राहुल ने न्यूज़ वेबसाइट ‘द प्रिंट’ की एक ख़बर को ट्वीट करते हुए प्रधानमत्री मोदी पर आरोप लगाया है कि “हमारे प्रधानमंत्री के ‘बिना एजेंडे’ वाले चीन दौरों के पीछे जाहिर तौर पर एक ‘चीनी एजेंडा होता है, जिसका पता अब चल रहा है। भारत के इतिहास में इससे पहले कोई प्रधानमंत्री किसी विदेशी ताकत के सामने यूं नहीं झुका। यह बीजेपी का राष्ट्रवाद है, जो खुले तौर पर दिख रहा है।” पत्तलचाट वामपंथी पत्रकार शेखर गुप्ता का वेब ‘द प्रिंट’ प्रधानमन्त्री मोदी के खिलाफ पहले भी जहर उगलता रहा है। कांग्रेस के प्रति वफादारी निभाने के लिए पीडी पत्रकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं! लेकिन राहुल गाँधी ये भूल गए की चीन के प्रति सबसे ज्यादा वफादारी और समर्पण किसी ने दिखाया है तो वह उनके नाना जवाहर लाल नेहरु थे, जिन्होंने यूनाइटेड नेशन की सदस्यता को ठुकरा कर चीन के कदमो में डाल दी थी।
Our PM's "no agenda" China visit, clearly had a "Chinese hidden agenda" which is now unravelling. Never before in India's history has a PM capitulated to pressure from a foreign power, as this one has. This is BJP nationalism on full display. https://t.co/7tKmxavEPL
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 13, 2018
संदीप देव अपनी किताब ‘कहानी कम्युनिस्टो की’ में लिखते हैं कि “वामपंथी विचारो के प्रति नेहरु की नीति शुरू से ही तुष्टिकरण की थी, चीन के लिए नेहरु की तुष्टिकारण का ही नतीजा था कि भारत को 1962 का युद्ध झेलना पड़ा! अन्तराष्ट्रीय मंच पर नेहरु ने चीन के लिए लाबिंग की, परिणाम स्वरुप चीन ने भारत पर युद्ध थोप दिया!” सोवियत के इशारे पर सीपीआई नेहरु को सत्ता से उखाड़ फेंकने का प्रयास किया लेकिन आईबी के आगाह करने के बाद भी नेहरु आँख मूँद कर सोवियत पर भरोशा करते रहे यह जानते हुए भी कि रूस की कमुनिस्ट सरकार ने भारत को कभी भी एक स्वतंत्र राष्ट्र नहीं माना! नेहरु अपनी सगी बहन विजय लक्ष्मी पंडित के अपमान को भी पी गए! विजय लक्ष्मी सोवियत रूस में 1947 -49 तक भारत की राजदूत थीं! दो वर्ष के कार्यकाल में स्टालिन ने एक बार भी उन्हें मिलने का समय नहीं दिया! जो यह साबित करने के काफी है कि सोवियत संघ की नजरो में भारत की क्या हैसियत थी, लेकिन नेहरु भारत के इस अपमान को भी सह गए! नेहरु वामपंथी विचारो से इतने प्रभावित थे की वह सोवियत की मंशा और नियत को भांप नहीं सके!
वही दूसरी तरफ नेहरु यूनाइटेड नेशन की तरफ से प्रस्तावित स्थाई सदस्यता को ठुकरा कर चीन को सयुंक राष्ट्र संघ में स्थाई सदस्यता दिलाने के लिए लाबिंग करते रहे! नेहरू, जिस तरह मास्को द्वारा सीपीआई के जरिये भारत में देशद्रोही गतिविधियों के प्रति आंखें मूंदे रहे उसी तरह वह चीन की ओर से भी आंखें बंद किये हुए थे! अपनी मृत्यु से कुछ समय पूर्व सरदार पटेल ने 7 नवम्बर 1950 को पत्र लिखकर नेहरु को आगाह किया था उन्हें अंतरष्ट्रीय स्टार पर चीन की लाबिंग करने से बचना चाहिए! उन्होंने लिखा था कि रूसी कैम्प के बाहर अकेले हम ही हैं जो यूएन में चीन को सदस्यता दिलाने के लिए चैम्पियन बने हुए हैं लेकिन नेहरु नहीं माने परिणाम 1962 का युद्ध भुगतना पड़ा!
राहुल गांधी ये आपके नाना ही थे जिन्होंने भारत को यूनाइटेड नेशन की सदस्यता से मरहूम रखा और चीन को सशक्त कर भारत के लिए खतरा खड़ा कर दिया! लेकिन आप क्या जाने? आपको शेखर गुप्ता के ‘द प्रिंट’ ने यह नहीं बताया होगा, बताया होता तो शायद ट्वीट करने से पहले आप सौ बार सोचते!
सन्दर्भ साभार: ‘कहानी कम्युनिस्टों की’ किताब से
URL: Rahul Gandhi mocks PM Modi over ‘no agenda’ China visit
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