दलितों की लड़ाई लड़ने का दंभ भड़ने वाले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सुध्रींद्र भदौरिया की पत्नी रंजना कुमारी का देश विरोधी अभियान में शामिल होने का मामला सामने आया है। आरोप है कि पाकिस्तान के पैसे से नोटा अभियान चला चुकीं रंजना कुमारी अमेरिकी पैसे से देश में महिला आरक्षण बिल के पक्ष में लॉबिंग करने में जुटी हैं। यह काम वह विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत चलने वाले अपने एनजीओ के माध्यम से कर रही है। उसके एनजीओ women power connect में FCRA का जो पैसा आया है वह संदिग्ध है।
मायावती की पार्टी के नेता की पत्नी ने पाक के पैसे से भाजपा को हराने के लिए चलाया था नोटा अभियान!
मालूम हो कि महिलाओं के अधिकार के नाम पर वूमेन पावर कनेक्ट के नाम से एक एनजीओ चला रही है। उनके इस एजीओ को अमेरिका के यूसेड (USAID) तथा फोर्ड फाउंडेशन से आर्थिक सहयोग मिलता है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में उनके पति सुधींद्र भदौरिया गरीबों की राजनीति करने का दिखावा करते हैं, जबकि उनकी पत्नी रंजना कुमारी विदेशों के पैसे पर देश के खिलाफ अभियान चलाने में जुटी हैं। रंजना कुमारी के इस अभियान का खुलासा वरिष्ठ पत्रकार मधु पूर्णिमा किश्वर ने किया है।
Ranjana Kumari's NGO received Rs 82 lakhs simply for lobbying in favour of Women's Reservation Bill. US doesn't have 33 percent reservation 4women. Why US so keen to push a shoddy legislation with 33 percent reservation in India? Start with US . Physician heal thyself first https://t.co/nsCO414ZIJ
— Madhu Purnima Kishwar (@madhukishwar) January 10, 2019
मधु पूर्णिमा किश्वर ने इस संदर्भ में ट्वीट करते हुए लिखा है कि रंजना कुमारी के एनजीओ डब्ल्यूपीसी को हाल ही में 82 लाख रुपये मिले हैं। इस एनजीओ की डायरेक्टर रंजना कुमारी खुद ही है। उन्हें यह पैसा देश में महिला आरक्षण बिल के समर्थन में लाबिंग करने के लिए दिया गया है। किश्वर ने यह भी खुलासा किया है कि एफसीआरए के तहत उनके इस एनजओ को यूसेड तथा फोर्ड फाउंडेशन जैसी अमेरिकी वित्तीय संस्थाएं आर्थिक सहयोग करती हैं। उनके एनजीओ को इंडिया फैक्टस ऑरगेनाइजेशन के माध्यम से आर्थिक सहयोग मिलता है। उनका कहना है कि यह 82 लाख रुपये खुद रंजना कुमारी ने अपने एनजीए के नाम पर लिए हैं।
Here is additional information on foreign funds received by #BikauRanjanaKumari for her NGO Women Power Connect funded by USAID & Ford Foundation among others https://t.co/CEzIi9wlkG via @IndiaFactsOrg
— Madhu Purnima Kishwar (@madhukishwar) January 10, 2019
अब सवाल उठता है कि जो अमेरिका इतना विकसित होने के बावजूद अपने यहां महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था नहीं कर पाया है, वह भारत में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण बिल के लिए इतना उत्सुक क्यों है? आखिर क्यों वह भारत में 33 प्रतिशत आरक्षण बिल पास कराने में इतनी रुचि दिखा रहा है? जिस प्रकार अमेरिका उनके एनजीओ को पैसा दे रहा है उससे साफ पता चलता है कि अमेरिका भारत में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू कराने के लिए कितना बेताव है?
First this dangerous #NOTAaunty >> @ranjanakumari shames me for exposing her Pak and Church links & how her FCRA funded NGO was asking women to press NOTA..
Then before I could expose her more..She blocked and ran away.
Bolo abh..😊 pic.twitter.com/azfj1DUIDl
— Ritu #सत्यसाधक (@RituRathaur) January 11, 2019
महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ने का दिखावा करने वाली रंजना कुमारी किसी महिला को गाली देने से परहेज नहीं करतीं। उन्होंने ट्वीटर पर एक महिला ऋतु राठौर को इसलिए ब्लॉक कर दिया क्योंकि उन्होंने रंजना कुमारी के पाकिस्तानी लिंक को उजागर कर दिया था। उनका आरोप है कि रंजना कुमारी के एनजीओ को पाकिस्तानी व चर्च से पैसे मिलते हैं। उन्होंने ही यह भी खुलासा किया है कि किस प्रकार पाकिस्तान से मिलने वाले पैसे का उपयोग करते हुए रंजना कुमारी ने महिलाओं को नोटा का बटन दबाने के लिए प्रेरित किया था। आरोप है कि रंजना कुमारी पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अपने एनजीओ के माध्यम से महिलाओं पर नोटा का बटन दबाने का दबाव डाल रही थी।
URL : Ranjana kumari is lobbying for women reservation on US money
Keyword : women reservation bill, ranjana kumari, Shdheendr bhadauria, Ford foundation, नोटा