आप सभी को याद होगा जज लोया का मुकदमा! वामपंथी पत्रिका कारवां, पत्रकार व एक्टिविस्ट के वेश में बैठे शहरी नक्सल सिद्धार्थ वरदराजन और उसका द वायर, रवीश कुमार और एनडीटीवी, शेखर गुप्ता व उनका दप्रिंट, प्रशांत भूषण, इंदिरा जय सिंह, कपिल सिब्बल, राहुल गांधी और समूची कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का पोलिटिकल करियर समाप्त करने के लिए जज लोया की सामान्य मौत को संदिग्ध बनाकर पेश किया था। इस केस को अपने फेवर में फिक्स करने के लिए कांग्रेस व कम्युनिस्ट पार्टी की शह पर लुटियन लॉबिस्ट शेखर गुप्ता, प्रशांत भूषण, इंदिरा जय सिंह व कम्युनिस्ट नेता डी. राजा सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायधीशों को पर्दे से निकाल कर मीडिया के समक्ष भी ले आए थे! बाद में एक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे केस को फर्जी, एक तरफा और न्यायपालिका पर हमला करार देते हुए रद्द कर दिया था, जिसके बाद यह लुटियन लॉबी सुप्रीम कोर्ट पर ही हमलावर हो उठी थी। इस लुटियर लॉबी को को उस समय मुंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश अभय थिप्से ने बयानबाजी कर मीडिया में सपोर्ट उपलब्ध कराया था।
The same JUDGE
Who raised doubts on Justice LOYA'S death
Who put d AMIT SHAH in jail on Sohrabuddin case
Who gave bail to TERRORISTS at call
Who said JUDICIARY hs FAILED
while giving justice in Best Bakery case
Who granted bail to SALMAN
hs joined d CONGRESS
Now connect d dots pic.twitter.com/fdoWfKzmW5
— Mahesh Vikram Hegde (@mvmeet) June 15, 2018
मुंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अभय थिप्से ने सेवानिवृत्त होते ही राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी का दामन थाम कर यह साबित कर दिया कि वह न्यायधीश की कुर्सी पर बैठकर कांग्रेस के लिए बड़े कायदे से बैटिंग कर रहे थे। आपको पता है जज लोया की मौत पर सुप्रीम कोर्ट को फेल बताने वाले न्यायधीश अभय थिप्से कुर्सी पर बैठकर पूर्व में भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पोलिटिकल एनकाउंटर की कई कोशिशें कर चुके हैं? ये वही महोदय हैं, जिन्होंने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में अमित शाह को जेल भेजा था। ये वही न्यायधीश हैं, जो गुजरात के बेस्ट बेकरी मामले की सुनवाई कर रहे थे। ये वही महोदय हैं, जिन्होंने आतंकियों को बेल दिया है और ये वही महोदय हैं, जिन्होंने सलमान खान को बेल दिया था।
हिट एंड रन केस में जिस समय सलमान को जमानत मिली थी उस समय एंटी नेशनल गैंग में शामिल पत्रकारों ने मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए फेक न्यूज चलाया था। उन लोगों का कहना था कि जमानत देने वाले जज मोदी समर्थक हैं। लेकिन आज सभी के मुंह पर ताला लग गया है। जब हाईकोर्ट के पूर्व जज अभय महादेव थिप्से ने रिटायर होते ही राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
अब जब उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है तो फिर उन गैंग के पत्रकारों का मुंह भी बंद हो गया है। अब कोई सवाल नहीं करेगा कि आखिर उस केस में सलमान खान को क्यों जमानत दी गई। अब उस जज के फैसले पर भी संदेह नहीं किया जाएगा। चूंकि उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा है इसलिए उनके सारे गुनाह माफ हो जाएंगे। फर्ज कीजिए यदि वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए होते तो फिर फेक न्यूज प्रचारित करने वाले कहां कहां से संबंध निकाल लाते? कितने पुराने केस बाहर निकल आए होते और उस पर दिए निर्णय की विवेचना शुरू हो गई होती।
आज जब सेवानिवृत्त होते ही अभय थिप्से कांग्रेस और राहुल गांधी की चरणों में पहुंच गये तो सोचिए न्यायधीश की कुर्सी पर बैठकर इन्होंने अपने अंदर के कांग्रेस को कितनी बार उभारा होगा? जनता की ओर से
HC Judge Abhay Mahadev Thipse who gave bail to Salman in Hit & run case, has joined Congress in the presence of Shri Rahul Gandhi.
— Prashant P. Umrao (@ippatel) June 14, 2018
यह मांग उठनी चाहिए कि ऐसे न्यायधीशों ने अब तक जितनी भी सुनवाई की है, उस सभी की जांच के लिए एक आयोग बने जो इसकी निष्पक्षता की जांच करे। ऐसे न्यायधीशों के कारण ही भारत की न्यायपालिका भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद आदि की चपेट में है। जनता का भरोसा आज न्यायपालिका से उठ रहा है तो इसके पीछे अभय थिप्से जैसे न्यायधीश ही हैं। न्यायपालिका में जनता का भरोस बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को पहल करनी चाहिए और ऐसे न्यायधीशों द्वारा सुने गये महत्वपूर्ण मामलों की निष्पक्ष समीक्षा होनी चाहिए।
URL: Retired judge abhay thipsay who granted bail to salman khan joined congress
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