पत्रकारिता की आड़ में एजेंडा चलाने वाले उर्मिलेश सॉरी उर्मिलेश यादव बेचैन हैं कि उनका यादवराज उप्र से कहीं ढह न जाए! वैसे उप्र का चुनाव परिणाम तो 11 मार्च को आएगा, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का बनारसी रोड शो देखकर आजतक चैनल में बैठे उर्मिलेश यादव और राजदीप सरदेसाई की बेचैनी से समझा जा सकता है कि यूपी में यादवराज पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं! उर्मिलेश यादव और मुंह से थूक उड़ाता राजदीप सरदेसाई के चेहरे की रंगत बता रही है कि वह भले ही भाव-भंगिमा में खींसे निपोरने की कोशिश करें, लेकिन अंदर से हवा उड़ी हुई है! राजदीप तो अपने इटालियन मालकिन के चप्पल उठाने के क्रम में बनारस के BHU को बदनाम करने की कोशिश कर चुका है, हालांकि Zee News की रिपोर्टिंग के बाद कांग्रेसी दलाल की उसकी छवि और मजबूत ही हुई है!
मैं खुद काशी विश्वविद्यालय (BHU) का विद्यार्थी रहा हूं। वहीं से मैंने स्नातक की पढ़ाई की है। चाहें तो इन दलाल पत्रकारों की नई होप अरविंद केजरीवाल मेरे सर्टिफिकेट की जांच करा लें। मैं 1994-1997 समाजिक विज्ञान संकाय में समाजशास्त्र का विद्यार्थी था। जेएनयू में भी अपने दोस्त शिशिर के साथ दो साल तक उसके हॉस्टल के कमरे में रह चुका हूं। तीन साल बीएचयू और दो साल जेएनयू को नजदीक से देखने-समझने की वजह से यह कह सकता हूं कि बीएचयू में जहां संस्कार पलते हैं, वहीं जेएनयू में कुसंस्कारियों का दबदबा ज्यादा है। अच्छे लोग जेएनयू में भी हैं, लेकिन उनकी आवाज दबा दी गई है और उस आवाज को दबाने में कांग्रेसी गुलाम पत्रकारों और लेफ्ट बिरादरी की बड़ी भूमिका है, जो जब तब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रुदाली में अपने नरसंहारी विचारों को छुपाए दिखते हैं।
हां तो उर्मिलेश यादव, किसी खिसियानी बिल्ली की तरह खीं-खीं तो कर रहे हैं, लेकिन उनके चेहरे की हवाईयां बता रही है कि अखिलेश यादव का कुनबा शायद चुनाव हार रहा है। यह उर्मिलेश खुद को निष्पक्ष दिखाने के लिए अपने नाम के साथ उपनाम नहीं लगाते, लेकिन निष्पक्षता तो विचारों में होता है, इसे वह भूल जाते हैं! राज्यसभा टीवी से लेकर आजतक पर जब भी वह अपना मुंह खोलते हैं, लगता है कि कोई जातिवादी लठैत जानबूझ कर खुद को सभ्य दिखाने की कोशिश कर रहा है। भैंस कितना भी पूंछ उठा ले, वह गाय नहीं बन सकती! उर्मिलेश यादव-राजदीप सरदेसाई आदि का हाल भी कुछ ऐसा ही है!
अखिलेश यादव-राहुल गांधी का उप्र में लगातार रोड शो हो रहा है। उर्मिलेश इन दो लड़कों के रोड शो पर बलिहारी जाते हैं और हर चैनल पर कहते दिखते हैं- इन लड़कों में कंफिडेंश है। इन्हें लोग पसंद कर रहे हैं वगैरह..वगैरह। लेकिन यदि आज यही रोड शो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बनारस में है, तो उर्मिलेश का डिसकोर्स ही बदल गया है। वैसे आज शाम ही बनारस में अखिलेश-राहुल का रोड शो है! आप सभी देखना, यह आदमी फिर से किसी चैनल पर खींचे निपोरेते हुए बलिहारी जाएगा!
अरे भाई! आप खुलकर खुद को ‘समाजवादी सर्टिफाई यादव पत्रकार’ क्यों नहीं लिखते? क्यों खुद को निष्पक्ष पत्रकार कहते हो? आपका खीं-खीं राजदीप को और राजदीप का थूक उड़ाता मुंह आपको पसंद आ जाए तो आ जाए, जनता तो तुम सबको कबका नकार चुकी है!