कितनी बड़ी भूल हिंदू की ? कितना वो नालायक है ?
खलनायक को नायक समझा, नायक को खलनायक है।
मोहनदास करमचंद गांधी , सबसे बड़ा खलनायक है ;
नाथूराम गोडसे अपना , सबसे बड़ा वो नायक है ।
बहुत बड़ी ये भूल भयंकर , अब तत्क्षण प्रायश्चित हो ;
बलिदान वीर जितने हिंदू हैं, उनका सम्मान सुनिश्चित हो।
जिंदा कौम यही करती है , मुर्दों की कोई बात नहीं ;
हम जिंदा हैं जिंदा रहेंगे ,इससे कमतर कोई बात नहीं ।
नाथूराम गोडसे जी को , उनका स्थान दिलाना है ;
गांधी जैसे पाप्आत्मा को , सर पर नहीं बिठाना है ।
गांधीवाद के चक्कर में , ये राष्ट्र सदा कमजोर हुआ ;
शक्ति हमारी क्षीण हो गई ,हर हिंदू हित कमजोर हुआ ।
गांधी ने पिटना सिखलाया ,शौर्य ,पराक्रम मिटा दिया ;
मूलनिवासी होने पर भी , हिंदू को ही गिरा दिया ।
हिंदू शौर्य जगाया जिसने , नाथूराम गोडसे था ;
धर्म के रक्षक वीर शिवाजी ,राणा प्रताप के जैसे था ।
इनका चित्र लगे हर घर में ,सुबह शाम को पूजा हो ;
सारे हिंदू शौर्यवान हों , फिर न गांधी दूजा हो ।
एक ही गांधी काफी था , बर्बाद राष्ट्र को करने को ;
गांधीवाद का करो सफाया, यही काम अब करने को ।
सबसे बड़ा शत्रु हिंदू का , मोहनदास करमचंद गांधी ;
करम फूट गये भारत देश के ,अभी भी नेता पूजे गांधी ।
महामूर्ख हैं या वे सारे , या कायर कुटिल कपूत है ;
राष्ट्रपिता कहने वाले सब , भारत माता के कपूत हैं ।
बुद्धि शुद्ध करें सब हिंदू , गांधी तो काला नाग है ;
इसीके डंसने के ही कारण , भारत के टूटे भाग हैं ।
पाकिस्तान की वजह है गांधी , इसी ने ये शैतान बनाया ;
गांधी ने जिन्ना को चिढ़ाकर , बंटवारे का जिन्न जगाया ।
गांधी जितना जिंदा रहता ,उतना हिंदू को कटवाता ;
वो तो भाग्य जगा भारत का ,बना गोडसे भाग्य विधाता ।
राष्ट्र का सच्चा भाग्य – विधाता , नाथूराम गोडसे है ;
राष्ट्र के जितने भी दुश्मन हैं , गांधी बदतर सबसे है ।
“जयहिंद- वंदेमातरम”,
रचयिता: ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”