भारत के कुछ पत्रकारों और तथाकथित मीडिया संस्थान की लीला अपरंपार है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहने वाले वामी-कांगी पत्रकारों की पाकिस्तान जाते ही सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है। पाकिस्तान ने जिन चुनिंदा पत्रकारों को अपने यहां बुलाया उससे ही जाहिर हो गया है कि ये लोग पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ यारी निभाने गए हैं न कि पत्रकारिता करने। ओप इंडिया वेबसाइट के हवाले से वहां बुलाए गए पत्रकारों और संस्थानों की सूची से ही स्पष्ट हो जाता है कि इन लोगों को इमरान खान का जयगान करने के लिए बुलाया गया था। पाकिस्तान ने जहां एनडीटीवी के चार पत्रकारों को आमंत्रित किया था वहीं द वायर के तीन पत्रकारों को बुलाया था। अब ये लोग तो पाकिस्तान के संबंध में इमरान खान से सांदर्भिक व कठिन सवाल पूछने से रहे।
@BDUTT @sardesairajdeep @thewire_in while you beg for interviews and press conference of @narendramodi ! Why couldn't u ask tough questions to @ImranKhanPTI ? Or is your ideology and personal interests bigger than the nation! I am sure @smitaprakash would have done much better!
— MyNameIsNobody (@thinkingNobody) November 30, 2018
करतारपुर कॉरिडॉर के उद्घाटन को कवर करने पाकिस्तान गए भारतीय पत्रकार टीम में शामिल बरख दत्त हो या राजदीप सरदेसाई, सिद्धार्थ वरदराजन हो या सागरिका घोष, ये सभी तो पहले से ही पाकिस्तान और इमरान खान के हितैषी बताए जाते हैं। ये लोग देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साक्षात्कार करने या फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस की मांग करते रहते हैं। ये लोग देश में हो रहे सकारात्मक बदलाव पर बात करने के लिए मोदी के साक्षात्कार की मांग नहीं करते बल्कि प्रधानमंत्री मोदी तथा देश की प्रतिष्ठा को आंच पहुंचाने की साजिश के तहत ये मांग उठाते रहते हैं। लेकिन जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कठिन प्रश्न पूछने की बारी आई तो गोल-मोल सवाल कर अपने पत्रकार होने की खानापूर्ति कर ली। तभी तो लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर इन लोगों ने उनसे कोई कठिन सवाल क्यों नहीं पूछा? सवाल उठता है कि क्या इनलोगों की वामपंथी विचारधारा तथा व्यक्तिगत हित देश से ज्यादा बड़ा है?
मुख्य बिंदु
* पाकिस्तान गए भारतीय पत्रकारों की सूची को देखकर यही लगता है कि इन्हें इमरान खान का जयगान करने के लिए बुलाया गया था
* एनडीटीवी के चार और द वायर के तीन पत्रकारों को बुलाया गया था, जबकि रिपब्लिक, जी न्यूज तथा एएनआई के किसी पत्रकार को नहीं बुलाया गया
पाकिस्तान ने भी अगर अपने देश में भारत के बरखा दत्त जैसे कुछ चुनिंदा पत्रकारों को आने की छूट दी है तो इसमें उसका हित छिपा है। पाकिस्तान के नए बने प्रधानमंत्री इमरान खान अच्छी तरह जानते हैं कि बरखा दत्त, सागरिका घोष, राजदीप सरदेसाई तथा सिद्धार्थ वरदराजन जैसे पत्रकार स्वयं ही उनसे शर्मिंदा करने वाले सवाल नहीं पूछेंगे। वह जानते हैं कि एनडीटीवी तथा वायर अपने पत्रकारों से इमरान खान से वे सवाल नहीं पूछने को कहेंगे जिसका जवाब देना जरूरी होने के साथ परेशानी वाला हो। वह अपने पत्रकारों को पाक जनरल से कुलभूषण जाधव को अवैध रूप से कैद में रखने को लेकर सवाल पूछने की इजाजत नहीं देंगे। तभी तो पाकिस्तान के हुक्मरानों ने भारत में रह रहे पाकिस्तान हितैषी पत्रकारों को अपने यहां आने की इजाजत दी।
https://twitter.com/HarbirSingh_/status/1068394225711108096?s=19&fbclid=IwAR1kYg7Evo56XJ1cKSjZyedhdrsVhpcWN5FQ84WF0ZzZRydn_QmzaW8GVkg
करतारपुर कॉरिडोर उद्घाटन को कवर करने के अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने के लिए उन्हीं भारतीय पत्रकारों को बुलाया गया जो पहले ही पाकिस्तान के वित्त मंत्री कुरैशी से मिल चुके थे। ओप इंडिया के मुताबिक भारत के वही पत्रकार पाकिस्तान बुलाए गए हैं जिन्हें बुलाने की अनुमति पाकिस्तानी उच्चायोग ने दी है।
इस लिस्ट को देखकर स्पष्ट हो जाता है कि इमरान खान ने उन्हीं पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को आमंत्रित किया है जिनपर पाकिस्तान हितैषी होने का आरोप है। इस लिस्ट में कही भी रिपब्लिक टीवी, टाइम्स नाउ, जी न्यूज तथा एएनआई के पत्रकारों का नाम नहीं है। इस मामले में जब एएनआई के पत्रकार स्मिता प्रकाश से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने उन्हें वीजा ही नहीं दिया। इमरान खान को जिन पत्रकारों को नहीं बुलाना था उसका वीजा ही क्लियर नहीं होने दिया। इस लिस्ट में एक खास बात और देखने को मिली है। इसमें प्रिंट और डिजिटल सेक्शन के पत्रकार सूची में सबसे ऊपर “बुरखा” दत्त का नाम है जबकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सेक्शन में राजदीप सरदेसाई का नाम सबसे ऊपर रखा गया है।
मालूम हो कि करतारपूर कॉरिडोर के उद्घाटन अवसर पर इमरान खान ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को भी आमंत्रित किया था। सिद्धू तो राहुल गांधी के कहने पर चले गए, लेकिन स्वराज और कैप्टन ने इमरान के निमंत्रण को ठुकरा दिया। ध्यान रहे कि सिद्धू ने खालिस्तानी आतंकी गोपाल चावला के साथ मिलकर जो नाटक किया उसे उजागर वहां गए पत्रकारो में से किसी ने नहीं किया। इससे साफ है कि भारत से पाकिस्तान गए पत्रकार एक खास मकसद से वहां गए थे। अगर ये कहें कि ये लोग पाकिस्तान के बुलावे पर हनीमून पीरियड मनाने के लिए गए थे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए।
URL: poisioning on PM Modi Indian journalists asked honey question to Pak PM Imran Khan!
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