By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
India Speaks DailyIndia Speaks Daily
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • Blog
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • सरकारी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDeo blog
    • Your Story
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • JOIN US
Reading: रश्मि सामंत के लिये हिंदू होना बनी सज़ा
Share
Notification
Latest News
‘द केरल स्टोरी’ के बाद ’72 हूरें’ को भी प्रोपोगेंडा फिल्म प्रचारित किया जा रहा
बॉलीवुड न्यूज़
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस्तीफा देकर नजीर पेश करेंगे !
समाचार
टीम ओम राउत  ने रामायण के पात्रों की इमेज बदलने का ‘रामद्रोह’ किया है
बॉलीवुड न्यूज़
दिल्ली पुलिस में तैनात हवलदार वसीम खान कब बर्खास्त होगा ! 
अपराध
बंगाली दंपत्ति के 301 दिन कौन वापस करेगा, बांग्लादेशी समझकर जेल में बंद कर दिया था !
अपराध
Aa
Aa
India Speaks DailyIndia Speaks Daily
  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • Blog
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • सरकारी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDeo blog
    • Your Story
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • JOIN US
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Website Design & Developed By: WebNet Creatives
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
India Speaks Daily > Blog > समाचार > देश-विदेश > रश्मि सामंत के लिये हिंदू होना बनी सज़ा
देश-विदेशसमाचार

रश्मि सामंत के लिये हिंदू होना बनी सज़ा

Rati Agnihotri
Last updated: 2021/03/05 at 10:45 PM
By Rati Agnihotri 33 Views 10 Min Read
Share
10 Min Read
SHARE

ये एक ऐसी भारतीय लड़्की की कहानी है जो अपनी, मेहनत, अपनी लगन और अपनी बुद्धिमत्ता के बल पर आक्स्फोर्ड विश्विद्यालय के छात्र संघ की अध्यक्ष बनी, उसकी प्रेसिडेंट बनी.

और विश्व भर में प्रसिद्ध आक्स्फोर्ड विश्विद्यालय के इतिहास मे ऐसा पहली बार हुआ कि एक भारतीय उनके छात्र संघ का अध्यक्ष बना. और कर्नाटक के शहर उडूपी की इस भारतीय लड़्की ने इस प्रकार आक्स्फार्ड विश्वविद्यालय मे एक नया कीर्तिमान स्थापित किया.

हम बात कर रहे हैं रश्मि सामंत की जो कि आक्स्फर्ड विश्वविद्यालय के छात्र संघ की अध्यक्ष बनीं. लेकिन उनके चुनाव मे जीतने की देर भर दी की कि जीतने के कुछ घंटों बाद से ही रश्मि के विरुद्ध आनलाइन ट्रोल्स सक्रिय हो गये, उन्हे रेसिस्ट, संकीर्ण विचारघारा का व्यक्ति, एक ऐसा व्यक्ति जो लोगों के सेक्शुयल ओरिएंटेशन की वजह से उनके खिलाफ भेदभाव बरतता है, और भी न जाने उन्हे क्या क्या ठहराने के लिये रश्मि सामंत के विरुद्ध एक पूरी आनलाइन कैम्पेन चलने लगी.

रशिम के वर्षों पुराने पहले पोस्ट सोशल मीडिया से निकाले गये और इन पोस्ट्स के आधार पर उन्हे ट्रोल किया जाने लगा. उनकी एक सालों पुराने पोस्ट जिसमे रश्मि मलेशिया घूमने गयी थीं और उन्होने मज़ाकिया लहज़े मे एक सोशल मीडिया मे डली फोटो मे खुद को चिंग चैंग कहकर संबोधित किया था, उनकी उस पोस्ट को लेकर बवाल मच गया कि रशिम रेसिस्ट हैं.

More Read

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस्तीफा देकर नजीर पेश करेंगे !
दिल्ली पुलिस में तैनात हवलदार वसीम खान कब बर्खास्त होगा ! 
बंगाली दंपत्ति के 301 दिन कौन वापस करेगा, बांग्लादेशी समझकर जेल में बंद कर दिया था !
काशी से उज्जैन तक: भाजपा सरकार का भ्रष्टाचार खुलकर आने लगा है सामने!

इसके अलावा रश्मि सामंत ने कही बोलते समय वूमैन और ट्रांस्वूमैन शब्दों का अलग अलग इस्तेमाल किया तो उन पर आक्स्फोर्ड के एल जी बी टी अधिकारों की रक्षा करने वालों की तरफ से आरोप लगने लगे कि रश्मि ट्रांस फोबिक हैं. जो कि एक बेहद अजीब सी बात है. क्योंकि अमेरिका जैसे देशों मे भी ट्रांस वूमैन संबोधन का प्रयोग होता है. और इस संबोधन का प्रयोग मात्र करने का अर्थ यह कदापि नही है कि ट्रांस्जेंडर लोगों का कोई अपमान कर रहा है.

तो इस प्रकार से रश्मि की कई सोशल मीडिया पोस्ट्स वगैरह को बाहर निकालकर उनपर बहुत से आरोप लगाये गये और उन पर इतना ज़्यादा मानसिक दबाव बनाया गया, उन्हे इतना अधिक ट्रोल किया गया कि आखिरकार उन्हे इस्तीफा देना पड़ा. हमने रशिम से टेलिफोन पर बातचीत की और उन्होने हमे बताया कि उनसे पहले तो सिर्फ क्षमा मांगने को कहा गया था. और उन्होने अंतत: माफी मांग ली, लेकिन इसके बावजूद उनके विरुद्ध एक ऐसा नकारात्मक माहौल तैयार किया गया कि उन्हे इस्तीफा देना पड़ा.

जिस दिन वे चुनाव जीतीं, उसके कुछ दिन के भीतर ही उनकी पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट्स खदेड़ कर उनके विरुद्ध बाकायदा एक कैम्पेन चलाई गयी. तो नतीजा यह हुया कि चुनाव जीतने के कुछ दिन बाद ही उन्हे इस्तीफा देना पड़ा. लेकिन यहां को सबसे बड़ी बात हुयी वह यह कि उनके इस्तीफा देने के कुछ समय बाद आक्स्फोर्ड विश्वविद्यालय के किसी फैकल्टी ने उनके मां बाप की फेसबुक प्रोप्फाइल को ट्रोल करना शुरू कर दिया. किसलिये? क्योंकि उनके माता पिता की फेसबुक प्रोफाइल की डी पी पर जय श्री राम का फोटो फ्रेम लगा था. उनके माता पिता को इस पूरे प्रकरण मे घसीटा गया. उनके हिंदू होने की वजह से उन्हे और उनकी बेटी यानि रश्मि को हिंदुत्व का एजेंट, फार राइट विंगर, न जाने क्या क्या बोला गया. यहां तक कि यह भी कहा गया कि रश्मि सामंत नरेंद्र मोदी की एजेंट हैं और उनकी चुनाव कैम्पेन मोदी ने फंड की है!

उनके माता पिता के चेहरों पर वर्चुयल तरीके से कालिख भी पोती गई, उस फोटो मे जहां वे जय श्री राम के फ्रेम के साथ खड़े थे.

और यह सब सिर्फ इसीलिये क्योंकि उनके माता पिता ने एक फोटो फ्रेम का इस्तेमाल किया था सोशल मीडिया पर जो उस धर्म से जुड़ा था, जिस धर्म के वे उपासक हैं, जिस धर्म के प्रति उनकी आस्था है. उन्होने किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी नही की थी, किसी धर्म विशेष के खिलाफ, किसी दूसरे धर्म के विरुद्ध अपशब्द नही कहे थे, नही लिखे थे. लेकिन उन्हे मात्र हिंदू होने के लिये, हिंदू धर्म का उपासक होने के लिये इस प्रकार से बेइज़्ज़त किया. क्या इसके लिये ब्रिटिश सरकार को आक्स्फोर्ड विश्वविद्यालय के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही नही करनी चाहिये? कि जिस विश्वविद्यालय मे दुनिया भर से कितने ही धर्मों के छात्र छात्रायें पढाई के लिये आते हैं, वहां एक लड़्की को हिंदू होने की वजह से इतना अपमान सहना पड़्ता है. पहले उसे ऐसी बातों को लेकर ट्रोल किया जाता है जो उसने वर्षों पहले न जाने किस संदर्भ मे लिखी थीं, उसे इस्तीफा देने के लिये बाध्य किया जाता है और फिर उसके माता पिता को उनके हिंदू होने की वजह से हैरेस किया जाता है, उन्हे आनलाइन न जाने क्या क्या कहा जाता है.

उस छात्रा के लिये यह सब कितनी बड़ी मानसिक यातना रही होगी, आप सब सोच सकते हैं. वो कितने खुले मन से, कितने आदर्श विचारों के साथ वहां पढाई करने गई होगी, जो कि सभी छात्र छात्रायें जाते हैं.

इन विश्विद्यालयो मे जो छात्र छात्रायें पढाई करने आते हैं, उनकी मानसिकता शायद ऐसी नही होती, लेकिन जो वहां के छात्र संघ हैं, जो स्टूदेंट यूनियन हैं, वो अल्ट्रा लेफ्ट द्वारा नियंत्रित हैं. और इनमे जिस किसी की भी सोच अल्ट्रा लेफ्ट नही होती, उसे इन संघों मे रहने नही दिया जाता.

हालांकि रश्मि पर जो आरोप लगे थे और उसके इस्तीफे की वजह उसका हिंदू होना नही थी. उसे सीधे तौर पर कभी भी उसके हिंदू होने के लिये ट्रोल नही किया गया. खुद रश्मि ने भी यह बात स्वीकारी है कि उसे हिंदू होने की वजह से ट्रोल नही किया गया. उस पर दूसरे आरोप लगाये. लेकिन फिर जिस प्रकार से उसके मां बाप को पूरे प्रकरण मे घसीटा गया सिर्फ उनकी धार्मिक आस्थाओं के कारण और रश्मि को नरेंद्र मोदी का एजेंट तक बताया गया, तो उससे तो यही लगता है कि उसका धर्म शुरू से इन अल्ट्रा लेफ्ट फोर्सेज़ की आंखों मे खटक रहा था.

एक और बात थी शायद जो उनकी आंखों मे खटक रही थी. और वह थी रश्मि के चुनावी घोषणा पत्र का मुख्य मुद्दा, जिस मुद्दे के आधार पर वह चुनाव जीती थी.

रश्मि सामंत के घोषणा पत्र का मुख्य मुद्दा डीकलोनाइज़ेशन था यानि जिन देशो पर अंग्रेज़ों ने शासन किया, उनके लोगों को मानसिक दासता से मुक्त कराना, उन्हे मानसिक दास्ता के दलदल से निकालना.

और इसी मुद्दे पर वह चुनाव जीती थीं. उनकी बहुत सी स्पीचेज़ मे ब्रिटेन के इम्पीरियलिज़्म प्रोजेक्ट की, उसके कोलोनिअल प्रोजेक्ट की आलोचना थी और इस बात पर फोकस था कि आज भी लोग ग्लोबल साउथ की पीड़ा को, उसकी परेशानी को नही समझ रहे हैं. यानि जिन गरीब या विकासशील देशों पर इतने समय तक अंग्रेज़ों का शासन रहा, उनकी पीड़ा को लोग अभी भी नही समझ रहे हैं.  

तो रश्मि का यह रैडिकल डीकोलोनाइज़ेशन प्रोजेक्ट आक्स्फोर्ड छात्र संघ के अल्ट्रा लेफ्टेस्स को रास नही अया. और हमे यह जानकर हैराने हुयी, रश्मि ने हमे खुद यह बात बतायी कि किस प्रकार से आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के तथाकथित बुद्धिजीवी, ब्रिटेन के कोलोनिअलिज़्म को, यानि उसके दूसरे देशों पर किये शासन को तर्कसंगत ठहराते हैं! यह कहकर कि अगर ब्रिटेन ऐसा नही करता तो ये देश अभी भी गरीबी और समाजिक कुप्रथाओं के बंधन मे जकड़े होते.

रश्मि सामंत का संघर्ष अभी समाप्त नही हुया है. यह तो उसके संघर्ष की शुरुआत मात्र है. वह अभी भी आक्स्फोर्ड मे ही पढाई कर रही है. और ये हम सभी लोगों के संघर्ष की भी शायद शुरुआत मात्र ही है, जो तथाकथित थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज़ से हैं, जिन्हे अंग्रेज़ी भाषा सीखने की, उसमे किताबें लिखने की, उनके तथाकथित बेस्ट विश्वविद्यालयों मे दाखिला पाने की अनुमति तो है लेकिन उनकी इम्पीरियलिस्ट सोच पर सवाल उठाने की अनुमति शायद अभी नही है.

.

Related

TAGGED: colonialism, Hinduism, Jai Shri Ram, Oxford University, Oxford University Student Union, oxford university student union president, Rashmi Samant, Rashmi Samant instagram, Rashmi Samant news, Rashmi Samant Oxford University, Rashmi Samant parents, Rashmi Samant tweets
Rati Agnihotri March 5, 2021
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Print
Rati Agnihotri
Posted by Rati Agnihotri
रति अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों में कवितायें लिखती हैं. इनका अंग्रेज़ी का पहला कविता संग्रह ‘ द सनसेट सोनाटा’साहित्य अकादमी से प्रकाशित हुआ है. रति की हिंदी कवितायें पाखी, संवदिया, परिकथा, रेतपथ, युद्धरत आम आदमी, हमारा भारत आदि साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं. रति दिल्ली में ‘ मूनवीवर्स – चांद के जुलाहे’ के नाम से एक पोएट्री ग्रुप चलाती हैं जहां कविता को संगीत, चित्रकला आदि विभिन्न विधाओं से जोड़ा जाता है और कविता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार भी होता है. रति चीन के शिनुआ न्यूज़ एजेंसी के नई दिल्ली ब्यूरो में बतौर टी वी न्यूज़ रिपोर्टर कार्य कर चुकी हैं. रति आजकल स्वतंत्र पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं. रति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कांलेज से अंग्रेज़ी विशेष में बी ए आनर्स किया है और इंग्लैंड के लीड्स विश्वविद्यालय से अंतराष्ट्रीय पत्रकारिता में एम ए किया है.
Previous Article karnavati मोदी जी अब तो अहमदाबाद का नाम कर्णावती कर दीजिए!
Next Article जावड़ेकर के दिशा-निर्देशों को सुप्रीम कोर्ट ने बताया बिना दांत-बिना नाख़ून का शेर
Leave a comment Leave a comment

Share your Comment Cancel reply

Stay Connected

Facebook Like
Twitter Follow
Instagram Follow
Youtube Subscribe
Telegram Follow
- Advertisement -
Ad image

Latest News

‘द केरल स्टोरी’ के बाद ’72 हूरें’ को भी प्रोपोगेंडा फिल्म प्रचारित किया जा रहा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस्तीफा देकर नजीर पेश करेंगे !
टीम ओम राउत  ने रामायण के पात्रों की इमेज बदलने का ‘रामद्रोह’ किया है
दिल्ली पुलिस में तैनात हवलदार वसीम खान कब बर्खास्त होगा ! 

You Might Also Like

समाचार

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस्तीफा देकर नजीर पेश करेंगे !

June 3, 2023
अपराध

दिल्ली पुलिस में तैनात हवलदार वसीम खान कब बर्खास्त होगा ! 

June 3, 2023
अपराध

बंगाली दंपत्ति के 301 दिन कौन वापस करेगा, बांग्लादेशी समझकर जेल में बंद कर दिया था !

June 3, 2023
भ्रष्टाचार

काशी से उज्जैन तक: भाजपा सरकार का भ्रष्टाचार खुलकर आने लगा है सामने!

June 2, 2023
//

India Speaks Daily is a leading Views portal in Bharat, motivating and influencing thousands of Sanatanis, and the number is rising.

Popular Categories

  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US

Quick Links

  • Refund & Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Terms of Service
  • Advertise With ISD
- Download App -
Ad image

Copyright © 2015 - 2023 - Kapot Media Network LLP.All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?