कश्मीर में आतंकवादियों और सेना के बीच मुठभेड़ चलती है। ऐसे में यदि जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती यह कहें कि रमजान में सेना मुठभेड़ न करे, तो वह साफ-साफ कह रही हैं कि आतंकवादी मुसलमान हैं, जिनको रमजान में राहत दिया जाना चाहिए! क्या यही बात केंद्र की मोदी सरकार भी कह रही है? आतंकवादियों और सेना के बीच रमजान के महीने में महबूबा की संघर्ष विराम की शर्तों को मानकर मोदी सरकार ने भी एक तरह से मान लिया है कि कश्मीर घाटी में आम लोगों का जीवन जहन्नुम बनाने वाले मुसलमान हैं! हालांकि मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि रमजान में भी आतंकी हमला होने पर सेना करेगी कार्रवाई, इसलिए पाकिस्तानी व कश्मीरी आतंकवादी गफलत में न रहें! वैसे केद्र सरकार के निर्णय के एक घंटे बाद ही आतंकियों ने शोपियां के जामानगरी में सेना के गश्ती दल पर हमला कर दिया। मुठभेड़ जारी है।
महबूबा मुफ्ती के संघर्ष विराम को तकनीकी रूप से तो नहीं, लेकिन घोषित रूप से मोदी सरकार ने मान लिया है, जिसकी पुष्टि खुद महबूबा मुफ्ती के ट्वीट से होता है। महबूबा ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को इसके लिए धन्यवाद दिया है।
ज्ञात हो कि जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्की की बड़ी मांग को केंद्र सरकार ने मान लिया है। रमजान के दौरान सुरक्षाबलों को कोई ऑरेशन ना लॉन्च करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से तकनीकि रूप से सीज़फायर का नाम नहीं दिया गया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने फैसले की जानकारी मुख्यमंत्री महबूबा मुफती को दी है।
The Centre asks Security Forces not to launch operations in Jammu & Kashmir during the holy month of Ramzan. Decision taken to help the peace loving Muslims observe Ramzan in a peaceful environment.
HM Shri @rajnathsingh has informed the Chief Minister, J&K of Centre’s decision.
— HMO India (@HMOIndia) May 16, 2018
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उम्मीद जताई है कि महबूबा की मुहिम में सहयोग करेंगे जिससे मुस्लिम बिना किसी तकलीफ के रमजान मना सकें। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि उन लोगों की पहचान करना जरूरी है जो हिंसा औऱ आतंक सहारा लेकर इस्लाम को बुरा बनाते हैं।
I wholeheartedly welcome the Ramadan ceasefire & would like to thank @narendramodi ji & @rajnathsingh ji for their personal intervention. My gratitude also to the leaders & parties who participated in the All Party Meeting & helped build consensus towards this announcement. 1/2
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 16, 2018
मोदी सरकार के ‘सीज़फायर’ के फैसले का मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने स्वागत किया। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, “रमजान में सीफायर के फैसले का मैं दिल से स्वागत करती हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को धन्यवाद देना चाहती हूं। सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी नेताओं और पार्टियों के प्रति भी मैं आभार व्यक्त करती हूं।”
Security Forces to reserve the right to retaliate if attacked or if essential to protect the lives of innocent people.
Government expects everyone to cooperate in this initiative and help the Muslim brothers & sisters to observe Ramzan peacefully and without any difficulties.
— HMO India (@HMOIndia) May 16, 2018
वास्तव में देखा जाए तो मुसलिम तुष्टिकरण की महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की खींची लकीर से बाहर निकलने से इस देश की हर सरकार डरती रही है। भले ही मोदी सरकार ने यह नारा दिया हो कि ‘विकास सबका, तुष्टिकरण किसी का नहीं।’ लेकिन कहीं न कहीं यह मुसलिम तुष्टिकरण की दिशा में ही उठाया गया कदम है। यदि ऐसा नहीं होता तो मोदी सरकार महबूबा मुफ्ती को साफ कह सकती थी कि कश्मीर घाटी में कार्रवाई आतंकवादियों के खिलाफ हो रही है, न कि मुसलमानों के खिलाफ!
It is important to isolate the forces that bring a bad name to Islam by resorting to mindless violence and terror.
— HMO India (@HMOIndia) May 16, 2018
हालांकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा है कि इस दौरान अगर कोई हमला होता है तो सामान्य नागरिकों की जान बचा के लिए सुरक्षाबलों को पलटवार का अधिकार रहेगा। इसके साथ ही सेना की सामान्य पेट्रोलिंग जारी रहेगी। सरकार का फैसला सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही लागू होगा, यह LOC पर लागू नहीं होगा।
URL: Ramadan ceasefire in kashmir
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