आईएसडी नेटवर्क। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर दिशा सालियान की संदिग्ध मौत की जाँच एसआईटी से करवाने की घोषणा के बाद कई प्रश्न उठ खड़े हुए हैं। अब तक सुशांत सिंह राजपूत की मौत का सच भारत की जनता के सामने नहीं आ सका है और अब ये नई कवायद कहाँ जाकर थमेगी, ये एक यक्ष प्रश्न है। बुधवार को संसद में एकनाथ शिंदे समर्थित सांसद राहुल शेवाले ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर शिवसेना नेता व पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र सरकार सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान की मौत की जाँच में तेज़ी लाना चाह रही है। उल्लेखनीय है कि ये दोनों केस बहुत लंबे समय से उलझे पड़े हैं। 8 जून 2020 की रात दिशा सालियान की मौत हुई थी। 8 जून की रात लगभग 2 बजे दिशा सालियान की चौदहवीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी।
इसके ठीक छह दिन बाद 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की लाश उनके घर में पंखे से लटकी पाई गई थी। इन दोनों मामलों को दबाने के आरोप तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार पर लगाए गए थे। गत बुधवार संसद में एकनाथ गुट के सांसद राहुल शेवाले ने सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के मामले में आदित्य ठाकरे की भूमिका की जांच कराने की मांग कर डाली।
शेवाले ने आरोप लगाया कि सुशांत की मौत के समय उसकी कथित प्रेमिका रिया चक्रवर्ती को ‘AU’ अक्षरों से शुरू होने वाले नाम के व्यक्ति ने 44 कॉल किये थे। शेवाले ने सवाल उठाया कि इस केस में सीबीआई की जाँच कहाँ तक पहुंची है। इसके बाद गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर भारी हंगामा हुआ।
विधानसभा में उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दिशा सालियान की मौत की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा। ये मुद्दा उठने के बाद आदित्य ठाकरे ने भी अपना बयान दिया है। हालांकि वे ये बयान देकर फंसते दिखाई दे रहे हैं। आदित्य ठाकरे का कहना है कि जिस दिन दिशा सालियान की मृत्यु हुई, उसी दिन उनके आजोबा की मृत्यु हुई थी।
आदित्य के नाना माधव पाटणकर का निधन दिशा सालियान की मौत के छह दिन बाद 15 जून को हुआ था। उनके निधन से एक दिन पूर्व सुशांत सिंह राजपूत की मौत का समाचार आया था। ये स्पष्टीकरण देकर आदित्य ठाकरे ने अपने लिए मुसीबत और बढ़ा ली है। सांसद राहुल शेवाले के प्रश्न का उत्तर अब तक सरकार की ओर से नहीं दिया गया है कि सुशांत मामले पर सीबीआई की जांच आखिर कहाँ तक पहुंची है।
विगत एक वर्ष से सीबीआई इस केस से गायब है। सीबीआई ने मीडिया के समक्ष कोई अपडेट प्रस्तुत नहीं किया है। एक तरह से सुशांत सिंह राजपूत का केस अब ठंडे बस्ते में जा चुका है। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री की घोषणा का मतलब ये भी होता है कि इन दोनों मामलों पर हाल-फिलहाल में कोई प्रगति नहीं हुई है। एकनाथ शिंदे गुट द्वारा ये मांग करना भी राजनीति प्रेरित दिख रहा है।