वैसे तो मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए फेक न्यूज और अफवाह फैलाने वालों में प्रशांत भूषण अव्वल रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सिफारिश करने वाली कमेटी (कोलेजियम) की आड़ में मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए फेक न्यूज फैलाया है। प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए गए दो जजों की नियुक्ति करने के फैसले को मनमाना और अवैध बताया है।
मालूम हो कि जजों की नियुक्त करने वाली सुप्रीम कोर्ट की संस्था कोलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और दिल्ली हाई कोर्ट के जज संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीश नियुक्त किया है। ध्यान रहे कि कोलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश समेत पांच जज सदस्य होते हैं। उन्हीं की सिफारिश पर केंद्र सरकार जजों की नियुक्ति करती है। बता दूं कि सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीशांे की नियुक्ति में सीधे केंद्र सरकार की कोई भी भूमिका नहीं होती है। यह सूची मुख्य न्यायधीश सहित कोलेजियम के न्यायधीश ही तय करते हैं। लेकिन प्रशांत भूषण बदनाम मोदी सरकार को कर रहे हैं, जो सीधे-सीधे उनकी धुर्तता से भरी फेक न्यूज है।
Breaking! Govt appoints 2 judges to the SC in a hurry after several sitting&retired judges, BCI&many other people questioned the arbitrary &illegal manner in which the recommendation of the collegium of December was not acted upon & superceded by new nameshttps://t.co/8aCb3L3Wm1
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 16, 2019
सुप्रीम कोर्ट में इन दोनों जजों की नियुक्ति होने के साथ ही प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए फेक न्यूज फैलाना शुरू कर दिया है। प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार पर कोलेजियम के साथ मिलीभगत कर मनमाने और अवैध तरीके से जजों की नियुक्ति करने का आरोप लगाया है। प्रशांत भूषण का कहना है कि सरकार ने हड़बड़ी में यह कदम उठाया है। इसके साथ ही उसने मोदी सरकार पर कोलेजियम के पहले की सिफारिश पर फैसला नहीं करने का भी आरोप लगाया है। उसका तो यहां तक कहना है कि बार काउंसिल के साथ अन्य लोग भी सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लेकिन प्रशांत भूषण के इस झूठ का पर्दाफाश टीवी विश्लेषक मोहनदास पाई ने अपने ट्वीट के माध्यम से किया है।
Why are you confused, misleading the public?The SC collegium sent the names,the govt accepted, there is no hurry! The collegium had not sent the other 2 names, so what is illegal or arbitrary on part of govt? @rsprasad https://t.co/nq9zih66dn
— Mohandas Pai (@TVMohandasPai) January 16, 2019
उन्होंने लिखा है कि प्रशांत भूषण देश के लोगों में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए गए दो जजों पर भ्रम फैला रहै है। उन्होंने लिखा है कि कोलेजियम ने जो दो जजों का नाम सुझाया था उसे केंद्र सरकार ने मंजूरी भर दी है। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट के जजों के चयन में केंद्र सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। प्रशांत भूषण को इसमें कहां जल्दबाजी दिख गई? पाई ने लिखा है कि कोलेजियम ने अन्य दो न्यायधीश का नाम कभी भेजा ही नहीं था। ऐसे में मोदी सरकार की मनमानी और अवैध तरीके से नियुक्ति का मामला ही कहां आता है?
‘चित भी मेरी पट भी मेरी अंटा तेरे बाप का’ प्रशांत भूषण की यही आदत रही है। वह पहले भी कोलेजियम के फैसले को लेकर मोदी सरकार को बदनाम करने का विफल प्रयास कर चुका है। याद करिए उस घटना को जो न्यायपालिका के इतिहास में पहली बार तब घटी थी जब सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम चार जजों ने प्रेस कान्फ्रेंस की थी। उस समय यही प्रशांत भूषण था जो उसका समर्थन करते हुए मोदी सरकार को बदनाम करने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखा था। उन चार जजों में वर्तमान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई भी शामिल थे। और आज जब उन्हीं के नेतृत्व वाले कोलेजियम ने दो जजों की सिफारिश की है तो यही प्रशांत भूषण एक बार फिर मोदी सरकार को बदनाम करने में जुट गए हैं।
Act 1:
When Govt opposes Justice KM Joseph's elevation since he is No. 42 in all India seniority: "Govt is interfering with judicial independence. "
Act 2:
When Govt accepts elevation of Justice Sanjiv Khanna even as he is No. 33 in seniority: "This is Govt's plan."
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) January 17, 2019
यह वही प्रशांत भूषण है जब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में जज केएम जोसेफ की नियुक्ति का विरोध किया था तब न्यायपालिका की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। जबकि जोसेफ वरिष्ठता के आधार पर 42वें स्थान पर थे। और आज जब वरिष्ठता सूची में 33वें स्थान पर रहने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज संजीव खन्ना की नियुक्ति को हरी झंडी दिखाई गई है तो यही प्रशांत भूषण कोलेजियम के इस फैसले को मोदी सरकार की योजना बता रहा है।
इसकी हरकत से साफ हो जाता है कि वह कांग्रेस का प्यादा बनकर नाच रहा है। कांग्रेस की शह पर वह मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान हर उस फैसले को विवादित बनाना चाहता है जो पारदर्शी और बिना किसी पक्षपात के लिए गए हों।
URL : Prashant again spread fakenews to defame collegium and Modi Govt !
Keyword : Supreme court, collegium, fakenews, Modi Govt, prashant bhushan