आईएसडी नेटवर्क। सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध हत्या को लेकर रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं। गुरुवार को तीन वीडियो सामने आए थे, जिनमे सुशांत का दोस्त संदीप सिंह संदेहास्पद अवस्था में दिखाई दिया और उसने कूपर अस्पताल प्रांगण में एक पुलिस अधिकारी को इशारा भी किया था। शुक्रवार को एक ऐसा चश्मदीद गवाह सामने आया, जिसने मर्च्युरी रूम की दास्तान सुनाई।
जहाँ रिया चक्रवर्ती चोरी-छुपे सुशांत के शव को देखने पहुंची थी। उधर शुक्रवार को सीबीआई ने अपनी पारी 20-20 के अंदाज़ में शुरू की। सीबीआई ने सबसे पहले सुशांत के कुक नीरज को उठाया और उससे कड़ी पूछताछ की। इस कड़ी में सीबीआई ने दो शीर्ष पुलिस अधिकारियो से भी पूछताछ की, जिनकी भूमिका पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।
शुक्रवार को एक ऐसा गवाह सामने आया, जिसके बयान के बाद इस केस में जबरदस्त घुमाव आ गया है। एक फिल्म मेकर सुरजीत सिंह राठौर मीडिया के सामने आए और सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि वे 15 जून को शवगृह में मौजूद थे और वहां रिया चोरी से सुशांत के शव को देखने आई थी।
सुरजीत ने विस्तार से उस दिन की घटना बताई है। कूपर अस्पताल में सुरजीत सबसे पहले पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि मैं 11 बजे अस्पताल पहुंचा। इसके बाद सूरज नाम का व्यक्ति रिया को लेकर आया। उसने कहा कि रिया सुशांत को आखिरी बार देखना चाहती है, आप मदद करो। सुरजीत ने इसके बाद पुलिसवालों से बात की और रिया को जाने के लिए हाँ बोल दिया।
इसके बाद सुरजीत रिया को लेकर मर्च्युरी रूम में गए। सुरजीत ने शव पर से चादर हटाई। इसके बाद रिया ने सुशांत के सीने पर हाथ रखकर बोला, बाबू मुझे माफ़ कर दो। ये दोनों वहां लगभग पांच से सात मिनट रहे।
रिया की माँ, उसका भाई शौविक व एक अन्य व्यक्ति भी मुर्दाघर पहुंचे थे। इन लोगों को मुर्दाघर में जाने से क्यों नहीं रोका गया, ये भी जाँच का विषय है। सुरजीत इस बात से आक्रोशित दिखे कि बाद में संदीप सिंह के कहने पर पुलिस ने उन्हें वहां से जाने के लिए कह दिया।
ऐसा इसलिए था कि सुरजीत सुशांत के शव को ध्यान से देखने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस मामले में मैंने जाँच अधिकारी अभिषेक त्रिमुखे को कॉल किया था। मैं उनसे टाइम लेकर वांद्रे पुलिस स्टेशन मिलने भी गया लेकिन वे मुझसे नहीं मिले।
सुरजीत के मुताबिक संदीप सिंह ही इस मामले का मास्टरमाइंड है। मुंबई पुलिस उस दिन संदीप के कहने पर ही काम कर रही थी। सुरजीत के मुताबिक उन्होंने करीब से सुशांत का शव देखा था। उन्होंने कहा कि सुशांत के गले पर वैसे निशान नहीं थे, जैसे फांसी लगने पर बन जाया करते हैं।
उनके मुताबिक गर्दन टूटी हुई लग रही थी। उस दिन रिया अस्पताल में लगभग डेढ़ घंटे रही। क्या वह और संदीप सिंह मिलकर कुछ कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे थे? सुरजीत के इस धमाकेदार बयान के बाद इस केस में संदेह की सुई संदीप सिंह की ओर घूम गई है। सुरजीत को उस दिन ये समझ नहीं आया कि आख़िरकार रिया सुशांत से किस बात की माफ़ी मांग रही थी। उसने ऐसी क्या गलती की थी।
सीबीआई की जाँच के बीच शुक्रवार को एक और गवाह सामने आया। जिस चाबी बनाने वाले को खोजा जा रहा था, वह आज मीडिया के सामने आया। इसका नाम रफीक है। रफीक ने बताया कि 14 जून की सुबह मुझे बुलाया गया था।
रफीक ने बताया कि घर का दरवाज़ा कम्प्यूटराइज्ड लॉक था इसलिए खोलना मुश्किल था। उन्होंने कहा कि ताला तोड़ना पड़ेगा। जब टूल्स लेकर उन्होंने लॉक तोड़ना शुरू किया तो वहां मौजूद लोगों ने कहा अंदर से कुछ आवाज़ आए तो ताला मत तोड़ना।
रफीक ने कहा कि वे बार-बार दीवार पर कान लगाकर सुन रहे थे कि अंदर से कोई आवाज़ तो नहीं आ रही। रफीक का ये बयान बहुत महत्वपूर्ण है। उन लोगों ने ऐसा क्यों किया, ये अब सीबीआई उनसे पूछेगी।
रफीक नहीं जानता था कि ये फ़्लैट सुशांत सिंह राजपूत का है। जैसे ही ताला टूटा, रफीक ने दरवाज़ा खोलकर अंदर जाना चाहा, तो वहां मौजूद लोगों ने उसे फौरन रोक दिया। रफीक को उन्होंने तुरंत जाने के लिए कह दिया।
रफीक की ये गवाही भी सीबीआई की जाँच में बहुत अहम सिद्ध होगी, जब सुशांत के कमरे में क्राइम सीन रिक्रिएट किया जाएगा। सीन रिक्रिएट करने के बाद नीरज की तुरंत गिरफ्तारी हो सकती है क्योंकि उसने कबूल किया है कि सुशांत का शव उसने लटका हुआ देखा था। जबकि पंखे और सुशांत के पलंग के बीच की ऊंचाई इतनी है ही नहीं कि सुशांत फंदे पर लटक सके।