ब्रिटेन की शाही शादी का शाही व्यंजन खाने और कैमरे के आगे अपना चेहरा चमकाने के बाद प्रियंका चोपड़ा को ख्याल आया कि कुछ समाज सेवा भी कर लिया जाए तो वह सोशल पर्यटन पर बंग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थी कैंप जा पहुंची। प्रियंका चोपड़ा यूनिसेफ की बाल अधिकार मिशन की गुडविल एंबेसेडर हैं, इसलिए कैमरा और लाइट के साथ पहुंच गयीं बंग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थी कैंप। वहां पहुंच कर उन्हें वहां कैंप में पल रहे बदहाल बच्चों की बड़ी चिंता हुई और बयान जारी कर दिया कि दुनिया को इन बच्चों की सुरक्षा की चिंता करनी चाहिए। फिर उन्होंने कहा कि रोहिंग्या के बच्चे सेक्स ट्रैफिकिंग के शिकार हो रहे हैं। यानी बाल यौन शोषण के लिए उनकी तस्करी की जा रही है, जिसे रोकने की जरूरत है। ‘सेक्स ट्रैफकिंग’ से पहले वह मां-बाप के ‘सेक्स इंटरटेनमेंट’ का शिकार हो रहे हैं, मैडम प्रियंका चोपड़ा, जिसे आप सहित पूरा यूनएओ और यूनिसेफ आदि ढंकने का प्रयास कर रही हैं!
Priyanka Chopra, as a Unicef Goodwill Ambassador for Child Rights, visited Rohingya refugee camps in Bangladesh. She said world needs to care. Rohingya children are trafficked for sex everyday. Who cares?
— taslima nasreen (@taslimanasreen) May 21, 2018
इस बयान से सुर्खियां बटोरने वाली प्रियंका चोपड़ा यदि बंग्लादेश के रोहिंग्या कैंप में अपने साथ कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियां ले जातीं तो उन रोहिंग्याओं का ज्यादा भला होता। बंग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने एक ट्वीट किया है, जिसके अनुसार पिछले 9 महीने में रोहिंग्या शरणार्थी कैंप में 16 हजार बच्चे पैदा हो चुके हैं। यानी औसतन हर महीने दो हजार बच्चे! जो रोहिंग्या खुद अपनी देखभाल नहीं कर पा रहे हैं, जो शरणार्थी कैंपों में रहने को विवश हैं, जिनके पास खाने-रहने तक की सुविधा नहीं है, वह धड़ाधड़ बच्चे पैदा कर रहे हैं! ऐसे हालात में बच्चे पैदा करते हुए शर्त तक नहीं आ रही इन्हें! उन्हें अपने बच्चों की फिक्र नहीं है, बल्कि दुनिया को उनके बच्चों की फिक्र करनी चाहिए? यही प्रियंका चोपड़ा और यूनिसेफ कह रहा है!
दरअसल यूनिसेफ पर आरोप है कि पर्दे के पीछे वह ईसाई मतांतरण का धंधा चलाती है। चूंकि कैथोलिक ईसाई में गर्भनिरोधक गोलियों का निषेध है और मुसलमानों में कंडोम और अन्य गर्भनिरोध के साधनों का निषेध है, तो फिर बचा कौन इनका प्रवचन सुनने के लिए? दूसरे, खासकर भारत और यहां की सरकार। इसीलिए यूनिसेफ या उसकी ब्रांड एंबेसेडर प्रियंका चोपड़ा ने दुनिया के बहाने भारत को यह नसीहत देने की कोशिश की है कि वह रोहिंग्याओं को अपने यहां से न भगाए। उन्हें शरण दे!
चूंकि भारत सरकार रोहिंग्याओं को अपने देश से बाहर निकालने के लिए म्यांनमार और बंग्लादेश से लगातार बात कर रही है, इसलिए इस मामले में पूरी दुनिया का आसान निशाना भारत हो गया है! यही कारण है कि भारतीय फिल्मी कलाकारों, लुटियन पत्रकारों, कांग्रेसी व कम्युनिस्ट नेताओं और तथाकथित बुद्धिजीवियों के जरिए रोहिंग्याओं के पक्ष में ‘मार्केटिंग कैंपेन’ चलाया जा रहा है। कठुआ जैसे मामलों को उछाल कर रोहिंग्याओं को बसाने की तैयारी चल रही है!
In 9 months, 16,000 children were born at Rohingya refugee camps in Bangladesh.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) May 20, 2018
अच्छा होता कि यूनिसेफ और प्रियंका चोपड़ा भेड़-बकरियों की तरह बच्चा पैदा करने वाले रोहिंग्याओं के बीच कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां, बच्चे पैदा न करने के लिए जागरूकता सामग्री बांट आती। लेकिन नहीं, ये तो धंधेबाज ठहरे! बयान देकर ही जब सुर्खियां बटोरी जा सकती है, सरकार को प्रभावित किया जा सकता है और तो फिर असली समस्या को सुलझाने के झंझट में कौन पड़े?
ईसाई मिशननियों को रोहिंग्याओं के बीच मतांतरण का लहलहाता फसल दिख रहा है, तो सउदी के ‘पेट्रो डॉलर’ पर दीन-ईमान बेचने वाले मुसलिम संगठनों और कथित बुद्धिजीवियों-कलाकारों को जनसंख्या-जिहाद व जिहादी आतंकवाद के लिए पर्याप्त सामग्री नजर आ रही है! हॉलिवुड में दो मिनट का रॉल पाने वाली पैसे व प्रचार की भूखी प्रियंका चोपड़ा जैसी जमात को तो इसमें फ्री की पब्लिसिटी दिख रही है, इसलिए ये लोग ईसाई मिशननियों और संगठनों के हाथों की कठपुतली बनकर स्वयं अपने ही देश का कब्र खोदने में जुटी हैं!
यह दोगली और पाखंडी जमात है। इनसानियत से इनका कोई वास्ता नहीं है! प्रियंका चोपड़ा, रोहिंग्या मुसलमान के बच्चों के लिए यदि आप चिंतित हैं तो फिर शरणार्थी कैंप में हर महीने जो दो हजार बच्चे पैदा हो रहे हैं, उसे रोकने के लिए उनके बीच कंडोम और गर्भनिरोधक साधनों को जाकर बांटिए न कि बयानों के जरिए सुर्खियां बटोर कर अपना धंधा चलाइए! जनता आप सबकी नौटंकी खूब समझती है!
URL: Priyanka Chopra Visits Rohingya Camps In Bangladesh
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