राहुल गांधी कुछ कर सकते हैं लेकिन राजनीति नहीं कर सकते, यह उनकी करनी बता रही है। राफेल डील पर बुधवार को एक बार फिर राहुल गांधी ने उसे गरमाने के प्रयास में एक फेक ऑडियो चलाने का आदेश लोकसभा के स्पीकर से मांगा। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने जैसे ही ऑडियो की सत्यता की जिम्मेदारी लिखित में लेने को कहा राहुल गांधी भाग खड़े हुए।
#WinterSession | It is a tragedy for the country that Congress, which was headed by great legends in the past, is today being headed by a gentleman who lacks the understanding of a compact aircraft: Finance Minister #ArunJaitley attacks #RahulGandhi on #RafaleDeal in #LokSabha pic.twitter.com/hEbxbaQkmx
— India TV (@indiatvnews) January 2, 2019
मालूम हो कि विशेषाधिकार के तहत अगर उस ऑडियो की सत्यता साबित नहीं होती तो राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली जाती। यहां ध्यान देने की बात है कि राहुल गांधी को अपनी सदस्यता से अधिक उस ऑडियो के फर्जी पाए जाने का डर था तभी तो उन्होंने स्पीकर की शर्त नहीं मानी और न ही ऑडियो की क्लिपिंग चलाई। इस बार फिर सरकार को फंसाने के लिए सदन में आए राहुल गांधी को मुंह की खानी पड़ी। ऑडियो की पुष्टि का दायित्व नहीं लेकर राहुल गांधी खुद बुरे फंस गए।
सुमित्रा महाजन ने रिकॉर्डेड बातचीत को सशर्त पढ़ने की इजाज़त दी।
शर्त ये कि @RahulGandhi टेप को authenticate करें।
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) January 2, 2019
मालूम हो कि बुधवार को राफेल डील पर हो रही बहस में भाग लेते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर काफी हमला किया। बोलने के दौरान ही उन्होंने अपनी जेब से अपना फोन निकाल कर एक ऑडियो सदन में चलाने के लिए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से अनुमति मांगी। स्पीकर ने राहुल गांधी से ऑडियो की सत्यता की जिम्मेदारी लिखित में लेने के बाद उसे चलाने को कहा। लेकिन राहुल गांधी ने ऐसा करने से मना कर दिया और फिर ऑडियो की स्क्रिप्ट पढ़ने की इजाजत मांगी। सुमित्रा महाजन ने फिर वही शर्त रखी। उन्होंने कहा कि लिखित में जवाबदेही लेने के बाद उसे आप पढ़ भी सकते हैं और सुना भी सकते हैं। लेकिन राहुल गांधी ने ऐसा करने से भी मना कर दिया और वे सदन से भाग खड़े हुए। उनकी इस करतूत ने एक बार फिर उन्हें नवसिखुआ नेता का टैग लगा दिया है।
#WATCH Moment when Congress MPs threw paper planes towards FM Arun Jaitley while he was speaking during #Rafaledeal debate in Lok Sabha (Source:LS TV) pic.twitter.com/4LuuBIUSPU
— ANI (@ANI) January 2, 2019
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने बुधवार सुबह ही एक फेक ऑडियो जारी कर मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की थी। इस ऑडियो में गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की बातचीत होने का दावा किया गया है। इसमें वह दावा कर रहे हैं कि मनोहर पर्रिकर के बेडरूम में राफेल डील की सभी फाइलें पड़ी हुई हैं।
राहुल गांधी के इस फेक ऑडियो की पोल खोल रहे हैं इंडिया स्पीक्स डेली के संस्थापक संपादक संदीप देव ने। उन्होंने राहुल गांधी और उनके फेक ऑडियो की परत दर परत सच्चाई सामने लाई है कि आखिर उन्होंने उस ऑडियो को सत्यापित क्यों नहीं किया।
राहुल का स्वभाव ही सच को नापसंद करने वाला है : जेटली
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राफेल डील को लेकर लगाए आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि कुछ लोगों का स्वभाव ही सच को नापंसद करने वाला होता है। साथ ही वे केवल पैसों की भाषा समझते हैं। इसलिए कई रक्षा सौदों के षड्यंत्रकारी अपने दुस्साहस के चलते दूसरों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। जेटली ने कहा कि गांधी परिवार की ही यही रही है। यह सिलसिला सेंट किट्स मामले से शुरू होता है। इसमें भी राहुल की बात गलत निकली. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति मैक्रो के संदर्भ में भी कही गई बात गलत निकली। राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कैसे चुनौती दे सकते हैं?
जेटली ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर 2008 में लिखे गए पत्रों में मिसेज गांधी, ‘आर’ और इटेलियन महिला का जिक्र क्यों है? ऐसा इसलिए क्योंकि ये केवल पैसों की भाषा ही समझते हैं। नेशनल हेराल्ड मामला क्या है? इस मामले में गांधी परिवार के सदस्य जमानत पर चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज भी जब राहुल गांधी कोई टेप लेकर आए तो बगैर उसकी पुष्टि किए वे इसे चलाना चाहते थे। क्योंकि वह जानते हैं कि उनके पास जो ऑडियो है वह फेक और मनगढ़ंत है। जेटली ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए बोफोर्स से लेकर अगस्त वेस्टलैंड तथा नेशनल हेराल्ड मामले का जिक्र किया।
URL : Rahul’s Fake Video on Rafael traped himself in lower house of parliament!
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