आईएसडी नेटवर्क। सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के बाद कवरेज की होड़ ने एक चैनल वॉर को जन्म दे दिया है। इस चैनल वॉर को सुलगाने का जिम्मेदार रिपब्लिक भारत है। रिपब्लिक ने सबसे तेज़ चैनल आजतक को छेड़ने के साथ चुटकियां भी लेनी शुरू कर दी हैं। निश्चय ही रिपब्लिक भारत का प्रवेश चैनलों की दुनिया में ऐसा था, जैसे शांति से लहरा रहे सरसो के खेतों में कोई डायनासोर घुस आया हो। सुशांत कवरेज में आजतक को पीछे छोड़ने के बाद अर्नब गोस्वामी के चैनल ने ट्विटर पर भी इसे छेड़ना शुरू कर दिया है। ये चैनल वॉर मुख्यतः दो चैनलों के बीच लड़ा जा रहा है क्योंकि बाकी इस लायक नहीं है कि किसी भी तरह इस युद्ध का हिस्सा बन सके। अन्य चैनल तो इस समय गुट निरपेक्ष नीति अपनाते दिखाई दे रहे हैं।
रिपब्लिक द्वारा इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी को किये गए ट्वीट बहुत चर्चा में रहे। ये ट्वीट अरुण पुरी के लिए घाव से कम नहीं थे और बाकी कसर अर्नब के प्रशंसक नमक छिड़ककर पूरी करते रहे। दरअसल ये ट्वीट Broadcast Audience Research Council की साप्ताहिक रिपोर्ट आने के बाद किये गए हैं।
रिपोर्ट से साफ़ ज़ाहिर हो रहा है कि रिपब्लिक भारत ने दर्शकों की संख्या के मामले में सबसे तेज़ चैनल को बहुत पीछे छोड़ दिया है। रिपब्लिक ने सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण की रिपोर्टिंग में आजतक, टाइम्स नाउ, न्यूज़ 18, डीडी इंडिया और टीवी9 भारतवर्ष को पीछे छोड़कर इम्प्रेशन्स में पहला नंबर हासिल कर लिया है। इसके बाद रिपब्लिक ने इस रिपोर्ट को सीधा इंडिया टुडे समूह के चेयरमैन अरुण पुरी को ट्वीट कर दिए, जो मंगलवार को अर्नब गोस्वामी के प्रशंसकों के बीच बहुत वायरल होते रहे।
पहले ट्वीट में रिपब्लिक लिख रहा है अरुण पुरी अपनी इंडिया टुडे और आजतक की टीमों से कहिये तनाव न ले। इस तरह तनाव न लें और खुद को न घिसें। गहरी सांस लीजिये और छोड़िये, जैसा कि अर्नब ने कहा है खेल तो बस अभी शुरू हुआ है।
अगले ट्वीट में कहा गया है कि ‘ भारत के नंबर वन न्यूज़ नेटवर्क चैनल की ओर से एक टिप। अपने परेशान एंकर्स से कहिये कि सोशल मीडिया पर लगातार हो रहे पतन से वे दर्शकों का विश्वास नहीं जीतेंगे। गहरी साँस लीजिये और छोड़िये। शांत रहियें। ये आपकी उस न्यूज़ डेस्क की सहायता करेगा, जो रसातल में पहुँच चुकी है।
गौरतलब है कि रिपब्लिक भारत के मंच से अर्नब गोस्वामी आजतक पर तंज कसते रहते हैं। जब रिया चक्रवर्ती ने आजतक को इंटरव्यू दिया, तभी ये चैनल वॉर अपने चरम पर पहुँच गया था।
देखा जाए तो इस चैनल वॉर में आजतक रिपब्लिक के सामने असहाय दिखाई दे रहा है। जिस तरह की आक्रामक और तथ्यात्मक रिपोर्टिंग रिपब्लिक की टीम द्वारा की जा रही है, उससे आजतक मुकाबला नहीं कर पा रहा है।
राजदीप सरदेसाई द्वारा रिया चक्रवर्ती का इंटरव्यू दिखाना, इसी चैनल वॉर का रणनीतिक कदम था, जो असफल हो गया क्योंकि दर्शक कन्विंस नहीं हो सका। सुशांत सिंह राजपूत केस में रिपब्लिक ने इतनी बड़ी लीड हासिल कर ली है कि किसी भी चैनल को इसे क्रॉस कर पाने के लिए पहाड़ चढ़ने जैसी मेहनत करनी होगी। बीस साल से अधिक समय से सरताज़ बना रहा चैनल अब पिछड़ने लगा है। इसलिए तो रिपब्लिक ने अपने ट्वीट में लिखा है कि आपकी न्यूज़ डेस्क का हौंसला रसातल में पड़ा हुआ है।