कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वैसे भी अपने सनसनीखेज़ वर्बल स्टंट्स के लिये जाने जाते हैं. वे काफी समय तक गायब रहते हैं, यहां तक कि संसद के सत्र तक से भी गायब रहते हैं और फिर अचानक कहीं से अवतरित हो बहुत सा ज्ञान बखारते हैं और सरकार पर तंज कसते हैं.
इस बार उन्होने निशाना साधा मोदी सरकार के अंतर्गत भारत की विदेश नीति पर. अपने एक ट्विटर वीडियो के माध्यम से उन्होने सरकार की विदेश नीति पर प्रहार करते हुए कहा कि आखिर क्यों चीन ने एल ओ सी का उल्लंघन करने के लिये यही समय चुना? फिर उन्होने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार के शासन में सभी देशों से भारत के रिश्ते महज़ ट्रांज़ाक्शनल यानि लेन देन के हो गये हैं. और बहुत से पड़ोसी देशों से भी भारत के रिश्ते बिगड़ गये हैं, उन्होने कहा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी के वीडियो का करारा जवाब देते हुए उनके द्वारा बताये गये सारे प्वाइंट्स को एक एक कर ध्वस्त किया.
सार के तौर पर उन्होने अपने ट्वीट में कहा, राहुल गांधी ने विदेश नीति पर सवाल पूछे हैं। यहां पर कुछ उत्तर हैं। हमारा महत्वपूर्ण गठजोड़ मजबूत हुआ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ा है। अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान के साथ शिखर वार्ता और अनौपचारिक बैठकें होती रहती हैं। चीन के साथ हम राजनीतिक रूप से अधिक बराबरी के स्तर पर बात करते हैं। विशेषज्ञों से पूछें।’
चीन के मसले पर उन्होने कहा कि चीन के साथ हम राजनीतिक रूप से अधिक बराबरी के स्तर पर बात करते हैं. उन्होने कहा कि भारत अब पहले की अपेक्षा अधिक खुली अप्रोच के साथ चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा, चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना , दक्षिण चीन सागर और संयुक्त राष्टृ द्वारा घोषित आतंकवादियों के बारे में बातें करता है.
उन्होने पाकिस्तान की तरफ कांग्रेस क्के समय की विदेश नीति और एन डी ए सरकार के शासन काल की विदेश नीति के बीच के बड़े फर्क को रेखांकित करते हुए कहा , ‘पाकिस्तान के साथ (जिसे आपने छोड़ दिया) निश्चित तौर पर एक तरफ बालाकोट और उरी तो दूसरी तरफ शर्म अल शेख, हवाना और 26/11 के बीच अंतर है। इस बारे में स्वयं से पूछें।’
उन्होने राहुल गांधी के पड़ोसी देशों के साथ बिगड़्ते संबंध के आरोप को संबोधित करते हुए मालदीव और बांग्लादेश के बारे में अलग अलग से कहा. मालदीव के बारे में जयशंकर ने कहा कि 2012 में भारत राष्ट्रपति नाशीद की सरकार को गिरता देख रहा था लेकिन अब चीजें बदली हैं। उन्होने कहा कि जो सकरात्मक बदलाव आया है, वह जानने के लिये राहुल गांधी हमारे कारोबारियों से बात करें. बांग्लादेश के बारे में उन्होने कहा ‘ 2015 में भू सीमा मुद्दा सुलझने के बाद अधिक विकास और पारगमन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।’ अब वहां आतंकवादियों के लिए पनाहगाह नहीं है। हमारे सुरक्षा बलों से पूछें।’
पडोसी देशों से भारत के संबंधों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए एस जयशंकर ने नेपाल, भूटान और अफ्गानिस्तान सरीखे देशों के साथ जो भारत के संबंध हैं, उस बारे में भी बात की.
नेपाल के बारे में उन्होने कहा, ‘नेपाल में 17 वर्षो के बाद प्रधानमंत्री की यात्रा होती है। ऊर्जा, ईधन, अस्पताल, सड़क सहित अनेक विकास परियोजना बढ़ती हैं। उनके नागरिकों से पूछें । ’
भारत और भूटान की मज़बूत सुरक्षा और विकास भागीदारी को रेखांकीत करते हुए उन्होने कहा कि भूटान के परिवारों से आप यदि बातचीत करें तो पायेंगे कि अब वे 2013 की तरह रसोई गैस की चिंता नही करते. अफ्गानिस्तान के बारे में उन्होने कहा कि वहां सलमा बांध और संसद जैसी परियोजनायें पूरी हुई हैं. साथ ही प्रशिक्षण कार्य और कनेक्टिविटी भी बढ़ी है.