विपुल रेगे। अभिनेता रणवीर सिंह ने न्यूड फोटो शूट के मामले में पुलिस थाने पर हाजिरी देने से मना कर दिया है। 22 अगस्त को उन्हें चेम्बूर थाने पर पेश होना था। रणवीर पेश होने के लिए दो सप्ताह का समय मांग रहे हैं। इस प्रकरण से पता चलता है कि मुंबई के बॉलीवुड के हालात वैसे ही हैं, जैसे एकनाथ शिंदे की सरकार आने से पहले हुआ करते थे। बॉलीवुड अपने चिर-परिचित ढर्रे पर ही चल रहा है। जिस अभिनेता को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए था, वह पेश होने से भी इंकार कर रहा है।
भारत में अश्लीलता को अपराध माना गया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 292, 293 और 294 के तहत दंड का प्रावधान किया गया है। दोषी पाए जाने पर दो वर्ष की सजा हो सकती है। ऐसे बहुत से कलाकार हैं, जिन पर ये धारा लगाई गई है। मिलिंद सोमण को तो गोवा में गिरफ्तार कर लिया गया था। हालाँकि मुंबई पुलिस द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई होना मुश्किल दिखाई देता है। याद करें उद्धव ठाकरे की सरकार में कलाकारों को किस तरह की अप्रत्यक्ष सुरक्षा दी जाती थी।
कैसे ड्रग्स कांड के समय तत्कालीन सरकार बॉलीवुड के समर्थन में आ गई थी। ऐसा ही अब भी होता दिखाई दे रहा है। ड्रग्स के विरुद्ध एनसीबी की लड़ाई बिलकुल थम चुकी है। सुशांत सिंह राजपूत केस की जाँच अब आगे नहीं बढ़ रही है। दिशा सालियान का मामला अब ठंडा पड़ चुका है। सीबीआई का कुछ पता नहीं है। पालघर में साधुओं की नृशंस ह्त्या को हिंदूवादी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भूल चुके हैं। जिस केंद्र सरकार को बॉलीवुड की रग-रग में ड्रग्स दिखाई दे रही थी, अब उन्हें बॉलीवुड साफ़-सुथरा दिखाई देने लगा है।
जब ऐसे बड़े मामलों पर शिंदे सरकार ने आँखें मूंद ली है तो रणवीर की नग्नता का मामला तो बहुत छोटा सा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को बॉलीवुड से कोई आपत्ति नहीं है और वे इसके साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं। मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद उनके भाषणों में ड्रग्स इन बॉलीवुड कहीं सुनाई नहीं देता है। ऐसा तो नहीं है कि मुंबई के ड्रग पैडलर्स एकसाथ गायब हो चुके हैं या उन्होंने भय से काम बंद कर दिया है।
रणवीर सिंह ने जिस अंदाज़ में पुलिस के समन की धज्जियाँ उड़ाई है, उससे स्पष्ट है कि बॉलीवुड को शिंदे सरकार का वैसा ही वरदहस्त प्राप्त है, जैसा उद्धव सरकार के समय था। तो भूल जाइये कि ये सरकार उद्धव सरकार के पुराने पाप जनता के सामने लाएगी। सुशांत, दिशा, पालघर, ड्रग्स इन बॉलीवुड की बंद फाइलों पर बैठकर सत्ता चलाई जा रही है।