अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मिस्टर क्लीन’ राजीव गांधी का जीवनकाल ‘भ्रष्टाचारी नंबर वन’ के रूप में समाप्त हुआ था। ” इसके बाद प्रियंका वाड्रा ने प्रधानमंत्री को ‘सनकी’ और राहुल गांधी ने ‘कर्म का भुगतान’ करना होगा, जैसी बात कही।
गांधी परिवार के ‘पीडी’ और ‘पेटीकोट पत्रकार’ कोहराम मचाने लगे। पिछले छह महीने से देश के प्रधानमंत्री को जब राहुल गांधी चोर कह रहा था, जो यही लोग मजे ले रहे थे, लेकिन जब प्रधानमंत्री ने आईना दिखा दिया तो यही लोग आसमान सिर पर उठाने लगे।
१) राहुल-प्रियंका को गलतफहमी है कि उनके पिता मि.क्लीन थे!
२) १९९० तक सबसे बड़े भ्रष्टाचार के मामले (बोफोर्स, एंडरसन) व कम्युनल दंगे ( दिल्ली, भागलपुर, मेरठ-मलियाना सहित 105 दंगे) राजीव के कार्यकाल में ही हुए थे।
३) बाद में उनकी बीबी सोनिया गांधी की ‘पेटीकोट सरकार’ ने भ्रष्टाचार के मामले में राजीव के कार्यकाल का वह रिकार्ड तोड़ा!
४) अब तक के सबसे बड़े और सबसे ज्यादा दंगों का रिकार्ड आज भी राहुल-प्रियंका के पप्पा के कार्यकाल के ही नाम है!
आइए राजीव गांधी के हजारों कुकर्म में से एक उस पर नजर डालते हैं, जो उसने भोपाल गैस में मारे गये करीब हजारों-लाखों लोगों की जान का सौदा कर किया था। भोपाल गैसकांड के मुख्य अभियुक्त एंडरसन को विशेष विमान से अमेरिका भगाने के बदले राजीव गांधी ने अमेरिकी जेल में बंद अपने एक ड्रग पैडलर दोस्त आदिल शहरयार को छुड़ाया था। मानवता को कलंकित करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ने जिस आदिल सहरयार का सौदा भारत के लोगों की जानसे की थी, जरा जान लीजिए कि वह आदिल शहरयार कौन था?
आदिल शहरयार कौन था जिसके लिए भ्रष्टाचारी राजीव गांधी हजारों मौतों के जिम्मेदार एंडरसन को राष्ट्रपति से चाय पिलवाकर देश से रुखसत किया था?
⦁ आदिल शहरयार इंदिरा गांधी के निजी सहायक रहे मोहम्मद युनुस का बेटा था । उनका लालन-पालन इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे की तरह ही हुआ था ।
⦁ आदिल शहरयार इंदिरा गांधी परिवार के बहुत करीब था, जो मुहम्मद यूनुस का बेटा था। मुहम्मद यूनुस, राजीव गांधी और संजय गांधी दोनों का संरक्षक भी था।
⦁ आदिल शहरयार अमेरिका गया लेकिन वहां जाकर वह अपराध जगत का हिस्सा बन गया. 30 अगस्त 1981 को आदिल मियामी के एक होटल में पकड़ा गया था ।
⦁ पकड़े जाने पर जब अमेरिकी प्रशासन ने आदिल के बारे में छानबीन शुरू की तो पता चला कि आदिल शहरयार ड्रग रैकेट का हिस्सा है । उसके कई और अपराध सामने आये और अमेरिका न्यायालय ने उसे खतरनाक मुजरिम की श्रेणी में रखा और 35 साल की सजा सुनाई गयी ।
⦁ तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के एक समर्थक ने आदिल शहरयार की रिहाई के लिए अमेरिका राष्ट्रपति पद का दुरुपयोग भी किया । उसकी कोशिश थी कि आदिल को मुक्त कराकर भारत भेज दिया जाए. लेकिन बात नहीं बनी । आदिल की रिहाई की सारी कोशिशें क्यों हो रही थीं यह भी छिपी हुई बात नहीं है. भारत का प्रधानमंत्री कार्यालय इस काम के लिए सक्रिय था ।
⦁ इसी घटनाक्रम के तहत मोहम्मद युनुस के इंदिरा गांधी पर प्रभाव का भी खुलासा हुआ । रोनाल्ड रीगन के नाम पर आदिल शहरयार की रिहाई की कोशिश करनेवालों ने इंदिरा और युनुस के गहरे पारिवारिक रिश्तों का वास्ता भी दिया था । फिर भी बात नहीं बनी, लेकिन भोपाल गैस त्रासदी ने राजीव गांधी को मौका दे दिया कि वे आदिल शहरयार को सकुशल भारत वापस ला सके ।
⦁ CIA की एक रिपोर्ट से उजागर हुआ है कि भारत सरकार ने एंडरसन के बदले में आदिल शहरयार को वापस मांगा था । यह रिपोर्ट 2002 में डिक्लासीफाईड की जा चुकी है । सीआईए की ही रिपोर्ट में यह खुलासा भी होता है कि मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह दिल्ली के आदेशों का पालन कर रहे थे ।
⦁ खुद अमेरिकी प्रशासन से जुड़े लोगों के खुलासे हैं जो बताते हैं कि आदिल शहरयार के बदले में एंडरसन को छोड़ा गया था । अमेरिकी मिशन के पूर्व उपाध्यक्ष गार्डन स्ट्रीब ने भी दावा किया है कि एंडरसन को एक समझौते के तहत भारत ने वापस भेजा था ।
⦁ 17 अगस्त, न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर दी कि राजीव गांधी की 1985 की यात्रा की दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति रीगन ने उसी दिन, आदिल शहरयार जो कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बचपन के दोस्त की तरह जाना जाता था की सजा माफ़ कर दी।
⦁ 3 दिसंबर 1984 को भोपाल त्रासदी हुई जिसने दुनिया को हिलाकर रख दिया। Union Carbide India Limited (UCIL) के भोपाल स्थित जिस प्लांट से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था, उसका सीईओ अमेरिकी नागरिक Warren Martin Anderson था।
यह एक मौका था जहाँ राजीव ने अपने पारिवारिक अपराधी मित्र आदिल शहरयार को अमेरिकी जेल से छुड़ाने के लिए हजारों लोगों को मौत के घाट उतारने और लाखों को अपाहिज बनाने वाले एंडरसन का सौदा कर डाला।
⦁ एंडरसन को वीआईपी सुविधाएँ दी गयी और 7 दिसंबर 1984 को देश से बाहर उड़ान भरने की अनुमति मिल गयी और बदले में आदिल शहरियार को 11 जून 1985 पर ‘राज्य के लिए’ और ‘एक सद्भावना रूप में’ राष्ट्रपति रीगन की तरफ से क्षमादान दे दिए गया।
⦁ न्यूयॉर्क टाइम्स में 15 अगस्त 1985 को छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, रीगन ने माफ़ीनामे वाले दस्तावेजों पर 11 जून को हस्ताक्षर किए थे. इसी दिन राजीव वॉशिंगटन पहुंचे थे ।
⦁ ‘इंदिरा- द लाइफ़ ऑफ़ इंदिरा नेहरू गांधी’ क़िताब में कैथरीन फ्रैंक ने दावा किया था कि आदिल शहरयार कार चुराते थे, घूमते थे और फ़िर दिल्ली में उन्हें छोड़ देते थे ।
⦁ आदिल शहरयार भ्रष्टाचारी राजीव गांधी के भाई संजय गांधी के भी बचपन के दोस्त थे. संजय गांधी ने अपनी भविष्य की पत्नी मेनका गांधी से आदिल की मौजूदगी में ही मुलाक़ात की थी ।
⦁ आदिल शहरयार के पिता और इंदिरा गांधी के बेहद करीबी यूनुस की साल 2001 में मौत हो गई। यूनुस तुर्की, इंडोनेशिया, इराक़ और स्पेन में राजदूत रह चुके थे और वाणिज्य मंत्रालय में सचिव के पद से रिटायर हुए थे ।
Sanjeev khan ghandi was a piglet of mo yunus and maimuna khan ghandi. ye sach hai aur pure bharatvasiyonko samzna chahiye. ekhi haram ki avalade hai ye kambakht suwar ke bachhe.