अपनी दो दिन की यात्रा पर दुबई गए राहुल गांधी वहां प्रवासी भारतीयों से मिलने के बहाने आर्म्स डीलर संजय भंडारी से मिले हैं। यह खुलासा मुंबई के भाजपा प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने किया है। यह वही संजय भंडारी है जिसके घर से भारतीय रक्षा सौदों के गोपणीय दस्तावेज मिले थे। लेकिन इस मामले में जब तक उसे गिरफ्तार किया जाता वहा नेपाल के रास्ते लंदन भाग गया था। अभी वह दुबई में रह रहा है। सुरेश नखुआ ने अपने ट्वीटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा है कि राहुल गांधी ने फरार आर्म्स डीलर संजय भंडारी से वहां मुलाकात की है। मालूम हो कि संजय भंडारी को राहुल गांधी के बहनोई राबर्ट वाड्रा का काफी करीबी सहयोगी माना जाता है। इतना ही नहीं आईबी ने अपनी रिपोर्ट में संजय भंडारी का पूर्व कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के साथ रिश्ता होने का भी खुलासा किया था।
BOOM
Rahul Gandhi has met /is meeting Sanjay Bhandari in Dubai.
Sanjay accused in Pilatus Scam, is an arms dealer who escaped to London, but has been sighted in Dubai now.
Sanjay is Robert Vadra rep & allegedly scuttled Rafale Deal aftr Dassault refused offsets to his group.
— Suresh Nakhua (सुरेश नाखुआ) 🇮🇳 (@SureshNakhua) January 11, 2019
गौरतलब है कि 2016 में जब भारतीय जांच एजेंसी ने संजय भंडारी के घर में छापेमारी की थी तो वहां से उन्हें भारतीय रक्षा सौदों से संबंधित कई गोपणीय दस्तावेज मिले थे। इस छापेमारी के तुरंत बाद ही संजय भंडारी देश छोड़कर विदेश भाग गया। आईबी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि डिफेंस डील में लाभ कमाने तथा यूपीए सरकार की नई रक्षा नीति का फायदा उठाने की मंशा से ही वाड्रा-भंडारी ने मिलकर ओआईएस कंपनी बनाई थी। आईबी रिपोर्ट के मुताबिक ओआईएस कंपनी 2008 में अस्तित्व में आती है और यूपीए सरकार ने 2009 में रक्षा नीति बदलती है। क्या इसे सांठगांठ नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे? ज्ञात हो कि यूपीए सरकार ने 2009 में रक्षा नीति में बदलाव किया था। इस बदलाव के तहत विदेशी कंपनियों को हांसिल सौदा का 30 प्रतिशत हिस्सा भारतीय साझीदार कंपनी के लिए निर्धारित करना अनिवार्य कर दिया था।
अब सवाल उठता है कि आखिर राहुल गांधी संजय भंडारी से क्यों मुलाकात की है? यह सवाल इसलिए गंभीर है क्योंकि इस समय देश में अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से लेकर यूरोफाइटर तक का मामला गरमाया हुआ है।
यूएई में राहुल गांधी ने देश को बताया असहिष्णु
एक तरफ राहुल गांधी पर संजय भंडारी जैसे आर्म्स डीलर से मुलाकात करने का आरोप लग रहा है वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी यूएई जाकर वहां देश की असहिष्णुता का सवाल उठा रहे हैं। मालूम हो कि यूएई ने साल 2019 को सहिष्णुता वर्ष घोषित कर रखा है। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित भारतीय प्रवासियों को संबोधित करने के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एक तरफ यूएई है जो सहिष्णुता वर्ष मना रहा है वहीं दूसरी तरह हम अपने देश में साढ़े चार साल से असहिष्णुता झेल रहे हैं।
राहुल गांधी जिस देश को असहिष्णुता के नाम पर विदेश में बदनाम कर रहे हैं उन्हें समझना चाहिए कि वह वही देश भारत है जो दुनिया के लिए सहिष्णुता का पर्याय बना हुआ है। राहुल गांधी को इतना भी पता नहीं है कि सहिष्णुत और असहिष्णुता पर वह मोदी सरकार को नहीं बल्कि देश को बदनाम कर रहे हैं। क्योंकि सहिष्णुता या असहिष्णुता सरकार के आने-जाने पर निर्भर नहीं करती। वह अपने समाज को प्रतिविंबिंत करती है। देश की असहिष्णुता किसी सरकार पर निर्भर नहीं करती है। लेकिन राहुल गांधी मोदी सरकार की आलोचना के प्रति इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्हें सरकार और देश में कोई अंतर ही नहीं समझ आता है।
URL : Rahul Gandhi meets Arms Dealer sanja bhandari in Dubai!
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