प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह विश्व के सबसे लम्बे हाईवे टनल का उद्घाटन किया. सर्दियों में पूर्वी लद्दाख को पूरे भारत से जोड़्ने वाले इस टनल का नाम ‘अटल टनल’ रखा गया है.
प्रधानमंत्री मोदी टनल का उदघाटन करने के लिये सुबह 10 बजे हिमाचल प्रदेश पहुंचे थे. उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उद्घाटन समारोह में मौजूद थे. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली और लाहौल-स्पिति जिले में बनी इस सुरंग का काम पिछले 10 वर्षों से चल रहा था.
अटल टनल 9 किलोमीटर लम्बा है . यह मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पिती घाटी से जोड़्ती है. इससे पहले घाटी हर साल लगभग 6 महीने तक भारी बर्फबारी के कारण कट जाती थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन करते समय कहा कि अटल टनल से भारत के बार्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई ऊर्जा मिलेगी. यह विश्व की श्रेष्ठतम बार्डर कनेक्टिविटीज़ का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. बार्डर इलाकों में कनेक्टिविटी का मुद्दा सीधे विकास से जुड़ा है और देश की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा है.
लदाख सीमा पर भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद के लिहाज़ से अटल टनल भारतीय सैनिकों के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है. सीमा विवाद का अभी तक कोई हल न निकलने के कारण भारतीय सैनिकि सर्दियों भर भी सीमा पर तैनात रहेंगे. तो लांजिस्टिक्स के लिहाज से यह सुरंग बहुत महत्व्पूर्ण है. यह पूरे भारत को पूर्वी लद्दाख से जोड़्ती है और सुनिश्चित करती है कि सीमा पर तैनात जवानों को कड़ी सर्दियों में खाद्य सामग्री, द्वाइयों आदि आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी न आये.
अटल टनल के दोनों पोर्टल्स पर टनल एंट्री बैरियर लगे हुए हैं. किसी भी आपातकालीन संचार के लिए प्रत्येक 150 एमटीआर पर टेलीफोन कनेक्शन दिए गए हैं. टनल में प्रत्येक 60 एमटीआर पर अग्नि हाइड्रेंट सिस्टम लगा हुआ है. टनल के अंदर हर 250 माउंट पर सीसीटीवी कैमरों के साथ ऑटो घटना का पता लगाने की प्रणाली को इंस्टॉल किया गया है. टनल के अंदर हवा की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए हर 1 किलोमीटर पर वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली लगी हुई है.
बहुत बढिया