अचानक से आपने देखा होगा कि राहुल गांधी के मंदिर टूरिज्म के बाद उनके जीजा रॉबर्ट वाड्रा भी एकाएक मंदिर पयर्टन पर निकल पड़े हैं। हिंदुओं की संगठित और वोट बैंक की ताकत से पूरा गांधी परिवार और कांग्रेस भौंचक्का है! उन्हें डर है कि 2019 में भी यदि हिंदू इसी तरह संगठित रहे तो नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकना बड़ा मुश्किल होगा! यही वजह है कि गांधी परिवार अचानक से हिंदू हो गया है?
कम से कम राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा तो घोषित रूप से ईसाई हैं। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी जिस तरह से बे-सिर पैर की बातें देश से लेकर विदेश तक कर रहे हैं, उससे प्रियंका गांधी समर्थक धड़े को एक रोशनी दिखनी शुरु हो गयी है। उन्हें लग रहा है कि इस डब्बे के गोल होने पर गांधी परिवार के पास प्रियंका के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। लेकिन प्रियंका के साथ खुले तौर पर ईसाई से शादी का मामला आ जुड़ता है। यही वजह है कि प्रियंका समर्थकों ने रॉबर्ट वाड्रा को मंदिर पयर्टन करने को कहा है ताकि हिंदुओं के बीच उनकी स्वीकार्यता बढ़े। यही नहीं, रॉबर्ट वाड्रा के एक रिश्तेदार को भी भाजपा की ओर झुका पाया जा रहा है। संभवतः यह भी उसी रणनीति का नतीजा है। जो भी हो, लेकिन गांधी परिवार के अंदर 2019 के लिए लकीचें खिंच चुकी है, और वाड्रा का मंदिर पर्यटन उसी का परिणाम है। आगे पढि़ए इस पर मनीष ठाकुर की एक विस्तृत रिपोर्ट…
जमीन घोटालों के कारण शिकंजे में फसे राहुल गांधी के इसाई जीजा जी राबर्ट वाड्रा को एकाएक हिंदुत्व की लगन लग गई है। तो क्या वेटिकन में आस्था रखने वाले वाड्रा यकायक तरुपति और तिरुमाला मंदिर में आस्था जाहिर कर अपनी पत्नि प्रियंका के बहाने अपनी तकदीर बदलना चाहते हैँ। गुजरात में राहुल गांधी के जेनऊधारी हिंदु बनने के बाद भी कांग्रेस की राह जब आसान नहीं दिखी तो कर्नाटक चुनाव में राहुल ने इस्लाम में पहली आस्था वयक्त कर दी। लेकिन हिंदु आतंकवाद की व्याख्या कर सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस के सिपहसालारों को यह लगने लगा है कि हिंदुत्व में आस्था का प्रदर्शन किए बिना सत्ता में वापसी संभव नहीं। इसलिए वे दक्षिण भारत में देवी देवता की शरण में जाकर मन्नत मांग रहे हैं।
एक कहावत है कि नया मुल्ला ज्यादा प्याज खाता है लेकिन राजेंद्र सिंह के पुत्र राबर्ट वाड्रा को राजनीतिक मजबूरियों के कारण हिंदुत्व की याद बहुत जल्द आ गई। राजेंद्र सिंह मूलतः पाकिस्तान के हिस्से में चले गए हिंदु पंजाबी परिवार से थे। लेकिन उन्होने शादी स्काटलैंड मूल की मैरीन नामक महिला से कर ली हिंदुत्व बचाने के लिए पाकिस्तान से भागने के बाद भी हिंदु से इसाई हो गए। शायद इस इसाईत की कीमत ही पीतल व्यापारी राजेन्द्र सिंह को मिली हो जो सोनिया गांधी ने अपनी बेटी के लिए उनके बेटे राबर्ट वाड्रा को अपना दामाद चुन लिया। सोनिया के दामाद होते ही राबर्ट सरकारी दामाद बन कर लूट मचाने लगे। सास सोनिया की अगुआई वाली मनमोहनी सरकार के जाते ही उनकी परेशानी बढ गई।
चार साल से खानदानी सत्ता खत्म होने के कारण डीएलएफ घोटाला और जमीन घोटालों की आंच झेल रहे राजनीतिक रंग में रंगे वाड्रा को लग रहा है कि उनकी सासू मां की मनमोहनी सत्ता खत्म होने के बाद से भारतवासियों ने बहुत कुछ झेला है। इसीलिए वर्तमान सत्ता खत्म करने की चाह में वे दक्षिण भारत के मंदिरों में मन्नतें मांग रहे हैं। अब वाड्रा कोई सरकारी दामाद तो हैं नहीं इसलिए उन्होंने रविवार को आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति मंदिर में दर्शन के फोटो फेसबुक शेयर कर संदेश पोस्ट किया है। मंदिर में दर्शन के बाद फेसबुक पोस्ट कर प्रियंका गांधी के पति वाड्रा ने कहा, ‘देश में एक बदलाव की जरूरत है और मुझे लगता है कि यह बदलाव आएगा। मेरा परिवार बहुत कड़ी मेहनत कर रहा है। राहुल कड़ी मेहनत कर रहे हैं। प्रियंका और मैं हमेशा राहुल की सहायता के लिए हैं।’
वाड्रा ने बात तो राहुल के कड़ी मेहनत की कि लेकिन उसके साथ यह जोड़ा कि उनका परिवार बहुत मेहनत कर रहा है। तो क्या वाड्रा यहां से कुछ और संकेत दे रहे हैं। संसद के अंदर औऱ बाहर अपने हल्के और गैर-जरुरी बयानों के लिए लगातार मजाक का पात्र बनने वाले राहुल गांधी के बारे में यह भी मजाक चलता है कि वे जहां कड़ी मेहनत कर चुनाव प्रचार करते हैं, कांग्रेस का बेड़ा गर्क कर देते हैं। ऐसे में इसाई जीजा जी का मंदिर प्रेम का दिखावा क्या पार्टी की तरफ से लिया गया चुनावी फैसला है! क्या 2019 में कांग्रेस ये फैसला लेने की तैयारी कर चुकी है कि सोनिया गांधी की रायबरेली सीट से प्रियंका को लड़ना है?
धर्म निजता का मामला है लेकिन मंदिर से निकते ही वाड्रा लगातार राजनीतिक बयान देते हिंदुत्व में आस्था जाहिर करते रहे। उन्होने कहा, ‘मेरा मानना है कि लोग बदलाव चाहते हैं। मैं देख सकता हूं कि लोगों ने बहुत सहन किया है। हम सबको धर्मनिरपेक्ष होने की जरूरत है जो हमारे देश के लिए बहुत अहम है। हम यहां भारत के लोगों के साथ हैं और हम उनके लिए तमाम संघर्ष करेंगे और अपना सर्वश्रेष्ठ करेंगे!’ उन्होंने कहा, ‘मैंने बहुत अच्छे से दर्शन किए। मुझे ताकत मिलती महसूस हुई और मैं अपने परिवार, अपने बच्चों और मेरी सास, उनके अच्छे स्वास्थ्य, खुशहाली तथा हमारे देश के सभी लोगो की खुशहाली, शांति और भाईचारे के लिए यह ऊर्जा लेकर जा रहा हूं।
संकेत साफ हैं राबर्ट एतिहासिक मंदिरों की यात्रा यह संदेश देना चाहते हैं कि उनका हिंदु धर्म में ही आस्था है। उससे बढकर मूल संदेश खुद को यह कि प्रियंका को स्वीकार किया जाना चाहिए क्योंकि वो गांधी ही है। धर्म को धारण करने के बदले उसका प्रदर्शन करने के राहुल के जीजा के इस राजनीतिक षड्यंत्र के अलावा औऱ कुछ नहीं।
URL: Robert vadra temple run for rahul gandhi a new publicity stunt
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