अर्चना कुमारी । ईद हो या बकरीद हिंदू मुसलमानों की त्योहारों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं लेकिन गुजरात के वडोदरा में दिवाली के दिन मुस्लिमों ने हंगामा खड़ा कर दिया। अचानक यहां पर देखते देखते पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ होने लगी और जमकर तांडव किया गया। बताया जाता है कि दिवाली की रात वडोदरा शहर में सड़कों पर उपद्रवियों का जमकर हंगामा हुआ ।
जबकि वडोदरा के पानी गेट इलाके में पटाखे फोड़ने को लेकर दो समुदाय के बीच भिड़ंत के बाद बवाल इतना बढ़ गया कि पत्थरबाजी होने लगी जबकि हिंसक झड़प के दौरान कई दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया, वहीं जमकर तोड़फोड़ की गई। इतना ही नहीं, पेट्रोलिंग पर पहुंची पुलिस पर भी पेट्रोल बम से हमला किया गया।
सूत्रों का दावा है कि पानी गेट इलाके में मुस्लिम मेडिकल सेंटर के पास पटाखे चलाने को लेकर हुई हिंसक झड़प की शुरुआत हुई थी। वहां से कुछ दूरी पर हिंदू समुदाय के लोग पटाखा जला रहे थे और जिसका विरोध मुस्लिमों के द्वारा किया गया ,जिसके बाद तनाव फैल गया। हिंसा की सूचना मिलते ही वडोदरा पुलिस और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को काबू में लाने की कोशिश की गई लेकिन दंगाइयों ने पुलिस को भी खदेड़ना शुरू किया और उन पर बम फेंका ।
मौके पर दर्जनों की संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई। जिसके बाद मामले को शांत करा दिया गया । इस घटना को लेकर पुलिस ने दंगे के मामले में मुकदमा दर्ज किया है और दंगा करने वालों की भी शिनाख्त की जा रही है। डीसीपी यशपाल जोगनिया ने कहा कि फिलहाल इलाके में शांति है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम मेडिकल के पास में पथराव क्यों हुए, इसकी जांच के लिए हम सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं जबकि चश्मदीदों से भी पूछताछ की जा रही है।
जबकि कई लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है और जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस टीम पर पेट्रोल बम से हमले की बात पर उन्होंने कहा कि पेट्रोल बम से अटैक को लेकर सभी घरों में तफ्तीश की जा रही है एक संदिग्ध व्यक्ति मिला भी है, जिससे पूछताछ की जा रही है बताया जा रहा है कि हमले के वक्त स्ट्रीट लाइट को बंद कर दिया गया था।
माना जा रहा है कि पूरी साजिश के तहत यह हमला किया गया था। गौरतलब है कि 22 दिन में दूसरी बार साम्प्रदायिक दंगा किया गया और इससे पहले इसी महीने की तीन तारीख को भी वडोदरा में सांप्रदायिक दंगा हुआ था यह दंगा शहर के सावली टाउन के मार्केट में हुआ था यह विवाद एक मंदिर के पास बिजली के खंभे में दूसरे धर्म का झंडा लगाने के बाद शुरू हुआ था