विपुल रेगे। ब्लॉकबस्टर मराठी फिल्म ‘मुळशी पॅटर्न ‘ की हिन्दी रीमेक ‘अंतिम’ उन दर्शकों को अच्छी या साधारण लग सकती है, जिन दर्शकों में मूल मराठी फिल्म नहीं देखी है। एक फिल्म समीक्षक की दृष्टि से देखा जाए तो ये एक शानदार फिल्म की बड़ी भौंडी नकल है। हालाँकि ये परंपरा बन गई है कि बॉलीवुड के भाई लोग की फिल्म आते ही उनके प्रिय पत्रकारगण तीन दिन तक ब्लॉकबस्टर का नकली शोर मचाते हैं और सोमवार से चुप बैठ जाते हैं। सो सलमान खान और उनके साले आयुष शर्मा की इस फिल्म को मीडिया जैसी हाइप दे रहा है, ये वास्तव में उस लायक है ही नहीं।
जिन दर्शकों ने ‘मुळशी पॅटर्न ‘ न देखी हो, उनको इसकी कहानी जाननी आवश्यक है। एक किसान सखाराम ने विवशता में अपनी जमीन उद्योगपतियों को बेच दी है। इसके बाद उसे मजदूरी का कार्य करना पड़ता है। उसका बेटा राहुल भी मजदूरी करता है। एक दिन राहुल एक गुंडे को पीट देता है। इसके बाद वह हम्माल से एक गैंगस्टर तक का सफ़र तय करता है। ये एक कुचले गए युवा की कहानी है। इस मराठी फिल्म ने संपूर्ण महाराष्ट्र में आय के कीर्तिमान स्थापित किये थे।
यदि ‘मुळशी पॅटर्न ‘ एक सुंदर प्रस्तुतिकरण था तो ‘अंतिम’ इसकी एक काली-कलूटी फोटोकॉपी कही जा सकती है। निर्देशक महेश मांजरेकर एक योग्य निर्देशक माने जाते हैं किन्तु इस फिल्म से उन्होंने निराश किया है। मूल मराठी फिल्म में उत्कृष्ट कलाकार थे लेकिन इसके हिन्दी रीमेक में ऐसा नहीं है। फिल्म के दो मुख्य कलाकार आयुष शर्मा और सलमान खान बहुत ही औसत अभिनेता माने जाते हैं। सलमान खान एक बहुत बड़े हीरो और स्टार हैं लेकिन ऐसी ऑफबीट फिल्मों के लिए उनका व्यक्तित्व फिट नहीं बैठता।
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उन्होंने कभी ऐसी फ़िल्में नहीं की इसलिए दर्शक उनको ऑफबीट में देखने के आदी नहीं रहे हैं। सलमान खान का किरदार ऐसे पुलिस अधिकारी का है, जो अपने ही सिस्टम से नाराज़ है। यहाँ उनसे बहुत अच्छे एक्ट की आशा थी, लेकिन डिलीवर केवल उनके ‘लुक्स’ ही हुए हैं। आयुष शर्मा ने चिंगारी दिखाई है लेकिन उस चिंगारी को शोला बनने में समय लगेगा। उनके पास दिखाने के लिए अधिक एक्सप्रेशंस नहीं है। यहाँ उन्होंने एक दो एक्सप्रेशंस से ही फिल्म को खींचा है।
फिर भी ये कहा जा सकता है कि आयुष शर्मा के अंदर प्रतिभा तो है किन्तु वह परिश्रम मांग रही है। आयुष के साथ मैन लीड में एक टीवी कलाकार महिमा मकवाना को लिया गया। हालाँकि इनका लचर अभिनय देखकर लगा कि टीवी जगत में भी इन्हे काम कैसे मिल गया। महेश मांजरेकर एक ऐसी फिल्म का रीमेक बनाने चले थे, जिसमे एक से एक कलाकार थे। यहाँ ‘अंतिम’ में उनके पास एक से एक निम्न स्तर के कलाकार हैं। सलमान खान के स्टारडम को आप कब तक जिलाए रखेंगे।
इस फिल्म के एक दृश्य में सलमान को बिना शर्ट के दिखाया गया है। इसमें सलमान की सिक्स पैक ऐब्स देखकर मुझे पाकिस्तान के फर्जी पहलवान ‘बाबा खान’ की याद आ गई। बाबा खान के बारे में खुलासा हुआ है कि वह कैमरों के सामने एक विशेष प्रकार का ‘बॉडी सूट’ पहनकर आता है, जिससे उसके शक्तिशाली पहलवान होने का भ्रम होता है। हमारे बॉलीवुड में भी बाबा खान जैसे लोग हैं। ये अभिनेता वीएफएक्स की सहायता स्वयं को अर्नाल्ड जैसे दिखाते हैं और बुढ़ाते शरीर को छुपाते हैं। ‘अंतिम’ खुले रुप में घोषणा करती है कि सलमान खान अब बॉक्स ऑफिस के बादशाह नहीं रहे हैं।