प्रश्न – भ्रष्ट राजनीतिज्ञों का पसंदीदा बैंक कौन है ?
उत्तर – वोट बैंक ।
प्रश्न – राष्ट्र की सारी समस्याओं की जड़ क्या है ?
उत्तर – भ्रष्टाचार ।
प्रश्न – भ्रष्टाचार की जड़ क्या है ?
उत्तर – भ्रष्ट – नेता और भ्रष्ट – अधिकारी ।
प्रश्न – भ्रष्ट- नेता और भ्रष्ट -अधिकारी कैसे सुधरेंगे ?
उत्तर – सुशासन अर्थात कानून के शासन से ।
प्रश्न – कानून का शासन किसे कहते हैं ?
उत्तर -बिना किसी भेदभाव के जस का तस कानून लागू हो।
प्रश्न – यह कैसे होगा और कौन करेगा ?
उत्तर – सरकारें , हर प्रकार का तुष्टीकरण व अल्पसंख्यकवाद हटाकर सभी को एक समान कानून के दायरे में लाकर यह कर सकती हैं ।
प्रश्न – सरकारें ऐसा कब करेंगीं ?
उत्तर – जब सरकारें चरित्रवान, सत्यनिष्ठ, कर्तव्यनिष्ठ, निर्भय व साहसी जनप्रतिनिधियों से बनेगीं ।
प्रश्न – ऐसे जनप्रतिनिधि कब आयेंगे ?
उत्तर – जब स्कूलों में नैतिक – शिक्षा होगी व राष्ट्र का सच्चा – इतिहास पढ़ाया जायेगा ताकि वो पीढ़ी चरित्रवान, सत्यनिष्ठ , कर्तव्यनिष्ठ, निर्भय व साहसी बने क्योंकि यही आगे चलकर जनप्रतिनिधि व अधिकारी बनेंगे ।
प्रश्न – इसमें तो बहुत देर लग जायेगी शीघ्रता का उपाय क्या है ?
उत्तर – देश को हिंदू-राष्ट्र बनाकर सनातन-धर्म के अनुसार शासन चलाया जाये तो शीघ्र ही सब कुछ ठीक होने लगेगा। इति ।
“वंदे मातरम – जय हिंद”
प्रस्तुतकर्ता : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”