साल 2001 के दिसंबर में भारतीय संसद पर जिस आतंकी हमले में सात भारतीय नागरिक शहीद हो गए थे उस अमंगल दिन को स्वधन्यमान पत्रकार राजदीप सरदेसाई बेहतर पल मानते हैं । उनका यह बयान न केवल उनकी सोच को दर्शाता है बल्कि नीच हरकत को भी दिखाता है। जिस प्रकार उन्होंने उस समय संसद का गेट बंद कर दिया इससे उनकी एकांगता के साथ ही महत्वाकांक्षी प्रवृत्ति भी सामने आ गई है। आतंकी हमले को कवर करने के लिए दूसरे चैनलों को नहीं आने देने के लिए संसद का गेट बंद कर देना एक आपराधिक कृति के साथ साजिश कहा जा सकता है । तभी तो एएनआई की वरिष्ठ पत्रकार स्मिता प्रकाश ने राजदीप की इस करतूत पर लिखा है आतंकी हमले के दौरान संसद का गेट बंद करना, उस दिन को बेहतर बताना और आतंकी हमले में निर्दोष लोगों के मरने पर हम निशब्द हैं। मालूम हो कि राजदीप सरदेसाई ने अपने एक इंटरव्यू में जिस दिन संसद पर हमला हुआ था उसे एक बेहतर पल बताया है।
मुख्य बिंदु
* हमले के दौरान राजदीप सरदेसाई द्वरा संसद का गेट बंद करना कहीं आपराधिक साजिश तो नहीं
* राजदीप सरदेसाई का खुद को गिद्ध से तुलना करना कतई उचित नहीं क्योंकि हमले के समय उन्होंने जो किया वह अधम का काम है
“Shut the gate” and “great day”? People died. Speechless. https://t.co/TmhjBnOJ9G
— Smita Prakash (@smitaprakash) December 5, 2018
निश्चित रूप से कोई भी निशब्द हो सकता है। क्योंकि इस बयान के लिए राजदीप की कितनी भी आलोचना की जाए कम ही होगी। राष्ट्रपति से सम्मानित मेजर सुरेंद्र पुनलिया ने राजदीप सरदेसाई के इस प्रकार के बयान पर कहा है कि ब्रेकिंग न्यूज के लिए राजदीप सरदेसाई जैसे पत्रकार किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने राजदीप सरदेसाई की इस करतूत को पत्रकारिता की कुरूपता बताई है। इसके साथ ही उन्होंने राजदीप सरदेसा के बयान पर कहा कि उन्हें अपने इस बयान पर शर्म आनी चाहिए।
अपने इंटरव्यू के दौरान राजदीप सरदेसाई ने हंसते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने हमले की जानकारी मिलते ही संसद का गेट बंद कर दिया था ताकि कोई और न्यूज चैनल के पत्रकार इस घटना को कवर करने के लिए न आ जाए। उन्होंने कहा कि हम लोग गिद्ध है और ऐसे क्षणों में हम दूसरो को खिलाते हैं।
7 Indians DIED in the terror attack on the Indian parliament.
Does Rajdeep express any sadness? No.
Rajdeep is happy, coz it was a 'great day' for him. He compares himself to a vulture.
Not really.
Vultures serve a purpose.
Rajdeep on the other hand, is just a vile scum https://t.co/GbmaOu70Dt
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) December 5, 2018
शेफाली वैद्य ने इस मामले में मेजर सुरेंद्र पुनिया के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है कि भारतीय पार्लियामेंट पर हुए आतंकी हमले में सात भारतीयों की मौत हो गई थी। शेफाली ने प्रश्न करते हुए पूछा है कि क्या इन मृतकों पर राजदीप सरदेसाई ने कभी दुख प्रकट किया था? नहीं.. राजदीप संसद पर हुए आतंकी हमले तथा उसमें मारे गए लोगों के बाद भी खुश हैं क्योंकि वह दिन उनके लिए बेहतरीन दिन था। शेफाली ने लिखा है कि राजदीप ने अपनी तुलना एक गिद्ध से की है, लेकिन यह सही तुलना नहीं है, क्योंकि गिद्ध एक उद्देस्य के तहत ऐसा करता है। इसलिए राजदीप सरदेसाई एक अधम आदमी हैं।
URL : Rajdeep compares himself to a vulture but he is just a vile scum!
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