अर्चना कुमारी। देश इन दिनों करोना संक्रमण के तीसरी लहर की चपेट में है जबकि पहली लहर के दौरान दिल्ली में तबलीगी जमात को करोना संक्रमण फैलाने के लिए मुख्य जिम्मेदार ठहराया गया था ।
हालांकि दिल्ली पुलिस तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद को कभी नहीं पकड़ पाई और ना ही उनसे पूछताछ कर पाई। इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट में तबलीगी जमात कार्यक्रम को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई और इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि जिन भारतीय नागरिकों ने 2020 के तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वालों को पनाह दी थी, वे कोरोना के संक्रमण के जिम्मेदार हैं। अब इस मामले पर 28 फरवरी को सुनवाई की जाएगी ।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वालों को पनाह देने वाले भारतीय नागरिकों ने कोरोना से जुड़े निरोधात्मक आदेशों का उल्लंघन किया। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के वकील आशीमा मंडला को निर्देश दिया कि वे जवाबी हलफनामा दाखिल करें। गौरतलब है कि इससे पहले 6 दिसंबर 2021 को हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि क्या किसी भारतीय नागरिक को वैध पासपोर्ट के जरिये भारत आए तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों को आवास पर रखने से मनाही है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा था कि जब लॉकडाउन लगाया गया, तो सभी लोग ठहर गए थे, लेकिन तबलीगी जमात के आरोपी प्रतिबंधित क्षेत्रों में आते जाते रहे, जिसके कारण करोना फैला। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि तबलीगी जमात में भाग लेने वाले लोगों को पिछले साल कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान आश्रय देने वाले भारतीय नागरिकों ने क्या अपराध किया है ?