अगर आप देश विरोधी नारे लगाते हैं, तो आपकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए इस देश के सुपर सेक्युलर/लिबरल झंडाबरदार खड़े होंगे।
अगर आप ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ कहने वालों की पैरवी करेंगे, उनके लिए पोस्टर बॉय/पोस्टर गर्ल बनेंगे, तो इस देश के सुपर सेक्युलर/लिबरल आपको हाथों हाथ लेंगे, आपकी तारीफों के पुल बांधेंगे।
अगर आप कश्मीर में पत्थर फेंकने वालो की पैरवी के लिए तरह तरह की दलीलें बुन सकते हैं, तो इस देश के सुपर सेक्युलर/लिबरल आपकी जय जयकार करेंगे। लेकिन अगर कहीं आपने इनमें से किसी पर सवाल उठा दिया, तो वो आपकी उम्र भर की मेहनत, देश के लिए खेली गई आपकी सैकड़ों पारियों, देश को दिलाई एक से एक मुश्किल जीत को ताक पे धर कर आपको ‘दो कौड़ी के ट्रोल’ कहने से परहेज़ नहीं करेंगे। फिर भी, सहवाग और हुड्डा, आप घबराना मत।
कहीं अगर आपने गलती से सच को सच कह दिया, देश के खिलाफ नारे लगाने वालों की आवाज़ दबाने के लिए उनसे ऊंची आवाज़ में देश के पक्ष में नारा लगा दिया, तो वो आपको राष्ट्रवादी (इसे वो गाली की तरह समझते हैं), सांप्रदायिक कह कर नीचा दिखाने से नहीं चूकेंगे। फिर भी, सहवाग और हुड्डा, आप घबराना मत।
आपको ‘हरियाणवी’ की संज्ञा दे के एक पूरे समाज को कटघरे में खड़े करने की कोशिश की जाएगी। फिर भी, सहवाग और हुड्डा, आप घबराना मत।
सहवाग और हुड्डा, घबराना मत, क्योंकि आपकी आवाज़ किसी एक व्यक्ति के विरोध में नहीं, एक सोच के विरोध में उठी है। सहवाग और हुड्डा, घबराना मत क्योंकि आपकी आवाज़ किसी एक व्यक्ति के पक्ष में नहीं, इस देश के लिए उठी है और ये देश आपके साथ है!
साभार: रोहित सरदाना के फेसबुक वॉल से