अगर राहुल गांधी को राजनीति नहीं आती है या नहीं करनी है तो वह अपनी पार्टी या मां सोनिया गांधी को बताएं। लेकिन इसका भुगतान देश क्यों भुगते? कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए देश की तुलना पाकिस्तान से करने पर उन्हें कैसे माफ किया जा सकता है? लगता है लगातार मिली हार से हताशा को प्राप्त हुए राहुल गांधी को पता ही नहीं है कि क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं? कुछ दिन पहले ही राहुल ने कहा था कि संसद में 15 मिनट बोलने दिया जाए तो प्रधानमंत्री मोदी उनके सामने खड़े नहीं हो पाएंगे। इसका क्या मतलब, ये तो उनकी पार्टी जाने के विगत चार साल से उन्हें संसद में 15 मिनट क्यों नहीं बोलने दिया गया? देश की तुलना पाकिस्तान से कर राहुल ने देश के साथ कृतघ्न होने का जो अपराध किया है, उसे माफ करना देश की जनता के लिए आसान नहीं।
इस वीडियो रिपोर्ट में आप जान पाएंगे-
* कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम, नेहरू से राहुल तक
* कर्नाटक को लेकर भाजपा पर हला कर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और इनके समर्थक कर रहे भ्रष्टाचारी वंशवादी कुनबे को बचाने का प्रयास।
* भाजपा मंगलवार को विधानसभा में करेगी बहुमत साबित! लेकिन कैसे?
* उन चार रास्तों के बारे में जानिए, जिससे भाजपा करेगी बहुमत साबित!
मुख्य बिंदु
*राहुल गांधी को पार्टी, सरकार और देश के बीच के अंतर को जल्दी समझना होगा
*बेवजह देश में दहशत होने की बात फैलाकर देश की सुरक्षा पर कर रहे आघात
राहुल गांधी को पता ही नहीं है कि पार्टी, सरकार और देश में बहुत फर्क है। न तो पार्टी और सरकार में फर्क जानते हैं न ही सरकार और देश में फर्क जानते हैं। तभी तो आलोचना करनी चाहिए सरकार की कर बैठते हैं देश की। यह प्रवृत्ति सही नहीं है। कर्नाटक में भाजपा के सरकार गठन के बाद तो बोल और भी बिगड़ गए हैं।
कर्नाटक मामले को लेकर उन्होंने कहा है कि इस तरह की घटना या तानाशाही में होती है या फिर पाकिस्तान में। उन्होंने आगे कहा कि आज भारत में वही हो रहा है जो पाकिस्तान में होता है। उन्होंने कहा कि देश में लोग घबराए हैं। प्रेस हो मीडिया हो कोर्ट हो या फिर अन्य संवैधानिक संस्था हर जगह लोग घबराए हैं। देश में पहली बार ऐसा हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ चार जज दबाव की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार की हो। राहुल गांधी को याद रखना चाहिए कि उनकी दादी यानि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तो सुप्रीम कोर्ट के जजों के बोलने तक का मौका नहीं दिया था। तीन वरिष्ठ जजों के दरकिनार करते हुए एक कनिष्ठ जज को सुप्रीम कोर्ट का अध्यक्ष बना दिया था।
एक सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस के नेताओं में क्या बीमारी है कि वह पाकिस्तान का नाम लिए बगैर रह ही नहीं सकते? चाहे मणि शंकर अय्यर हो या दिग्विजय सिंह या फिर स्वयं राहुल गांधी। चुनाव में सहयोग करने की मांग तो कई बार हो चुकी है, क्या अब अगले चुनाव में पाकिस्तान से सीधे मदद करने की मांग की जाएगी?
URL: Rahul Gandhi’s power grabbing game and Congress Pakistan love
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