शायद मोदी सरकार देश की पहली सरकार हो जो वादा की अवधि से पहले ही अपना वादा पूरा कर चुकी हो। ज्ञात हो कि साल 2014 को सत्ता संभालने के एक साल बाद साल 2015 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यानि 15 अगस्त 2015 को देशवासियों से एक हजार दिनों में देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का वादा किया था। लेकिन मोदी सरकार ने अपने देशवासियों के कर्मठ लोगों के सहयोग से इसे करीब 22 दिन पहले ही पूरा कर लिया है।
मुख्य बिंदु
* सरकार के डाटा के मुताबिक भारत के सभी 5,97, 464 गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है
* मणिपुर के सेनापति जिला स्थित लीसांग बना बिजली पहुंचने वाला अंतिम गांव
सरकार यह वादा पिछले शनिवार को तब पूरा हुआ जब मणिपुरके सेनापति जिला स्थित लीसांग गांव को नेशनल पावर ग्रिड से जोड़ दिया गया। तभी तो इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के हर उस नागरिक का अभिनंदन किया है जो आज के इस प्रयास में अपना अथक परिश्रम दिया है। इस संदर्भ में ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है “ताकतवर इंडिया को वास्तविक बनाने के सपने को साकार करने के लिए अथक प्रयास करने वाले हर भारतीय को दिल से अभिनंदन है। चाहे वह तकनीकी कर्मचारी हों या फिर किसी भी टीम के हिस्सा बने कोई भी कर्मचारी। इन सबका आज का प्रयास आने वाले कई सालों तक भारत की पीढ़ियों की मदद करता रहेगा”।
I salute the efforts of all those who worked tirelessly on the ground, including the team of officials, the technical staff and all others, to make this dream of a #PowerfulIndia a reality. Their efforts today will help generations of Indians in the coming years. pic.twitter.com/t8WjZgpNuT
— Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2018
सरकार ने इस लक्ष्य को पाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर एक योजना चलाई। दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDYGJY) योजना इस मामले में बाजी पलटने वाली योजना साबित हुई। इस योजना के कार्यान्वयन में राज्य संचालित ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने महत्वपूर्ण प्राथमिक भूमिका निभाई।
उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने देश के कुल 5,97,464 गांवों तक दिनों में बिजली पहुंचाई है। जब सरकार ने इस परियोजना की शुरुआत की तो आंकड़ों के मुताबिक 18,452 गांवों तक ही बिजली पहुचानी थी। लेकिन योजना के दौरान यह पता चला कि इसके अलावा 1275 गांवों में भी अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। लेकिन 28 अप्रैल तक उन गांवों में भी बिजली पहुंचा दी गई है।
अगर सरकारी डाटा के मुताबिक 18,452 गांवों में ही बिजली पहुंचानी होती तो सरकार काफी पहले ही सभी गांवों में बिजली पहुंचा चुकी होती। प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से कहा था कि एक हजार दिन में देश के हर गांव में बिजली पहूंचानी है। उन्होंने जो संकल्प लिया उसे पूरा किया । उन्होंने कहा था कि इस योजना से देश में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत बढ़ेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जहां हर घर को रोशन करना है वहीं हर किसान को खेती के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना है। जो कमोवेश बिजली पर ही आधारित है।
सरकार ने हर गांव में बिजली पहुंचाने के साथ ही अपना अगला लक्ष्य भी निर्धारित कर लिया है। सरकार ने मार्च 2019 तक हर गांव को 24 घंटे बिजली देने का संकल्प लिया है। इसके अलावा सरकार का अगला कदम देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के करीब 40 मिलियन लोगों तक बिजली कनेक्शन पहुंचाना है। अब देखना है कि जिस प्रकार सरकार ने हर गांव में बिजली पहुंचाने का वादा पूरा किया उसी प्रकार देश 40 मिलियन लोगों को बिजली कनेक्शन देने में सफल हो पाती है कि नहीं।
URL: pm modi claims India fully electrified, manipur’s Leisang becomes last village to get power
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