अर्चना कुमारी। इजराइली दूतावास ब्लास्ट कराने वाले मुख्य साजिशकर्ता का अब तक पता नहीं चल पाया पाया है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी से लेकर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल मामले की जांच में जुटी हुई है। इस बीच इस मामले को लेकर पकड़े गए चार आरोपियों का साइकोएनालिसिस टेस्ट कराया गया लेकिन चारों आरोपी अब तक अपना मुंह सील रखा है ।
पुलिस का कहना है कि धमाके की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किए गए चार कथित आतंकी छात्रों का साइकोएनालिसिस टेस्ट एम्स में करवाया गया । पुलिस का कहना है कि डॉक्टरों ने खुलासा किया है कि आरोपी पूरी सच्चाई नहीं बता रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद पुलिस मामले की जांच में तेजी कर रखी है । ज्ञात हो कि जनवरी माह में बीटिंग रिट्रीट के दिन एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित इजरायल दूतावास से कुछ दूरी पर धमाका हुआ था।
इस घटना में कोई जान माल का नुकसान तो नहीं हुआ था लेकिन चार गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई थी । बाद में सरकार ने इस महत्वपूर्ण केस को लेकर मामला एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन दूतावास विस्फोट साजिश को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम भी जांच कर रही । इस मामले को लेकर स्पेशल सेल ने 24 जून को लद्दाख से चार कथित आतंकी छात्रों को पकड़ा था ।
इसमें नासिर हुसैन, जुल्फिकार अली वजीर, मुजम्मिल हुसैन और ऐज हुसैन शामिल है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि 29 जनवरी को दूतावास विस्फोट को लेकर मौके से पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिला था, जिसमें दो संदिग्ध युवक देखे गए थे।
इसके अलावा वहां से एक पत्र भी मिला था जो इजरायल दूतावास के अधिकारियों को लिखा गया। सोशल मीडिया के जरिए जैस उल हिंद ने इस धमाके की जिम्मेदारी ली थी। एनआईए ने फुटेज में दिख रहे संदिग्ध दोनों लोगों के उपर 10-10 लाख का ईनाम भी घोषित किया लेकिन इसके बावजूद इस दूतावास ब्लास्ट के मुख्य साजिशकर्ता का अब तक पता नहीं चल पाया है।