दिशा-सुशांत की हत्या काफी, कानून-व्यवस्था बतलाने को;
ये ही पाप बहुत काफी है , बॉलीवुड निपटाने को ।
नेता – अभिनेता व गुंडों का , ये सारा काकस तोड़ो ;
लगातार लुट रहा राष्ट्र है , इसकी दिशा को अब तो मोड़ो ।
हिंदू के हाथों में जो कुछ , वो सारे हथियार चलाओ ;
राष्ट्रप्रेम की उठे सुनामी , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाओ ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , प्रत्येक दिशा – सुशांत बचेगा ;
वरना सेक्युलर और जिहादी , गजवायेहिंद करायेगा ।
गजवायेहिंद का मकसद समझो , हिंदू – धर्म मिटाना है ;
केवल धर्म – सनातन से ही , हिंदू को बच पाना है ।
इसीलिए गद्दारों ने मिल , झूठा – इतिहास बनाया है ;
चरित्रहीन – नेता पढ़वाते , सबको जिम्मी बनवाया है ।
सौ में नब्बे हिंदू – नेता , कायर , कुटिल , कपूत हैं ;
झूठा – इतिहास पढ़ाने वाले , ये मजहब के दूत हैं ।
व्यर्थ कर दिया सारा-बहुमत , कुछ भी अच्छा न करते ;
शाहीन – बाग तक रोक न पाये , रोड – जाम से डरते ।
डर के मारे कृषि – कानूनों तक को , ये वापस कर लेते हैं ;
पता नहीं क्यों इतना डरते ? कदमों को पीछे करते हैं ।
झूठे सेक्युलर हैं ये सारे , घटिया पक्षपात करते हैं ;
तुष्टीकरण बढ़ाया इतना , जगह-जगह हिंदू मरते हैं ।
धर्म के पक्के- दुश्मन हैं ये , मजहब – वाद बढ़ाते हैं ;
आंख उठाकर उन्हें न देखें , केवल मंदिर तुड़वाते हैं ।
हिंदू – धर्म मिटाने की ही , मानो कसमें खायीं हैं ;
काशी- विध्वंस को जब से देखा , हिंदू में जागृति आयी है ।
जाग रहे हैं सारे – हिंदू , सोशल – मीडिया जगा रहा है ;
गौरवशाली हिंदू-इतिहास को, सोशल-मीडिया बता रहा है ।
हिंदू – जागरण नहीं रुकेगा , कायर – नेता जायेगा ;
अब यूपी – आसाम से कोई , शौर्यवान ही आयेगा ।
राष्ट्र का नेतृत्व शौर्यवान हो , हिंदू – धर्म बचाना है ;
यूपी – आसाम से नेता लाकर , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
अभी तो नेतृत्व गिर चुका है इतना, राष्ट्र नष्ट हो सकता है ;
अब तो केवल हिंदू – राष्ट्र ही , भारतवर्ष बचा सकता है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”