सुमंत विद्वांस। लेखक श्री Sandeep Deo जी से कल फिर एक बार दिल्ली में मुलाकात हुई। मैं उनका आभारी हूं कि वे इतनी व्यस्तताओं और इतने सारे कामों के बावजूद भी हर बार मुझसे मिलने का समय निकालते हैं। कल उनकी पुस्तक ‘राज-योगी’ भी उन्होंने उपहार में दी। यह महंत आदित्यनाथ जी की जीवनी तो है ही, लेकिन साथ ही नाथ संप्रदाय के इतिहास की जानकारी भी इसमें है। गूढ़ विषयों को भी सरल शब्दों में समझा देना संदीप जी की एक विशेषता है और मुझे विश्वास है कि इस पुस्तक से भी पाठकों को बहुत उपयोगी जानकारी मिलेगी।
पिछली बार उनसे सितंबर में मुलाकात हुई, तब उन्होंने मुझे वामपंथ के बारे में उनकी लिखी पुस्तक ‘कहानी कम्युनिस्टों की’ उपहार में दी थी। वह पुस्तक पढ़ने के बाद मैंने आप सबकी जानकारी के लिए उसके बारे में एक विस्तृत पोस्ट भी लिखी थी। अब राज-योगी पढ़ने के बाद इसके बारे में भी लिखूंगा।
इसके अलावा कल उनके सोशल मीडिया मैनेजमेंट कोर्स के छात्रों से भी बात करने का मौका मिला। हम लोगों ने सोशल मीडिया की उपयोगिता के साथ ही अपनी भाषाओं को आगे बढ़ाने की आवश्यकता और इसके महत्व पर भी चर्चा की। संदीप जी के साथ ही उनके मित्र संजीव जी का भी आभारी हूं। ये दोनों मित्र सामाजिक परिवर्तन के प्रयास में कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रहे हैं। दोनों को धन्यवाद और हार्दिक शुभकामनाएं!
सुमंत विद्वांस जी के फेसबुक पजे से साभार