धर्मनिरपेक्ष देश कहे जाने वाले भारत में कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग उल्टी-सीधी हरकत कर रहे हैं । बेवजह भारत में प्रदर्शन कर यहां अव्यवस्था फैलाने के चलते दिल्ली में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है । इनमें खुद को मुसलमानों का सबसे बड़ा रहनुमा बताने वाले ओवैसी की पार्टी का एक नेता शामिल है।
दरअसल उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता मिर्जा शाहगिल ने विरोध जताते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों का फोटो लगा पोस्टर एक धार्मिक स्थल की सीढ़ियों पर लगा दिया। इसके बाद वहां मौजूद मुस्लिम लोगों ने पोस्टर को पैरों से कुचला। इस घटना की सीसीटीवी वीडियो वायरल हो गई। इस गंभीर मामले पर संज्ञान लेते हुए जाफराबाद थाना पुलिस ने देशद्रोह, धार्मिक उन्माद फैलाने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपीप मिर्जा शाहगिल और उसके एक साथ अबरार को गिरफ्तार कर लिया है। बाद में दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भी भेज दिया गया है।
पुलिस को जांच में पता चला है कि मिर्जा शाहगिल स्थानीय एआईएमआईएम नेता है। साल 2017 में मिर्जा ने चौहान बांगर वार्ड से निगम पार्षद का चुनाव लड़ा था। चुनाव में उसकी बुरी तरह से हार हुई थी। रविवार को मिर्जा ने अपने साथी के साथ मिलकर जाफराबाद के एक धार्मिक स्थल की सीढ़ियों पर पोस्टर लगाया। इसके बाद उसने फ्रांस का विरोध जताते हुए वहां के उत्पादों के बहिष्कार करने की अपील की। मौके पर मौजूद कुछ मुस्लिमों ने फ्रांस विरोधी नारे भी लगाए। इस बीच किसी ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
पुलिस को घटना की जानकारी मिली तो फौरन कार्रवाई करते हुए आरोपी मिर्जा और उसके साथी अबरार को गिरफ्तार कर लिया गया। माना जा रहा है कि फ्रांस का विरोध करने के मामले में दिल्ली में यह पहली गिरफ्तारी है। स्थानीय लोगों ने मिर्जा की गिरफ्तारी पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। लेकिन दिल्ली पुलिस का साफ कहना है कि इस तरह की उल्टी-सीधी हरकत को दिल्ली में अंजाम नहीं होने दिया जाएगा । स्थानीय मुस्लिम लोगों ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने वाला मामला बताया है। जबकि अन्य भारतीय लोगों का कहना है कि जिन लोगों को भी फ्रांस का विरोध करना है उन्हें यह सलाह दी जाती है कि वह फ्रांस पहुंचकर अपना विरोध जताए ।
इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी करके कहा- राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के ऊपर अस्वीकार्य भाषा में किए गए निजी हमलों की हम भर्त्सना करते हैं। ये भाषा अंतरराष्ट्रीय डिस्कोर्स के सबसे मूलभूत स्तरों का उल्लंघन करती है। हम उस हमले की भी कड़ी निंदा करते हैं, जिसने एक फ्रेंच टीचर की जान ले ली, और पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया। हम उनके परिवार और फ़्रांस के लोगों को सांत्वना देते हैं। भारत का गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर चुका है कि फ्रांस के विरोध करने के नाम पर मनमानी करने की छूट कतई नहीं दी जा सकती । ज्ञात हो की भोपाल में कांग्रेसी विधायक तथा मुंबई केे भिंडी बाजार में मुस्लिम प्रदर्शन के नाम पर हाल मेंं ही शक्ति प्रदर्शन किया था जिसकी खूब आलोचना हुई थी।