विपुल रेगे। हनुमान चालीसा और अज़ान को लेकर देशभर में विवाद की स्थिति बनी हुई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे इस मुद्दे पर खुलकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। समाचार है कि राज ठाकरे की पार्टी ने एक मराठी फिल्म ‘भोंगा अज़ान’ के प्रसारण अधिकार खरीद लिए हैं। इस फिल्म को निर्देशक शिवाजी लोटन पाटिल ने निर्देशित किया है। फिल्म की विषयवस्तु को देख कहा जा सकता है कि ये फिल्म मराठी के साथ-साथ हिन्दी पट्टी में भी हंगामा बरपा सकती है।
भोंगा सन 2018 में बनाई गई थी और इसे कई फिल्म समारोहों में बहुत प्रशंसा मिली है। फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है। फिल्म की रिलीज गत वर्ष होने वाली थी। इसके बाद जब अज़ान का विवाद गहराने लगा तो एमएनएस को इस फिल्म में राजनीतिक महत्वाकांक्षा का हाइवे दिखाई देने लगा। राज ठाकरे की पार्टी ने तुरंत निर्णय लेते हुए इस फिल्म के अधिकार खरीद लिए।
अब ये फिल्म मई माह में प्रदर्शित होने जा रही है। भोंगा की कथा कुछ ऐसी है कि प्रदर्शित होने के बाद इस पर राष्ट्रीय स्तर की बहस होने वाली है। ये एक नौ वर्ष के मुस्लिम बालक की कथा है, जो एक गंभीर बीमारी से पीड़ित है। ये बीमारी सीधे दिमाग से संबंध रखती है। इस बच्चे के घर के पास बहुत सी मस्जिदें बनी हुई है। बीमार बालक को लाउडस्पीकर से आती अज़ान की आवाज़ से परेशानी हो रही है।
निर्देशक शिवाजी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि फिल्म एक सत्यकथा पर आधारित है। बचपन में उनका एक मुस्लिम मित्र इसी बीमारी से पीड़ित था। ऐसा अनुमान है कि भोंगा भारतीय समाज पर वैसे ही प्रभाव डालेगी, जैसा हाल ही में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने डाला था। फिल्म प्रदर्शित होने के बाद मुस्लिम समाज के एक बड़े वर्ग और राजनीतिक दलों की ओर से विवाद होने की आशंकाएं बन रही हैं।
चूँकि महाराष्ट्र हनुमान चालीसा और अज़ान के विवाद में झुलस रहा है, इसलिए फिल्म का इम्पेक्ट अधिक होगा। फिल्म के अधिकार एमएनएस द्वारा खरीद लिए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोई गतिरोध खड़ा किया जा सकता है। संभव है कि उद्धव सरकार महाराष्ट्र में फिल्म को रिलीज ही नहीं होने दे। ऐसी स्थिति में भाजपा शासित राज्यों में ये फिल्म हिन्दी अनुवाद के साथ रिलीज की जा सकती है।
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार भी ये फिल्म रिलीज होने दे, ऐसी कोई सूरत दिखाई नहीं देती। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तथाकथित सेकुलरिज्म से तो देश परिचित है। संभवतः कांग्रेस के शासन वाले राज्य फिल्म की रिलीज में रोड़े अटका सकते हैं।