1965-85 तक @RSSorg के सक्रिय स्वंसेवक रहे स्वामी हेमानंद अभी USA में रहते हैं।
संघ प्रमुख @DrMohanBhagwat. जी के बयान के करण वह बहुत क्षुब्ध हैं। बहुत सारे स्वयंसेवक फोन कर अपनी जिस पीड़ा का इजहार गुप्त रूप से करते है, हेमानंदजी ने वह खुलकर एक ऑडियों के माध्यम से व्यक्त की है!
आज निस्वार्थ स्वयंसेवकों की जगह पोलिटकल स्वयंसेवक भले ही लोगों की आवाज दबाने का यत्न करें, लेकिन जिन स्वयंसेवकों के मन में अपने ही प्रमुख को सुनकर और उनके आचरण के कारण हाहाकार मचा है, उसका निदान आखिर क्या है?