सरसंघ चालक मोहन भागवत पंडितों पर दिए बयान को वापस लें और ब्राह्मण समाज से माफी मांगे… अन्यथा काशी के चौरासी घाटों पर रविवार को होगा पिंड-दान बैठक में यह भी तय हुआ कि यदि किसी भी राजनैतिक दल के राजनेता या पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी ब्राह्मणों का अपमान किया तो ब्राह्मण सभा तत्काल उनका भी पिंड दान करेगा ताकि वह धर्मशास्त्र के अनुसार किसी भी मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने योग्य ही न बचे ।
देश मे ब्राह्मण समाज काे आज दोहरी जिम्मेदारी निभानी है। सनातन संस्कृति पर लगातार हो रहे हमलों से रक्षा करना अपने वजूद को कायम रखना। ब्राह्मण सनातन संस्कृति की बहती हुई वह अविरल धारा है जहां मानव का कल्याण निहित है ।
ब्राम्हण समाज समग्र मानव समाज का मार्गदर्शक है बदलते परिवेश में हमारे वर्णाश्रम व्यवस्था और आध्यात्मिक और नैतिक विरासत को अक्षुष्ण बनाए रखने में विप्रजनों कि महती भूमिका है आधुनिकता की अंधी दौड़ में प्राचीन सनातन परम्पराओं और मान्यताओं को यह समाज पूरी जीवंतता के साथ निभा रहा है।
प्राचीन काल में अपने धर्म की रक्षा के लिए ब्राह्मण सभी वर्गो के समाज को जोड़ कर कभी दानवों,मुगलों आदि से लड़ता रहा, उसी प्रकार आज फिर हमको एकत्र होकर जातिगत राजनीत करने वालो से भी लड़ना होगा ताकि अपने धर्म और वर्णाश्रम व्यवस्था की रक्षा के लिए क्योंकि राजनेताओं की निगाह में सनातन धर्म के चार स्तंभ ब्राह्मण, क्षत्रीय,वैश्य , सुद्र को तोड़कर वोट बैंक की राजनीत करना है, जो हमे सनातन धर्मी से धर्म विहीन बनाता है।
आजादी के सात दशक बीत जाने के बावजूद देश आज भी व्यवस्थागत और सामाजिक चुनौतियों से निपटने में उलझा हुआ है। … इसलिए समय आ गया है कि देश के युवा आगे आएं और जाति व्यवस्था पर आधारित गंदी और विभाजक राजनीति को खत्म कर संविधान की आत्मा की रक्षा करें।
बैठक की अध्यक्षता काशी के राम लक्ष्मण जानकी हनुमान मंदिर के महंत संजय मिश्रा ने किया जिसमे , अजय शर्मा प्रदेश अध्यक्ष केंद्रीय ब्राह्मण महासभा, विनय पांडेय , दीपू तिवारी, अभय पाठक , राजू चौबे,मनोज शर्मा , अवधेश त्रिपाठी , महापात्र समाज से राकेश कुमार जी आदि उपस्थित हुए ।