जैसा की आप जानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ प्रत्येक वर्ष 25 नवंबर को “महिलाओं के विरुध हिंसा उन्मूलन दिवस” मनाता है लेकिन महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है। सबसे दुःखद तो यह है कि बेटी पैदा होने के बाद महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है, जबकि बेटी होगी या बेटा, यह महिला नहीं बल्कि पुरुष पर निर्भर है अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत की दयनीय स्थिति का मुख्य कारण जनसँख्या विस्फोट है।
हमारे देश में 122 करोड़ लोगों के पास आधार है, 25 करोड़ लोग (20%) बिना आधार के हैं और लगभग 5 करोड़ अवैध घुसपैठिये रहते रहते हैं अर्थात हमारे देश की जनसँख्या सवा सौ करोड़ नहीं बल्कि डेढ़ सौ करोड़ है और हम चीन से आगे निकल चुके हैं।
कृषि योग्य भूमि दुनिया की 2%, पीने योग्य पानी 4% और जनसँख्या दुनिया की 20% ! क्षेत्रफल चीन का एक तिहाई और जनसँख्या वृद्धि की दर चीन की तीन गुना। चीन में प्रति मिनट 11 बच्चे पैदा होते हैं और भारत में प्रति मिनट 33 बच्चे पैदा होते हैं।
जल जंगल और जमीन की समस्या, रोटी कपड़ा और मकान की समस्या, गरीबी और बेरोजगारी की समस्या, भुखमरी और कुपोषण की समस्या तथा वायु जल और ध्वनि प्रदूषण की समस्या का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है।
टेम्पो बस और रेल में भीड़, थाना तहसील और जेल में भीड़ तथा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भीड़ का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है। चोरी डकैती और झपटमारी, घरेलू हिंसा और महिलाओं पर अत्याचार तथा अलगाववाद कट्टरवाद और पत्थरबाजी का मूल कारण भी जनसँख्या विस्फोट है।
उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए ही संविधान समीक्षा आयोग (जस्टिस वेंकटचलैया आयोग) ने 2002 में जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था जो आजतक पेंडिंग है। जस्टिस वेंकटचलैया आयोग की सिफारिश को लागू करने की मांग को लेकर हमलोग रविवार 25 नवंबर दोपहर 3 बजे इंडिया गेट पर इकठ्ठा हो रहे हैं और आपसे आग्रह करते हैं इस कार्यक्रम में शामिल होकर आप भी “हम दो- हमारे दो कानून” का समर्थन करें।
धन्यवाद और आभार,
अश्विनी उपाध्याय
15, सीतलवाड़ चैम्बर्स, सुप्रीम कोर्ट, 8800278866,
URL: Population Control Law- wants law to control population