कर्नाटक चुनाव प्रचार के अंतिम दिन राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी मां सोनिया गांधी पर उठे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भले ही उनकी मां इटली की हैं लेकिन अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा उन्होंने भारत में बिताया है। देश के लिए उनका योगदान किसी से भी कम नहीं हैं इसलिए वे किसी से भी अधिक भारतीय है। लेकिन राहुल गांधी ने अपने इस प्रेस कान्फ्रेस में उसी प्रकार अपनी मां की नागरिकता और कांग्रेस के सदस्य होने की वास्तविकता को छिपा लिया जिस प्रकार उन्होंने आजतक अपनी ब्रिटिश नागरिकता और राउल विंची के नाम विदेशी एकाउंट से पर्दा नहीं हटाया है।
मुख्य बिंदु
* राहुल गांधी और राउल विंसी में क्या है अंतर, ब्रिटेन में राउल विंसी के नाम से किसका है बैंक एकाउंट?
देश के हर नागरिक को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे सबसे बड़े पदों पर आसीन होने का जन्मजात अधिकार मिला हुआ है। इस नाते हर भारतीय नागरिक प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बनने का सपना देख सकता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री बनने को तैयार होने की घोषणा की है। जबकि उनका मामला थोड़ा भिन्न है। क्योंकि अभी तक राहुल गांधी ने अपनी ब्रिटिश नागरिकता को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया है। जबकि उन्होंने खुद ही अपने लंदन फर्म बैकॉप्स लिमिटेड में ब्रिटिश नागरिक होने की घोषणा कर रखी है। सवाल यही है कि विदेशी नागरिकता को स्पष्ट किए बगैर प्रधानमंत्री बनने का सपना तो देख सकते हैं लेकिन क्या प्रधानमंत्री बनने का दावा कर सकतें हैं? क्योंकि हमारे संविधान ने किसी विदेशी नागरिक को प्रधानमंत्री बनने का हक नहीं दिया है।
आपको मालूम होगा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी की गुप्त ब्रिटिश नागरिकता का खुलासा किया था। मामला अभी लोक सभा की आचार समिति के पास विचाराधीन हैं। इस मामले में सुब्रहमण्यम स्वामी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज के मुताबिक राहुल गांधी ने खुद ब्रिटिश कंपनी रजिस्ट्री कंपनिज हाउस में इस बाबत घोषणा कर रखी है कि वह एक ब्रिटिश नगारिक हैं, और हैंपशायर के विनचेस्टर स्थित 51 साउथगेट स्ट्रीट में रहते हैं। इसके अलावा राहुल गांधी ने एक कंपनी, जिसका 66 प्रतिशत शेयर उनके नाम है, में भी अपना आवासीय पता लंदन की दूसरी जगह का दिया है लेकिन उसमें भी उन्होंने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया है। लंदन का उनका दूसरा पता लंदन में 2 फ्रॉग्नल वे है। ये सारे दस्तावेज को सबसे बड़े शेयरधारक के रूप राहुल गांधी ने खुद भरा है जब वे लोक सभा के सदस्य थे। इससे साफ होता है कि राहुल गांधी ने लोक सभा और ब्रिटिश कंपनी रजिस्ट्री दोनों को बुद्धू बनाया है। हालांकि उनकी वह गुप्त कंपनी 2009 में बंद हो गई।
इस मामले को लेकर साल 2017 के बीच में स्वामी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक शिकायत दर्ज कर राहुल गांधी की गुप्त ब्रिटिश नागरिकता की जांच कराने की मांग की थी। क्योंकिन उपयुक्त आधिकारिक संस्थान को बगैर बताए विदेशी नागरिकता लेना भारतीय नागरिक के लिए अवैध है। भारतीय कानून के अनुसार जैसे ही आप कोई भी विदेशी नागरिकता प्राप्त करते हैं वहीं से भारतीय नागरिकता आपकी निरस्त हो जाती है।
राहुल गांधी ने आज तक लोक सभा की आचार समिति को आज तक यह बताने की जरूरत तक नहीं समझी कि ब्रिटिश कंपनी रजिस्ट्री में आखिर क्यों साल 2009 तक वे खुद को ब्रिटिश नागरिक बताते रहे। उन्होंने अपने उत्तर में बस इतना कहा कि वह एक भारतीय नागरिक हैं और कोई भी उनकी भारतीय नागरिकता पर संदेह नहीं कर सकता है। यह तो कोई जवाब है ही नहीं। क्योंकि यह तो अपनी तरफ से कही हुई बात है, जबकि उनके खिलाफ संदेह की शिकायत हुई है और शिकायत यह है कि ब्रिटिश कंपनी रजिस्ट्री में उन्होंने कैसे और क्यों खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया? वो भी तब जब वे लोकसभा के सदस्य थे। जो कि सिर्फ एक भारतीय नागरिक ही हो सकता है।
राहुल गांधी को आज न कल न केवल अपनी नागरिकता पर उठे सवाल का जवाब देना होगा बल्कि उन्हें लंदन स्थित बॉर्कलेज बैंक में राउल विंची के नाम से खुला एकाउंट नंबर 504664922071640796 का भी जवाब देना होगा। उनका यह बैंक एकाउंट 18 जुलाई 1996 को ही खुला हुआ है।
इसलिए राहुल गांधी को देश के प्रधानमंत्री बनने का दावा करने से पहले अपनी ब्रिटिश नागरिकता के अलावा राउल विंची के नाम से खुले बैंक एकाउंट के बारे में जवाब देना होगा। जब तक राहुल गांधी इसके बारे में देश की जनता के सामने स्पष्ट नहीं करते उनका दाबा खारिज ही माना जाएगा।
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