राहुल गांधी के राजनीति समझ से परे होने के साथ ही देशविरोधी भी है। क्योंक राहुल गांधी और उनकी पार्टी कहते कुछ और है और करते कुछ और हैं। राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा पर जाने के समय जब भारतीय जनता पार्टी के नेता ने राहुल गांधी पर बिजिंग जाकर चीन के मंत्रियों से मिलने का आरोप लगाया था तब पूरीं कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी मुकर गए। लेकिन आज जब उड़ीसा में अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने स्वयं यह कहा कि जब वे मानसरोवर की यात्रा पर गए थे उस दौरान उनकी चीन के कई मंत्रियों से बात हुई थी। राहुल गांधी की यह स्वीकारोक्ति देश विरोधी नहीं है तो और क्या है। राहुल गांधी के इस बयान के बाद भाजपा प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी से जवाब देने को कहा है कि आखिर उन्होंने इसकी जानकारी भारतीय विदेश विभाग को क्यों नहीं दी थी?
राहुल गांधी के इस खुलासे पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने उन्हें आडे़ हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि जब राहुल गांधी निजी धार्मिक यात्रा पर गए थे तो फिर चीन के मंत्रियों और अधिकारियों से मिलने क्यों चले गए? क्या देश के खिलाफ कोई साजिश तो नहीं कर रहे? राहुल गांधी इससे पहले भी डोकलाम प्रकरण के दौरान चीनी राजदूत से सपरिवार मिले थे। पात्रा ने कहा है कि राहुल गांधी का पहले इनकार करना और बाद में स्वीकार करना राष्ट्रीय हित के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए कि आखिर राहुल गांधी भारतीय सरकार के प्रोटोकॉल की अवहेलना कर चीन के मंत्रियों के साथ मिलकर करना क्या चाहते हैं?
URL: Rahul Gandhi admitted that he had met the Chinese ministers
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