अर्चना कुमारी। राजस्थान का रहने वाला संजय सोनी सोशल मीडिया पर खुद को राष्ट्रवादी हिंदूवादी बताता था लेकिन उसकी करतूत शर्मसार करने वाली है। उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के शहर लखनऊ और राजस्थान के विभिन्न थानों में करीब 4 मुकदमे दर्ज है और अब वह करीब 15 लाख हिंदू महिलाओं के अंडर गारमेंट के डाटा चोरी से लेकर ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जांच कार्रवाई में राजस्थान पुलिस को पता चला है कि मूल तौर पर उदयपुर का रहने वाला संजय सोनी स्थानीय प्राइवेट कॉलेज से बैचलर आफ कंप्यूटर एप्लीकेशन का कोर्स किया हुआ है और बाद में वह कमाने के लिए दुबई चला गया था । करीब 3 साल तक विदेश में रहने के बाद यह शातिर राजस्थान के शहर उदयपुर वापस आया और कोई काम धंधा करने की सोचने लगा ।
इस दौरान उसे पता चला कि यहां इसके भाई और पिता पर कुछ कर्जा है। इसके बाद उसने कोई बड़ा हाथ आजमाने की सोची इसके लिए उसने खुद को पहले तो सोशल मीडिया पर राष्ट्रवादी-हिंदूवादी साबित करना शुरू कर दिया। विभिन्न प्लेटफार्म खासकर ट्विटर पर कई मुस्लिम संगठनों और उनसे जुड़े लोगों से बहस करता रहता और उसने इंडियास्पीक्सडेली के संपादक संदीप देव और उनके परिजनों को भी भला बुरा कह दिया , जो लगातार सनातन हित के लिए कार्य कर रहे हैं । बहरहाल राजस्थान पुलिस का कहना है कि राजस्थान एसओजी के कब्जे में आए संजय सोनी पर आरोप है कि उसने एक लॉन्जरी कंपनी से 15 लाखों महिलाओं के पर्सनल डेटा को चोरी किया और उन्हें ब्लैकमेल कर ठगा था। 36 वर्षीय संजय सोनी ने एक ऐसा कांड किया , जिसने सबको चौंका कर रख दिया । लॉन्जरी कंपनी जिवामे (Zivame) से 15 लाख से अधिक हिंदू महिलाओं का व्यक्तिगत डेटा चुराने और इसे मुस्लिम देशों को बेचने का आरोपी शातिर संजय सोनी डेटा चुराकर कंपनी को ब्लैकमेल कर क्रिप्टोकरेंसी में उसने पैसे ठगा करता था।
संजय सोनी ने महिलाओं के संवेदनशील जानकारी में मोबाइल नंबर, पता, जन्म तिथि, ईमेल आईडी और अंडरगारमेंट्स का साइज से जुड़ी डेटा निकाली थी। कंपनी द्वारा राजस्थान एसओजी को अलर्ट करने के बाद आरोपी को 31 मई को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी को 3 जून को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया । बताया जाता है कि संजय सोनी ने घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की, उसने आरोप लगाया कि कंपनी द्वारा धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से कई हिंदू महिलाओं का डेटा बेचा जा रहा था। राजस्थान पुलिस में तैनात एडिशनल पुलिस महानिदेशक (एटीएस और एसओजी) अशोक राठौर ने कहा,आरोपी ने सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ किए गए डेटा को सांप्रदायिक रंग देने के अलावा उन्हें ब्लैकमेल करके कंपनी से पैसे वसूल रहा था।
जांच कार्रवाई में पता चला कि सोनी ने पहले एक बग को ठीक करने के लिए कंपनी से संपर्क किया था। कंपनी जिवामे से बग को ठीक करने के बदले में 1500 अमेरिकी डॉलर का भुगतान करने के लिए कहा था और उनसे बिटकॉइन के माध्यम से 1000 अमेरिकी डॉलर मिले भी थे। बाद में पैसे ठगने के लिए उसने कंपनी के डेटा को ऑनलाइन अपलोड करना शुरू कर दिया था, यह आरोप लगाते हुए कि इसने हिंदू महिलाओं की जानकारी ली और उन्हें धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से बेच दिया। इस घटना के बाद कंपनी ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने उसके खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66 और भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 153 ए (दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया और जांच उपरांत गिरफ्तार कर लिया
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी हैकिंग में शामिल एक ऑनलाइन समुदाय का हिस्सा था। जबकि कुछ हैकर्स कंपनी की वेबसाइटों में सुरक्षा समस्याओं की पहचान करते हैं और उन्हें बग का पता लगाने के लिए पैसा दिया जाता है। लेकिन संजय सोनी वित्तीय लाभ के लिए इन खामियों का फायदा उठाने का काम कर रहा था। बताया जाता है इस शातिर बदमाश ने ऑनलाइन अंडरगारमेंट बेचने वाली लॉन्जरी कंपनी का सिस्टम हैक करके डाटा चोरी किया। बाद में यह शख्स कंपनी को यह कहते हुए ब्लैकमेल करने लगा कि कंपनी ने हिन्दू महिलाओं के पर्सनल डाटा के साथ समझौता किया ।
महिलाओं की निजी जानकारियों को मुस्लिम देशों को बेचे जाने की बात भी कही। आरोपी कंपनी को किए गए ईमेल में लिखा कि कंपनी की लापरवाही की वजह से लाखों हिन्दु महिलाओं का डाटा उठा लिया गया है। इसके बाद धमकी देते हुए रुपयों की डिमांड की। पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि जयपुर, जोधपुर सहित देश के कई राज्यों की महिलाओं का डाटा चोरी किया गया था। जांच में पता चला कि 1000 डॉलर आरोपी के अकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं जबकि बाकी अमाउंट अन्य अकाउंट में ट्रांसफर किए गए । आरोपी अपने ट्विटर अकाउंट पर धार्मिक पोस्ट करता रहता है। उसने हिन्दु महिलाओं की गोपनीय जानकारियां बेचे जाने से आगाह करते हुए भी दो पोस्ट टविटर पर शेयर की थी। एसओजी अब डाटा हैक करने वाले आरोपी के सहयोगियों की तलाश कर रही है। आरोपी के घर से लैपटॉप, मोबाइल और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं।
पुलिस की तरफ से दावा किया गया है कि बेचे गए ये डेटा केवल जयपुर, जोधपुर या राजस्थान की महिलाओं का नहीं बल्कि देशभर का है। आरोपी ने खुलासा किया है कि उसने अपने हैकर साथियों के साथ मिलकर इस शर्मसार करने वाली करतूत को अंजाम दिया था। साइबर हंटर्स नामक ट्विटर हैंडल से ट्वीट में हैकर हिंदू महिलाओं को सतर्क रहने की नसीहत देने वाला पकड़ा गया और उसके गिरफ्तारी के बाद भाजपा के प्रदेश महामंत्री लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कार्रवाई को लेकर ट्वीट किया और राजस्थान पुलिस से मामले की जानकारी मांग ली। लेकिन बाद में उन्हें भी शर्मसार होना पड़ा होगा।
पता चला है संजय सोनी टेलीग्राम पर एक हैकर्स ग्रुप का एक्टिव मेंबर है। ‘वी लीक्स डेटा’ नाम के टेलीग्राम ग्रुप में कुल 240 मेंबर है। इस ग्रुप में अलग-अलग कंपनियों और ग्रुप्स के लीक्ड डेटा सभी आपस में शेयर करते हैं।इसी टेलीग्राम ग्रुप में आए जिवामी कंपनी के महिला ग्राहकों के डेटा लेकर संजय अपने हैकर साथियों के साथ कंपनी को ब्लैकमेल कर रहा था। राजस्थान पुलिस एसओजी ने कोर्ट को बताया कि इन्वेस्टिगेशन में आरोपी संजय सोनी के खिलाफ सभी जुर्म प्रमाणित हो गए हैं।
उसके अकाउंट में फंड रिसीव होने के प्रूफ भी मिल गए हैं, वहीं उसके मोबाइल में कई अलग-अलग दूसरी कंपनियों के भी डेटा पाए गए हैं। जांच में पाया गया कि
ये पूरी गैंग इंटरनेट पर हैकिंग कर कंपनियों के डेटा चुराती और इसके बाद इन डेटा को वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेल करती है। कंपनी जब इनकी बात नहीं मानती तो ये इंटरनेट पर कम्युनल एंगल देकर कंपनियों की छवि बिगाड़ते और उसे अपनी डिमांड पूरी करने पर मजबूर कर देते हैं।