देश की प्रमुख समाचार एंजेसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) द्वारा पत्रकारों पर GPRS के जरिए नजर रखने का तानाशाही फरमान हो, मोदी सरकार द्वारा आखिरी गांव तक बिजली पहुंचाने के न्यूज को दबाने का मामला हो या यौन शोषण का, यह सरकारी न्यूज एजेंसी कांग्रेसी संस्कृति में आज भी चल रही है। मोदी सरकार आने के बाद भी इससे न कांग्रेसी पत्रकार हटे हैं और न ही यहां से कांग्रेसी संस्कृति ही समाप्त हुई है!
PTI लगातार कई मामलों में फंसी है। पहले फेक न्यूज के मामले में तो अब उसके एक वरिष्ठ संपादक द्वारा एक महिला एंकर के यौन शोषण का मामला सामने आया है। यह मामला Press Council of India (PCI) तक पहुंच गया है। आरोप है कि पीटीआई अपने वरिष्ठ संपादक को बचाने में जुट गया है। पीटीआई का यह प्रयास तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल के साथ हुई घटना की याद दिला दी है।
मुख्य बिंदु
* एक सार्वजनिक समारोह में महिला एंकर के यौन शोषण का मामला पहुंच गया है पीसीआई
* पीटीआई प्रबंधन आरोपी अम्मरी जैदी के पक्ष में खुलकर आया सामने, कहा ऐसी घटना हुई ही नहीं
आरोप है कि पीटीआई के बिजनेस न्यूज के प्रमुख अम्मर जैदी ने सार्वजनिक समारोह में एक बिजनेस टीवी चैनल के प्रसिद्ध महिला एंकर को गाली दे दी। महिला ने जैदी के खिलाफ प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत कर दी। यह घटना कुछ महीने पहले ओएनजीसी द्वारा आयोजित समारोह में हुई थी।
हुआ यूं कि महिला पत्रकार को ONGC के अध्यक्ष ने इंटरव्यू का समय दे दिया जबकि पीटीआई के बिजनेस न्यूज डिवीजन के प्रमुख अम्मर जैदी को नहीं मिल पाया। इससे वह परेशान हो गया। इसी बात से परेशान होकर ओएनजीसी अध्यक्ष और महिला पत्रकार के साथ सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। जब यह घटना हुई उस समय कई पत्रकार मौजूद थे। जैदी इतना आपा खो चुका था कि उस महिला पत्रकार पर उत्तेजक कपड़ा पहनकर लुभाने तक की बात कह दी।
इस घटना के बाद कई महिला पत्रकारों ने पीसीआई के साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से अम्मर जैदी के उत्पीडण वाले व्यवहार के खिलाफ शिकाय कर दी है। लगे हाथ मंत्रालय ने पीसीआई को कार्रवाई के लिए शिकायत भेज दी है। इस मामले में पीसीआई ने भी पीटीआई और उसके वरिष्ठ संपादक से जवाब देने को कहा है। वहीं पीटीआई इस मामले में दूसरा तहलका कांड करने के मूड में। उसने इस मामले को दबाने में जुट गया है। अपनी इसी कोशिश के तहत पीटीआई ने ऐसी किसी घटना होने से इनकार किया है। पीटीआई के मुख्य सम्पादक विजय जोशी अपने आरोपी कर्मचारी को बचाने के लिए आगे आए हैं। हालांकि जोशी के इस आचरण से दिल्ली की कई महिला पत्रकार नाराज है।
महिला पत्रकारों ने जोशी पर भी कई आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि चूंकि लोकसभा के स्थायी मीडिया पास पाने के लिए नकली अनुभव दिखाने के मामले में जैदी ने जोशी की मदद की थी, इसलिए पुराना एहसान चुकाने के लिए इस मामले में जोशी जैदी की मदद करने आगे आए हैं।
पीटीआई बोर्ड में इंडियन एक्सप्रेस के विवेक गोयनका, टाइम्स ऑफ इंडिया के विनीत जैन, हिंदुस्तान टाइम्स की शोभना भारती और द हिंदू के एन रवि जैसी प्रतिष्ठित हस्ती शामिल हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये लोग महिला पत्रकारों के यौन शोषण से जुड़े मामलों में पीटीआई प्रबंधन के गलत कदम को सुधारने में हस्तक्षेप करेंगे?
URL: PTI defends to save his senior editor accused of sexually assault
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