By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
India Speaks DailyIndia Speaks Daily
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • Blog
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • सरकारी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDeo blog
    • Your Story
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • JOIN US
Reading: सच तो यह है रजत शर्मा जी कि कठुआ केस में सोशल मीडिया ने नहीं, मेनस्ट्रीम मीडिया ने पत्रकारिता, न्याय के सिद्धांत और भारत-तीनों की हत्या की है! आप सब हत्यारे हैं!
Share
Notification
Latest News
अक्षय कपूर जी का हनुमान चालीसा पाठ!
ISD videos
योगिनी एक योद्धा- भाग 5
भाषा और साहित्य
JAINA can help USA in launching ENFORCEABLE “rule-based liberal new global order” only when becomes representative body of Jains in USA
English content
कैसे हुई ओशो की मौत, जहर से या….
उपदेश एवं उपदेशक
ओशो की मृत्यु के 26 साल बाद भी उठ रहे हैं ये 7 सवाल
उपदेश एवं उपदेशक
Aa
Aa
India Speaks DailyIndia Speaks Daily
  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • Blog
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • सरकारी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDeo blog
    • Your Story
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • JOIN US
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Website Design & Developed By: WebNet Creatives
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
India Speaks Daily > Blog > मीडिया > मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म > सच तो यह है रजत शर्मा जी कि कठुआ केस में सोशल मीडिया ने नहीं, मेनस्ट्रीम मीडिया ने पत्रकारिता, न्याय के सिद्धांत और भारत-तीनों की हत्या की है! आप सब हत्यारे हैं!
मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म

सच तो यह है रजत शर्मा जी कि कठुआ केस में सोशल मीडिया ने नहीं, मेनस्ट्रीम मीडिया ने पत्रकारिता, न्याय के सिद्धांत और भारत-तीनों की हत्या की है! आप सब हत्यारे हैं!

Sandeep Deo
Last updated: 2018/05/07 at 1:02 PM
By Sandeep Deo 2k Views 12 Min Read
Share
12 Min Read
Rajat sharma, editor in chief of India TV
SHARE

रजत शर्मा अपने इंडिया टीवी में ‘आपकी अदालत’ चलाते हैं! आज से नहीं, करीब 25 सालों से चला रहे हैं। वह जितना बढि़या सवाल पूछते हैं, पूरी पत्रकारिता बिरादरी में उनसे बेहतर कोई सवाल नहीं पूछ सकता! बिना क्रोधित हुए, बिना हमला किए, सारी बात पूछने की कला में वो माहिर हैं! लेकिन जब उनकी बारी जवाब देने की आयी तो पहली बार उनके पास सटीक जवाब तो नहीं ही था, झुंझलाहट, खीझ और सवाल को यहां-वहां का जवाब देकर टालने की कोशिश उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था!

मौका था, 5 मई 2018 को ‘नैमिषेय संवाद’ का। प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में नैमिषेय संवाद का आयोजन किया था, जिसमें देश भर के सोशल मीडिया एक्टिविस्ट जमा हुए थे। सुबह से शाम तक चले इस कार्यक्रम में मेनस्ट्रीम मीडिया से सुबह के सत्र में आजतक के एंकर रोहित सरदाना और शाम के सत्र में इंडिया टीवी के संपादक रजत शर्मा आए थे।

रोहित सरदाना का आजतक हो या रजत शर्मा का इंडिया टीवी, अभीक सरकार का एबीपी हो, प्रणय राय का एनडीटीवी या खुद को सबसे सच्चे पत्रकार के रूप में पेश करने वाले अर्णव गोस्वामी का रिपब्लिक- इनमें से एक ने भी कठुआ मामले में ग्राउंड रिपोर्टिंग नहीं किया है! केवल एक एजेंडा के तहत प्रोपोगंडा चलाया है।

यही नहीं, इतिहास में पहली बार आठ साल की उस कथित रूप से रेप पीडि़ता बच्ची का नाम और उसका मजहब उजागर किया गया और आरोपियों को हिंदू बताकर पूरे हिंदू समाज को बलात्कारी घोषित कर दिया गया! दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर देश के बड़े-बड़े 12 मीडिया संस्थानों पर 10-10 लाख रूपया का जुर्माना भी लगाया है, इसके लिए। लेकिन कहते हैं न कि जब मठाधीश होने का गुमान हो जाए तो फिर ऐसे लोग कानून को ठेंगे पर रखते हैं, यही मेेनस्ट्रीम मीडिया के संपादकों ने कानून के साथ किया है!

More Read

अलविदा वैदिक जी।
NBDSA ने कुछ उपद्रवियों के कृत्यों के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने के लिए News18 पर ₹25,000 का जुर्माना लगाया
Times Now के बाद अब Ultra Left The Wire कूदा संघ प्रमुख मोहन भागवत के समर्थन में!
Times now ने पत्रकारिता की मर्यादा को किया तार-तार! शीघ्र भेजूंगा नोटिस!

मैंने रजत शर्मा से पूछा कि आखिर मेनस्ट्रीम मीडिया ने ग्राउंड रिपोर्टिंग क्यों नहीं की, घटना स्थल पर जाकर सच जानने का प्रयास क्यों नहीं किया? क्यों पुलिस के चार्जशीट को हाथ में थाम कर पूरे हिंदू समाज को बदनाम करने का अभियान चलाया? रजत शर्म के पास इसका कोई जवाब नहीं था!

रजत जी, यदि चार्जशीट पर ही फैसला होना होता, तो आज तक इतने सारे मामले में पुलिस के चार्जशीट को विभिन्न अदालतों ने खारिज क्यों किया है? चार्जशीट ही सत्य होता तो मजिस्ट्रेट के सामने-164 के बयान की जरूरत क्या थी? रजत शर्मा ने जो कहा, वह पत्रकारिता के बेहद खतरनाक ट्रेंड की ओर इशारा करता है। रजतजी ने मेरे सवाल के जवाब में कहा-

* कठुआ के दो पक्ष हैं। कोई मीडिया एक पक्ष को उभार रहा है तो कोई मीडिया दूसरे पक्ष को।

* इस घटना को देकर विदेशों में भारत की बहुत बदनामी हुई है। इसलिए मेरा मानना है कि इस केस की जितनी कम चर्चा हो उतना सही होगा।

* इसको लेकर कश्मीर में लोगों के बीच कड़वाहट पैदा हुई, जिसमें सोशल मीडिया का बहुत बड़ा रॉल है। जो मैं बात कह रहा हूं, यहां बैठे लोगों के बीच पॉपुलर नहीं होगी।

* मेरे यहां न्यूज रूम में इसे लेकर बहुत बात हुई। कुछ लोगों ने कहा कि इस खबर का यह पहली सही है तो दूसरे ने कहा दूसरा पहलू सही है। मैंने खुद परसों वहां की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से फोन पर बात की। उन्हें कहा कि वहां जो दूसरी पार्टी के लोग हैं, दूसरी विचारधारा के लोग हैं, उन्होंने फैक्ट नंबर-एक यह दिया, फैक्ट नंबर-दो यह दिया, फैक्ट नंबर-तीन यह दिया, उन्होंने इसे लेकर अपने तर्क दिए।

* हम केवल यह काम कर सकते हैं कि इसे लेकर जजमेंटल न हों। जांच हो रही है। मामला कोर्ट के सामने है। जो कोर्ट इसका फैसला करे, उसे जनता के सामने रख दिया जाए।

* इन चीजों को लेकर यदि हम इमोशनल होंगे, पक्षपातपूर्ण ढंग से फैसला करेंगे, चाहे वह मेनस्ट्रीम मीडिया हो या सोशल मीडिया हो, देश का नुकसान होगा।

चूंकि कार्यक्रम में एक ही सवाल पूछने की गुंजाइश थी, इसलिए मैं उनका प्रतिउत्तर नहीं दे सका, लेकिन रजतजी मुझे ऐहसास हो गया कि आपकी आत्मा इससे परिचित है कि आप झूठ की पैरोकारी करते हुए इतनी दूर निकल आए हैं कि अब सच का साथ देने में आपके सामने ‘सम्मान का संकट’ खड़ा है! एक पत्रकार की तरह सीधे जवाब देने के आप एक नेता की तरह जलेबी बनाने लगे हैं! आइए मैं आपको बताउं कि आपने अपने जवाब से पत्रकारिता की किस तरह से हत्या की है-

* पहली बात कठुआ ही नहीं, हर अपराध की घटना में निश्चित रूप से दो पक्ष होते हैं, लेकिन आपका या किसी मीडिया का काम एक पक्ष को उभारना नहीं, दोनों पक्ष को केवल सामने रखना है। कोई क्या कर रहा है, छोडि़ए, आपने तो केवल एक पक्ष को सामने रखा और दूसरे यानी आरोपियों के परिजन ने जब अपना पक्ष रखना शुरु किया तो आप कह रहे हैं अब इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए? पत्रकारिता के लिहाज से इसे न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध कहते हैं रजतजी। बिना दूसरे पक्ष को सुने तो अदालत भी अपना फैसला नहीं सुनाता! आप तो एक व्यावसायी मीडिया चला रहे हैं! कहीं आपको यह गुमान तो नहीं कि ‘आपकी अदालत’ देश की अदालत से बड़ी है? इसे खबर नहीं एजेंडा कहते हैं, रजतजी। खबर वह है, जिसमें हर पक्ष की बात शामिल हो।

* इसे लेकर भारत की दुनिया भर में बदनामी मेनस्ट्रीम मीडिया और मेनस्ट्रीम पत्रकारों ने खड़ा किया न कि सोशल मीडिया के एक्टिविस्टों ने। आप तो ब्रॉड कास्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। पूछिए शेखर गुप्ता और बरखा दत्ता को बुलाकर कि घटना के तीन महीने बाद किस साजिश के तहत उन्होंने इसे फैलाने का काम किया है। ट्वीटर एनालिसिस में किसी सोशल मीडिया एक्टिविस्ट का नहीं, आपकी बिरादरी के पत्रकारों का ही नाम सामने आ रहा है।

* घटना के तीन महीने बाद जब यह उजागर हुआ तो आपका क्या काम था? क्या आप अपने रिपोर्टर को घटना स्थल पर ग्रांउंड रिपोर्टिंग के लिए नहीं भेज सकते थे? क्या जब दूसरा पक्ष उजागर हुआ, तब भी आप अपने रिपोर्टर को ग्राउंड पर नहीं भेज सकते थे? लेकिन नहीं, आपको तो केवल पुलिस के चार्जशीट के आधार पर जजमेंट देना था और आज जब आपकी एक पक्षीय रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं तो आप लोगों से कह रहे हैं कि जजमेंटल मत होइए?

* आप लोगों ने तो उन सवाल उठाने वालों की आवाज को ही दबा दी! आप सभी ने अवाज उठाने वालों को रेपिस्ट समर्थक कहा? अर्णव गोस्वामी ने आरोपियों के पक्ष में सीबीआई जांच की मांग करने वाले वकीलों को रेपिस्ट समर्थक तक कहा? लोकतंत्र में कोई सीबीआई जांच की मांग को लेकर किसी का समर्थन भी नहीं कर सकता? क्या आप और अर्णव जैसे पत्रकार अब तय करेंगे कि लोग लोकतंत्र में प्रदर्शन करें या न करें?

* रजत जी, किसी को रेपिस्ट अदालत तय करेगी या फिर आपको गुमान है कि आप अपनी ही ‘आपकी अदालत’ में जो फैसला देंगे, वही सर्वमान्य न्याय होगा? या फिर अर्णव गोस्वामी, राजदीप सरदेसाई, सागरिका घोष, शेखर गुप्ता, बरखा दत्त जैसे पत्रकार चिल्ला-चिल्ला कर जो कहेंगे उसे ही मान लिया जाएगा और बिना अदालती कार्रवाई के जिसे आप लोग कहें उसे फांसी दे दिया जाए? पत्रकारिता के साथ-साथ न्याय के सिद्धांत की इस तरह तो हत्या मत कीजिए रजतजी?

* आपने कहा कि आपने मुख्यमंत्री महबूबा को फोन किया और उससे पूछा! रजतजी पहली बार पता चला कि मुख्यमंत्री से बात करना ग्राउंड रिपोर्टिंग होती है? चलिए ऐसी ग्राउंड रिपोर्टिंग वाली पत्रकारिता आप और आपका चैनल कर रहा है, यह आपने खुद ही अपने वक्तव्य से साबित कर दिया! बहुत खूब!

* आपने मुख्यमंत्री से यह कहा कि दूसरी विचारधारा के लोग दूसरे फैक्ट रख रहे हैं! एक पत्रकार की आत्मा आपके अंदर जीवित होती तो आप कहते कि आरोपी पक्ष के लोग यह तथ्य दे रहे हैं, आपका इस पर क्या वर्जन है? लेकिन आपने तो आरोपी को दूसरी विचारधारा का बता कर फिर से समाज में हिंदू-मुसलमान रूपी नफरत का बीज बोने का प्रयास किया? यानी जो आप शुरु से कह रहे हैं- बलात्कारी हिंदू और पीडि़ता मुसलमान। पीडि़ता और आरोपी जैसे पत्रकारिता में उपयोग होने वाले शब्द तक को आप सबने एक झटके में निगल लिया और इसकी पहचान हिंदू-मुसलमान के रूप में कर दी!

* आप कह रहे हैं कि मामला अदालत के समक्ष है, इस पर बहस नहीं करनी चाहिए! रजतजी यह इल्हाम तब क्यों हुआ, जब सोशल मीडिया के अभिषेक फिर दैनिक जागरण, अमर उजाला और जीन्यूज जैसे चैनल की रिपोर्ट ने आप जैसों की पोल खोल कर रख दी? क्या पहले यह मामला अदालत में नहीं था, जो आपने आरोपी और उसके पूरे समुदाय को बिना फैसला आए अपने न्यूजरूम से बलात्कारी साबित करने का अभियान चलाया?

रजतजी आप लोग पाखंड पर पाखंड करेंगे और जनता सुनती रहेगी, अब यह नहीं होगा! एक 10 हजार का मोबाइल आप सभी के साम्राज्य को हिला रहा है, इसलिए आप सोशल मीडिया पर गुस्सा निकाल रहे हैं! सच तो यह है रजतजी कि कठुआ मामले में सोशल मीडिया ने नहीं, मेनस्ट्रीम मीडिया ने पत्रकारिता, न्याय के सिद्धांत और भारत-तीनों की हत्या की है! आप सब पत्रकार नहीं, हत्यारे हैं!

URL: Sandeep deo challenge india tv editor in chief rajat sharma on kathua rape case

keywords: Misinformation about kathua case: Mainstream media vs social media, Sandeep deo challenge rajat sharma, India tv rajat sharma, khatau case to cbi, kathua rape case, demands CBI enquiry on kathua rape case, Jammu rape case,

Related

TAGGED: Fake News Maker, kathua rape case, lutyens media, rajat sharma
Sandeep Deo May 7, 2018
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Print
Sandeep Deo
Posted by Sandeep Deo
Follow:
Bestseller Author by Nielsen Jagran | Awarded by Sahitya Akademi | Journalist over two decades | Founder editor of https://www.indiaspeaksdaily.com
Previous Article जानिये कैसे होता है फेसबुक और ट्वीटर द्वारा आपके डाटा का राजनैतिक प्रयोग?
Next Article प्रधानमंत्री मोदी ने सोनिया-राहुल सहित कांग्रेस के नेताओं को चेताया, यदि सीमाओं को पार करोगे तो यह मोदी है, लेने के देने पड़ जाएंगे!
Leave a comment Leave a comment

Share your Comment Cancel reply

Stay Connected

Facebook Like
Twitter Follow
Instagram Follow
Youtube Subscribe
Telegram Follow
- Advertisement -
Ad image

Latest News

अक्षय कपूर जी का हनुमान चालीसा पाठ!
योगिनी एक योद्धा- भाग 5
JAINA can help USA in launching ENFORCEABLE “rule-based liberal new global order” only when becomes representative body of Jains in USA
कैसे हुई ओशो की मौत, जहर से या….

You Might Also Like

मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म

अलविदा वैदिक जी।

March 15, 2023
मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म

NBDSA ने कुछ उपद्रवियों के कृत्यों के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने के लिए News18 पर ₹25,000 का जुर्माना लगाया

March 1, 2023
SDeo blogमेनस्ट्रीम जर्नलिज्म

Times Now के बाद अब Ultra Left The Wire कूदा संघ प्रमुख मोहन भागवत के समर्थन में!

January 29, 2023
SDeo blogमेनस्ट्रीम जर्नलिज्म

Times now ने पत्रकारिता की मर्यादा को किया तार-तार! शीघ्र भेजूंगा नोटिस!

January 28, 2023
//

India Speaks Daily is a leading Views portal in Bharat, motivating and influencing thousands of Sanatanis, and the number is rising.

Popular Categories

  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US

Quick Links

  • Refund & Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Advertise Contact
  • Terms of Service
  • Advertise With ISD
- Download App -
Ad image

Copyright © 2015 - 2023 - Kapot Media Network LLP.All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?