सोनिया गांधी के ‘मनमोहनी सरकार’ के दौरान देश भर फैले भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने के लिए सीबीआई ने आज एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की है। सीबीआई की छापेमारी के लपेटे में आईसीआईसीआई के पूर्व सीईओ चंदा कोचर से लेकर विडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल तथा महागठबंधन के नाम पर ब्लैकमेल की राजनीति करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दायां हाथ कहे जाने वाले श्रीकांत मोहता आ चुके हैं। सीबीआई ने इन लोगों के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। रोजवैली चीट फंड के मामले में मुख्य आरोपी श्रीकांत मेहता के बारे में कहा जाता है कि वह जांच में सीबीआई से सहयोग नहीं कर रहा था। रोजवैली चीट फंड के मामले में 17,520 करोड़ रुपये का घोटाला होने की बात सामने आई है। श्रीकांत मेहता के बारे में कहा जाता है कि वह बंगाली फिल्म के प्रोड्यूसर होने के साथ ही ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का मुख्य फंडर रहा है। इसके पास एक बहुत बड़ा शॉपिंग मॉल है, भाजपा की बड़ी नेता रूपा गांगुली ने आरोप लगाया है कि उसके पास अवैध रूप से अर्जित अकूत संपत्ति है।
आईसीआईसीआई बैंक से विडियोकॉन को करीब 32 हजार करोड़ रुपये गलत तरीके से लोन दिलाने के मामले में सीबीआई ने चंदा कोचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनके पति के चार ठिकानों पर छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि अभी छापेमारी चल ही रही है। मालूम हो कि चंदा कोचर ने ही यह लोन साल 2012 में तब दिलाया था जब वह आईसीआईसीआई की सीईओ थीं। इसी संदर्भ में सीबीआई मुंबई में विडियोकॉन के नरीमन प्वाइंट स्थित मुख्यालय पर भी छापेमारी कर रही है। सीबीआई ने एफआईआर में चंदा कोचर के साथ उनके पति दीपक कोचर का भी नाम शामिल किया है।
CBI Sources: Central Bureau of Investigation registers FIR in Chanda Kochhar case. Raids being conducted by CBI at four locations in Mumbai, Maharashtra. pic.twitter.com/KOLRib9Ujn
— ANI (@ANI) January 24, 2019
गौरतलब है कि इसी घोटाला मामले को लेकर चंदा कोचर को 4 अक्टूबर 2019 को आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये के लोन दिलाया था । यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था।
चंदा कोचर का मेहुल चौकसी से भी जुड़ा है तार
यह वही चंदा कोचर है जिसे मीडिया महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बताते नहीं थकता था । मीडिया द्वारा प्रोजेक्टेड यह चेहरा, लगातार घोटाले के आरोपों से घिरता जा रहा है। वीडियोकॉन लोन मामले के बाद देश को लूट कर भागने वाले हीरा व्यापारी व नीरव मोदी के रिश्तेदार ‘गीतांजलि’ के मेहुल चौकसी को भी 5080 करोड़ का लोन आईसीआईसीआई के नेतृत्व में ही दिया गया था।
The Central Bureau of Investigation (CBI) initiates a probe in connection with Rs 5,280 crore loan given to Mehul Choksi’s Gitanjali Group by a 31-bank consortium led by the ICICI Bank
— ANI (@ANI) April 11, 2018
सीबीआई के अनुसार, आईसीआईसीआई के नेतृत्व में देश के 31 बैंकों ने मेहुल चौकसी और उसकी कंपनी को 5080 करोड़ का लोन दिया था। इसका जिक्र चौकसी और गीतांजलि के खिलाफ दर्ज किए गई प्राथमिकी में है। दरअसल चंदा कोचर की बैंक आईसीआईसीआई ने मेहुल चौकसी के गीतांजलि ग्रुप को वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी दे रखा था, जिसके कारण वह 31 बैंकों से पैसे उठाता चला गया।
आरोप के अनुसार, कांग्रेस राज और खासकर पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते चंदा कोचर ने वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत को बिना गारंटी अरबों लोन दे दिया, जिसके एवज में वीडियोकॉन ने उनके पति व देवर को फायदा पहुंचाया। शिकायतकर्ता अरविंद गुप्ता की शिकायत के अनुसार, वीडियोकॉन समूह को 3900 करोड़ का लोन दिया, जिसके एवज में वीडियोकॉन ग्रुप ने चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यू पावर रिन्यूबल प्राइवेट लि में उस दौरान 325 करोड़ रुपये ट्रांसफार किया। आरोप के अनुसार, वीडियोकॉन ने चंदा के देवर राजीव कोचर को भी फायदा पहुंचाया। सीबीआई राजीव कोचर को गिरफ्तार कर पूछताछ भी कर रही है।
एनडीटीवी को भी पहुंचाया था अरबों रुपये का लाभ
इतना ही नहीं, ICICI ने कांग्रेस राज में प्रो-कांग्रेसी न्यूज चैनल NDTV के मालिक राधिका राय व प्रणय राय को भी अरबों रुपये का फायदा पहुंचाया। सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, अक्टूबर 2008 में आईसीआईसीआई ने RRPR-राधिका राय-प्रणय राय होल्डिंग को 350 करोड़ का लोन दिया। इस लोन के आधार पर प्रणय राय ने शेयर बाजार को मैन्यूप्यूलेट किया, जो सीधे तौर पर भष्टाचार निरोधक कानून के मुताबिक एक भ्रष्टाचार है। लोन मिलने के दो दिन के अंदर पति-पत्नी प्रणय राय-राधिका राय ने 92 करोड़ रुपये अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर लिया। NDTV पर इसके अलावा 2030 करेाड़ के फेमा उल्लंघन और 525 करोड़ के आयकर की चोरी का मामला चल रहा है। प्रणय राय-राधिका राय की कंपनी ने बरमूडा और नीदरलैंड जैसे जगहों से अवैध तरीके से 600 करोड़ रुपये जुटाए। यह साफ तौर पर मनी मनी लाउंड्रिंग और हवाला का खेल है।
ICICI Bank CEO Chanda Kochhar's brother in law Rajeev Kochhar is being questioned in Mumbai by CBI in ICICI Videocon case. pic.twitter.com/Qzsod6i7Lt
— ANI (@ANI) April 5, 2018
मोदी सरकार ने जब सभी बैंकों को अपना बहीखाता सही करने का निर्देश दिया तो कांग्रेस राज में मीडिया द्वारा ग्लैमराइज चंदा कोचर, आईसीआईसी एवं अन्य बैंकों का भ्रष्टाचार सामने आता जा रहा है! इसी सरकार में यानी 2017 में वीडियोकॉन को प्ब्प्ब्प् ने डिफाल्टर घोषित किया है! यानी अपने गले में फंदा देखकर चंदा कोचर ने वीडियोकॉन को डिफाल्टर घोषित किया है, अन्यथा यह यह सबकुछ पहले की तरह चलता रहता, यदि 2014 में सरकार नहीं बदलती!
जानेमाने बंगाली फिल्म निर्माता एवं वितरक श्रीकांत मेहता से गुरुवार को शहर स्थित उनके कार्यालय में सीबीआई अधिकारियों ने करोड़ों रुपये वाले रोज वैली चिटफंड घोटाले के संबंध में पूछताछ की। इसके बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। भाषा को सूत्रों ने बताया कि श्री वेंकटेश फिल्म्स के सहमालिक मोहता को जांच एजेंसी ने रोज वैली से राशि स्वीकार करने के संबंध में एक नोटिस दिया था और अधिकारियों ने उनसे दक्षिण कोलकाता में एक शॉपिंग मॉल स्थित उनके कार्यालय में पूछताछ की। प्रवर्तन निदेशालय भी रोज वैली घोटाले की जांच कर रहा है। रोज वैली के चेयरमैन गौतम कुंदू धनशोधन के एक मामले में जेल में है।
मालूम हो कि चिटफंड कंपनी रोजवैली ने लोगों से 17 हजार 520 करोड़ रुपए की घोखाधड़ी की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रोजवैली के मूल मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में दायर किए अपने पहले आरोप पत्र में इसका खुलासा किया है। ईडी ने मंगलवार को आरोप पत्र दाखिल किया। तीन हजार पन्नों के आरोप पत्र में केन्द्रीय जांच एजेन्सी ने कंपनी के प्रमुख गौतम कुण्डू व दो निदेशक शिवमय दत्त तथा अमित चक्रवर्ती का नाम शामिल किया है। ईडी ने मामले में पूरक आरोप पत्र दायर करने की इजाजत भी मांग ली है। आरोप पत्र में ईडी ने लिखा है कि रोजवैली ने झूठी और लुभावनी योजनाओं का झांसा देकर पश्चिम बंगाल,ओडिशा, असम व त्रिपुरा के लाखों लोगों से 17 हजार 5 सौ 20 करोड़ रुपए जमा किए। केन्द्रीय जांच एजेन्सी की ओर से अदालत को बताया गया है कि उक्त रुपए कहां गए? कंपनी ने कहां-कहां निवेश किया? कौन-कौन से प्रभावशाली लोग कितने पैसे लिए? इन सारे तथ्यों की जांच अभी बाकी है। इसलिए मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा। वर्ष 2013 में सारधा चिटफंड घोटाले के खुलासे के बाद रोजवैली के घोटाले का खुलासा हुआ था। कंपनी प्रमुख गौतम कुण्डू एव कई पदाधिकारी गिरफ्तार है। ईडी ने कंपनी की 400 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त कर रखी है।
यदि 2014 में मोदी सरकार नहीं आती तो कांग्रेस की छत्रछाया में 2004-2014 तक कारपोरेट और बैंकों के गठजोड़ से हुए 52 लाख करोड़ के घोटाले क्या कभी सामने आ पाते?
URL: registering fir cbi conducted raids at in chanda kochhar locations!
Key Words: P Chidambaram, ICICI Bank, Chanda Kochhar,ICICI Bank Videcon loan case, deepak kochhar, K. V. Kamath, ONGC, चिदंबरम, वीडियोकॉन लोन मामला, केवी कामथ, ओनएजीसी