Archana Kumari. कारोबारी मुकेश अंबानी की आवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटक भरी स्कॉर्पियो खड़ी करने तथा मनसुख मौत मामले को लेकर गिरफ्तार निलंबित पुलिसकर्मी सचिन वाझे का सहकर्मी रियाजुद्दीन काजी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया है। उस पर सबूतों को नष्ट करने और अपराध में सचिन की मदद करने के आरोप है।
रियाजुद्दीन उर्फ रियाज काजी मुंबई पुलिस का तीसरा शख्स है, जिसे इस केस में गिरफ्तार किया गया । इससे पहले सचिन वाझे और विनायक शिंदे को धर दबोचा गया था जबकि अब तक इस मामले को लेकर बुकी नरेश गौड़ समेत कुल 4 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि कई अन्य लोग राष्ट्रीय जांच एजेंसी के रडार पर हैं। रियाजुद्दीन काजी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट में पेश किया। जहां से 16 अप्रैल तक उसे रिमांड पर भेज दिया गया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुसार एंटीलिया मामले में रविवार को मुंबई पुलिस के एपीआई रियाज काजी को गिरफ्तार किया गया और गिरफ्तार रियाज काजी सचिन का बेहद करीबी सहयोगी रहा है। यह शख्स मुंबई पुलिस की सीआईए यूनिट में वाझे के नीचे काम करता था । मुंबई पुलिस के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर रियाज काजी को एनआईए ने कई दिनों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया।
पहले कहा जा रहा था कि रियाज काजी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस मामले को लेकर सरकारी गवाह बना सकती है लेकिन जांच एजेंसी ने अपना फैसला बदलते हुए उसे सबूत मिटाने और सचिन का कथित तौर पर सहयोग करने के आरोप को लेकर गिरफ्तार किया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी का दावा है कि रियाज काजी वही शख्स था जो सचिन के घर से सीसीटीवी फुटेज डीवीआर ले गया था और वह कथित रूप से नकली नंबर प्लेट खरीदने का भी आरोपी है।
जांच कार्रवाई के दौरान पता चला है कि पिछले साल 9 जून को सचिन ने सीआईयू के इंचार्ज का पदभार संभाला तब से लेकर अब तक रियाज काजी सचिन के साथ ही काम कर रहा था और उसके हर काम में हाथ बंटाता था। इतना ही नहीं वह सचिन के हर एक कुकर्म का भी हिस्सेदार था जबकि उसने पूछताछ में अपना अपराध भी कबूला है।
रियाजुद्दीन काजी 2010 के पुलिस सब इंस्पैक्टर बैच में नियुक्त पुलिस अधिकारी है जबकि साल 2010 के 102 वें बैच का अधिकारी है। जांच एजेंसी को पता चला है कि रियाजुद्दीन काजी की पहली पोस्टिंग वर्सोवा पुलिस स्टेशन में की गई थी जबकि इसके बाद दूसरी पोस्टिंग ऐंटी चेन स्नैचिंग विभाग में की गई थी। इसके बाद उसकी पोस्टिंग पुलिस सब इंस्पेक्टर से असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर के तौर पर हुई और वह मुंबई क्राइम ब्रांच के सीआईयू यूनिट में आ गया।
जांच एजेंसी का दावा है कि सचिन का सबसे करीबी सहयोगी है और कुछ ही दिनों पहले सशस्त्र पुलिस दल और एक अन्य सहयोगी प्रकाश ओव्हाल को मलाबार हिल पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर किया गया था। सीआईयू यूनिट में काम करते हुए रियाजुद्दीन काजी सचिन के साथ कई अहम जांच में शामिल रहा। इनमें टीआरपी घोटाले की जांच, डीसी अवंति कार घोटाला, फेक सोशल मीडिया फॉलोअर्स प्रकरण और कंगना-ऋतिक विवाद आदि शामिल हैं।
रियाज काजी अर्णब गोस्वामी को भी दबोचे जानेे में सचिन के साथ था। मुकेश अंबानी के घर के बाहर रखी विस्फोटक से भरी कार प्रकरण में जिन गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया उन गाड़ियों के नंबर प्लेट्स बार-बार बदले गए इस काम का जिम्मा रियाज काजी ही संभाला था। इससे पहले मुंबई पुलिस के निलंबित एपीआइ सचिन वाझे को विशेष एनआइए अदालत ने शुक्रवार को 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। न्यायिक हिरासत के दौरान वाझे को रायगढ़ की तलोजा जेल में रखा गया ।