
संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण सम्मिट में प्रधानमंत्री मोदी ने लहराया भारत का परचम
संयुक्त राष्ट्र संघ की पर्यावरण सम्मिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वक्तव्य से एक बार फिर इस बात का प्रमाण दे दिया कि भारत वाकई में विश्वगुरू है. एक ऐसे समय में जब जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण को निरंतर पहुंच रही क्षति को लेकर पूरे विश्व में उथल पुथल मची हुई है और कई विकसित राष्ट्र क्लाइमेट चेंज या जलवायु परिवर्तन से निबटने की अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हटते नज़र आ रहे हैं, ऐसे में भारत पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपनी प्रतिबद्धिता दिखा पूरे विश्व का प्रतिनिधित्व कर रहा है.
पर्यावरण संरक्षण के लिये विश्व में व्यापक जन आंदोलन की आवश्यकता
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य में इस बात पर सर्वाधिक ज़ोर दिया कि पर्यावरण संरक्षण के लिये देशों को एक व्यापक जन आंदोलन की ज़रूरत है, एक ऐसा आंदोलन जिसमें सरकारों के साथ आम लोगों की भी भागीदारी हो, एक ऐसा जन आंदोलन जिसमे पर्यावरण संरक्षण को मानवीय मूल्यों से जोड़कर देखा जाये, उसे डेवेलेप्मेंटल डिस्कोर्स का हिस्सा बनाया जाये. भारत में तो वैसे ही सदियों से लोग प्रकृति को ईश्वर का स्वरूप मानकर नाना प्रकार के रूपों में पूजते आये हैं. प्रकृति के प्रति इसी श्रद्धा और आदर भाव को लोग अगर अपने रोज़मर्रा के जीवन यापन के तरीकों में उतारें तो काफी हद तक पर्यावरण संरक्षण संभव है.
भारत के शाश्वत ऊर्जा उत्पादन को दोगुने से भी अधिक करने का लिया प्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के रेन्युएबल एनर्जी यानि शाश्वत ऊर्जा उत्पादन को 450 गेगावाट तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया. इसके अलावा नांन रेनुयेबल यानि ऊर्जा के नश्वर स्त्रोतों पर भारत अपनी निर्भरता कम करने के लिये पेट्रोल और डीज़ल में बायो फ्यूल की मात्रा में भी खासा इजाफा करेगा, प्रधानमंतत्री ने यह घोषणा भी की. पेट्रोल और डीज़ॅळ पर अपनी निर्भरता कम करने के लिये भारत विद्युत से चलने वाले वाहनों के क्षेत्र में भी अच्छी खासी पहल कर रहा है. हालांकि आलोचकों का कहना है कि विद्युत वाहनों के उत्पादन की हांई कांस्ट के चलते इन्हे मार्केट में उतारना व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं है, भारत जैसे विकासशील द्देश के पास अभी इतना तकनीकी विकास नहीं है कि वो विद्युत वाहनों के बारे में सोचे, वगैरह वगैरह. लेकिन सरकार ने आलोचकों को करारा जवाब देते हुए हैदरबाद जैसे शहरों में पब्लिक ट्रांस्पोर्ट के लिये विद्युत बसों की शुरूआत भी कर दी है.
भारत ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कितने की सक्रिय कदम उठाये हैं जिनमे से कुछ का ज़िंक्र प्रधानमंत्री ने अपने वकव्य में किया. जैसे कि भारत का महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन जिस पर सरकार 50 बिलियन डांलर का खर्चा करेगी. प्रधानमंत्री ने एक बार में ही इस्तेमाल में लई जाने वाली प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की भारत की मुहिम के विषय में भी बात की कि इसके ज़रिये वह प्लास्टिक के पर्यावरण को क्ष्ति पहुंचाने के मुद्दे पर पूरे विश्व का ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं.
भारत अपनी प्राचीन संस्कृति और लोगों के सादा जीवन के बल पर विश्व में पर्यावरण संरक्षण का प्रतिनिधित्व करेगा.
अमरीका जैसे विकसित राष्ट्र ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर किये गये 2015 के पैरिस समझौते से खुद को बाहर कर लिया है. ऐसे में आलोचकों का कहना है कि भारत जैसा देश, जहां अभी भी कितनी गरीबी है और जहां अभी भी बहुत विकास की ज़रूरत है, ऐसे देश को पर्यावरण संरक्षण के लिये इतने बढ़ चढ़्कर वायदे करना शोभा नहीं देता. लेकिन ये आलोचक शायद यह नहीं जानते कि भारतीय संस्कृति में पर्यावरण और प्रकृति का कितना अहम स्थान है. बल्कि भारत के ग्रामीण इलाकों में लोग अभी भी प्रकृति के साथ तालमेल बिठा कर रहते हैं. एयर कंडीशनर, पंखे इत्यादि तक का इस्तेमाल नहीं करते . भारत विश्व के उन गिने चुने देशों में से एक है जहां अभी भी बहुत से लोग अपने रोज़्मर्रा के जीवन में मशीनी उपकरणों के गुलाम नहीं है. पश्चिम ने औद्योगीकरण और आर्थिक प्रगति की अंधाधुध होड़ में पर्यावरण को बेशुमार क्षति पहुंचाई. ग्लोबल वार्मिंग जैसी भयावह प्रक्रिया आज इसी का नतीजा है. और अब भारत ही है जो अपनी प्राचीन संस्कृति और मान्यताओं से प्रेरणा ले पर्यावरण संरक्षण में अग्रिम भूमिका निभायेगा. शाश्वत ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर विकास कर भारत पश्चिमी दुनिया के विपरीत आर्थिक प्रगति के एक ऐसे मांडल पर आगे बढ़ेगा जो पर्यावरण के हित को ध्यान में रखकर चले.
ज्ञान अनमोल हैं, परंतु उसे आप तक पहुंचाने में लगने वाले समय, शोध, संसाधन और श्रम (S4) का मू्ल्य है। आप मात्र 100₹/माह Subscription Fee देकर इस ज्ञान-यज्ञ में भागीदार बन सकते हैं! धन्यवाद!
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Bank Details:
KAPOT MEDIA NETWORK LLP
HDFC Current A/C- 07082000002469 & IFSC: HDFC0000708
Branch: GR.FL, DCM Building 16, Barakhamba Road, New Delhi- 110001
SWIFT CODE (BIC) : HDFCINBB
Paytm/UPI/Google Pay/ पे / Pay Zap/AmazonPay के लिए - 9312665127
WhatsApp के लिए मोबाइल नं- 8826291284