आईएसडी नेटवर्क। सुशांत सिंह राजपूत केस में केंद्रीय एजेंसियों के कमज़ोर पड़ते ही फिल्म उद्योग पलटवार के संकेत देने लगा है। सोमवार को लगभग पूरे बॉलीवुड ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ये जता दिया है कि वे सरकार की कार्रवाई और मीडिया कवरेज का विरोध करेंगे। केंद्रीय एजेंसियों के कमज़ोर पड़ने का बुरा असर सुशांत वारियर्स पर पड़ रहा है और बॉलीवुड की ओर से बाकायदा शिकायत करने और छींटाकशी का दौर शुरु हो चुका है।
एक आधी अधूरी जाँच का परिणाम केंद्रीय एजेंसियों की भरपूर आलोचना के रुप में सामने आ रहा है। एजेंसियों के अचानक खामोश हो जाने के कारण बॉलीवुड की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आना शुरु हो गई है। सोमवार को राष्ट्रवादी कलाकार के रुप में अब तक प्रचारित अक्षय कुमार और अजय देवगन के मीडिया पर हमले में शामिल होने के बाद अनुपम खेर जैसे वरिष्ठ राष्ट्रवादी अभिनेता भी चुप हैं।
रिया चक्रवर्ती को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने केवल ज़मानत दी है और सीबीआई ने उसे क्लीन चिट नहीं दी है लेकिन अब वह बाहर आते ही इस केस के गवाहों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा रही है। ज़मानत होते ही रिया ने अपनी पड़ोसी डिम्पल थवानी के खिलाफ सीबीआई में लिखित शिकायत की है।
डिम्पल ने रिया के खिलाफ गवाही दी थी। इस बात से ये भी स्पष्ट हो रहा है कि एनसीबी ने पूछताछ में थर्ड डिग्री इस्तेमाल नहीं किया था, क्योंकि रिया चक्रवर्ती के तेवर जेल से बाहर आते ही पहले से अधिक उग्र हो गए हैं। रिया के लिए समर्थन भी बढ़ता जा रहा है। अभिनेता रितेश देशमुख ने भी सामने आकर रिया का समर्थन किया है।
रिया की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने सुशांत की बहनों प्रियंका सिंह और मीतू सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। इस एफआईआर को उन्होंने कोर्ट में चुनौती दी थी। इसका निर्णय मंगलवार की शाम तक आने वाला था। घटनाक्रम देखकर समझा जा सकता है कि मुंबई में तस्वीर पूरी तरह पलट चुकी है। जो रिया चक्रवर्ती जेल जाने से पहले याचक की भूमिका में दिखाई दे रही थी, अब वही पहले से अधिक आक्रामक हैं।
राज्य सरकार के जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग सुशांत वारियर्स का मज़ाक बना रहे हैं। शिवसेना नेता संजय राउत और अपने धर्म विरोधी भद्दे मज़ाक के चलते सड़कों पर कई बार पिट चुके कॉमेडियन कुणाल कामरा का एक फोटो वायरल हो रहा है।
फोटो में संजय राउत और कुणाल साथ बैठे हैं और टेबल पर बुलडोजर खिलौने रखे हैं। कंगना ने इस मज़ाक का विरोध अपने ट्वीटर अकाउंट पर किया है। इस केस में अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में आ गिरी है। उद्धव सरकार सहित देश सीबीआई की अंतिम जाँच रिपोर्ट की प्रतीक्षा अब भी कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने संकेत दिए थे कि एम्स की विवादास्पद रिपोर्ट पर संज्ञान लिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन इसका संज्ञान लेकर जाँच करने वाले थे लेकिन अब तक उनकी ओर से एक भी बयान नहीं आया है। बिहार और मध्यप्रदेश के चुनाव सिर पर हैं और ऐसे में केंद्रीय एजेंसियों की ये ढीलपोल नुकसान करवा सकती है क्योंकि आमजन आक्रोश में है और सरकार उसका आक्रोश देख नहीं पा रही है।