समाज में जितना नफरत बोया जा सकता है, उतना ज्यादा नफरत बोने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल जुटे हैं! 2015 की यूपीएससी टॉपर टीना दाबी और दूसरे नंबर पर रहे अतर आमिर उल सैफी के प्रेम विवाह को भी राहुल गांधी ने अपनी हिंदू-मुसलमान की तुच्छ राजनीति में घसीट लिया! राहुल गांधी ने ट्वीट कर इस प्रेम विवाह को भारत में बढ़ती नफरत और असहिष्णुता के बीच प्रेरणा बताया। जबकि सच तो यह है कि उनके नाना जवाहरलाल नेहरू से लेकर उनके पिता तक के शासनकाल में भारत ने जितने दंगे देखे हैं, उतने गैर कांग्रेसी कार्यकाल में कभी नहीं हुए! खुद उनकी मां और उनके शासन वाली ‘मनमोहन सरकार’ में देश 26/11 जैसे आतंकी हमला, शहरों के बंदर बम धमाके और सांप्रदायिक हिंसा के दौर से गुजरा है!
राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी पर एक ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में दाग है, जिसके कार्यकाल में सबसे अधिक सौ से अधिक हिंदू-मुसलिम दंगे हुए हैं! इसके बावजूद राहुल गांधी अतीत से मुंह चुराना चाहते हैं तो उनकी मर्जी, लेकिन सच तो यही है कि इस देश में नफरत, असहिष्णुता और बांटने की राजनीति कांग्रस शुरू से ही करती रही है। यही वजह है कि आज एक नवविवाहित शादीशुदा जोड़े के प्यार में भी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी नफरत तलाशने व फैलाने में जुटे हैं! राहुल गांधी आपके लिए तो केवल यही कहा जा सकता है- Get well soon!
2015 की यूपीएससी टॉपर 24 वर्षीय टीना दाबी हिंदुओं की अनुसूचित जाति वर्ग से आती है और दूसरे नंबर पर रहे अतर आमिर उल सैफी कश्मीरी मुसलमान हैं। मसूरी के प्रशिक्षण केंद्र में दोनों के बीच प्यार हो गया और दोनों ने दक्षिणी कश्मीर के पहलगांव क्लब में इसी 9 अप्रैल को शादी कर लिया। दोनों अलग-अलग धार्मिक पृष्ठभूमि से आते हैं, लेकिन प्रेम धर्म कहां देखता है?
Congratulations Tina Dabi & Athar Amir-ul-Shafi, IAS toppers, batch of 2015, on your wedding!
May your love grow from strength to strength and may you be an inspiration to all Indians in this age of growing intolerance and communal hatred.
God bless you.https://t.co/PPCOHotMFW
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 10, 2018
लेकिन इनके प्रेम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और वामपंथी पत्रकारों को दलित-मुसलिम गठजोड़ से पैदा होने वाला वोट बैंक दिख रहा है। राहुल गांधी ने इन दोनों को बधाई देते हुए लगे हाथ ट्वीट किया, जिसमें भारत में बढ़ती असहिष्णु और सांप्रदायिकता का जिक्र कर दिया! यह सभी जानते हैं कि 2014 के बाद, जब से मोदी सरकार आई है, फेक न्यूज के जरिए कांग्रेस असहिष्णुता और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने में जुटी है। इसमें उसके कार्यकाल में उसके रहमो-करम पर पलने वाला लुटियन जमात, जैसे- साहित्यकार, पत्रकार, कलाकार आदि का उसे पूरा सहयोग मिल रहा है! इनमें ज्यादातर वामपंथी हैं।
मजहबी-वामपंथी जमात से आने वाले एनडीटीवी के पत्रकार ने तो टीना दाबी व अतर सैफी की शादी की तस्वीर को शेयर करते हुए यहां तक लिख दिया- ‘जय भीम-जय मीम।’ अर्थात अर्थात् इस प्रेम विवाह में इन वामी-मजहबी जमात को भी अपने आका राहुल गांधी की तरह दलित-मुसलिम गठजोड़ की संभावना नजर आ रही है! राहुल गांधी और ऐसे वामपंथी-मजहबी पत्रकारों को दलित मसीहा डॉ. भीमराव आंबेडकर का ‘पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन’ पुस्तक जरूर पढ़ना चाहिए।
आजादी से पूर्व केरल के मालाबार में मोपला मुसलामनों के कहर से लेकर भारत विभाजन और उसके बाद के सांप्रदायिक दंगे में मुसलिम सांप्रदायिकता का सबसे अधिक शिकार हिंदू समाज का दलित वर्ग ही हुआ है। डॉ आंबेडकर ने साफ लिखा है कि मुसलमानों से सबसे अधिक खतरा दलितों को है।
यह सर्वविदित ऐतिहासिक सत्य है कि दलित खटिक समाज ने तो अपनी बहु-बेटियों को मुसलिम आक्रांताओं से बचाने के लिए ही सुअर पालन का व्यवसाय शुरू किया था। इसलिए ‘जय भीम-जय मीम’ का भ्रम फैला कर अपने मालिक राहुल गांधी के लिए दलित-मुसलिम गठजोड़ का प्रयास करने वाले मजहबी-वामपंथी पत्रकारों को चाहिए कि वह डॉ. आंबेडकर को जरूर पढ़ें!
वह चाहे रोहित वेमुला को गलत तरीके से दलित बताना हो, वह चाहे ट्रेन में सीट को लेकर हुए झगड़े में मरे एक मुसलिम युवक की मौत को बीफ विवाद बनाना हो, वह चाहे जेएनयू कैंपस में आतंकी अफजल गुरु की बरसी मनाना हो, वह चाहे भारत के टुकड़े-टुकड़े करने वाली जमात को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कवर देकर देश मंे अराजकता पैदा करना हो, वह चाहे दलितों के नाम पर देश भर में उपद्रव पैदा कर आग लगाना हो- इस सबके पीछे साफ-साफ कांग्रेस और राहुल गांधी के उकसावे को देश ने नंगी आंखों देखा है। इसलिए एक प्रेम विवाह को अपनी नफरत भरी सोच से मत देखिए मिस्टर राहुल गांधी!
URL- Rahul Gandhi Dont’Serarch Hate Story In Love
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