गुंडागर्दी का बोलबाला है , गुंडागर्दी का सहारा है ;
गुंडों के गिरोह पलते हैं , हिंदू मरता बेचारा है ।
गुंडों के ही वोट – बैंक हैं , गंदी – राजनीति के प्यारे ;
दुनिया भर में गुंडागर्दी , अमेरिका – यूरोप भी हारे ।
चीन सरीखे कुछ ही देश हैं , जहां ये गुंडे काबू में ;
परम – साहसी जहां के नेता , वे कर लेते काबू में ।
भारत का कमजोर है नेता , ये तो केवल रोता रहता ;
नौटंकी करने में माहिर , बस हिंदू को मूर्ख बनाता ।
उसके सर पर गुंडे कूदें , शाहीन – बाग करते रहते हैं ;
जहां भी चाहें जाम-अतिक्रमण,मनमानी अपनी करते हैं ।
संविधान के ऊपर गुंडे , कमजोरी सरकार की ;
सरकारों में भी गुंडे घुस गये , बारी पूरी सरकार की ।
चेतो हिंदू अबतो चेतो , वरना राष्ट्र टूट जायेगा ;
परम – साहसी नेता लाओ , वो ही राष्ट्र बचा पायेगा ।
यूपी या आसाम के जैसा , नेता जल्दी पाना है ;
एक – एक क्षण है बहुत कीमती , हमको राष्ट्र बचाना है ।
या तो एक नया दल लाओ,या पूरी तरह से रण में आओ ;
अपना सारा प्रमाद त्याग कर,अपना रौद्र रूप दिखलाओ।
तेरा रौद्र रूप ही केवल , गुंडों को मात दे सकता ;
कायर-कमजोर जो तेरा नेता,उसको भी हिम्मत दे सकता।
पूरी युद्ध – नीति गुंडों की , पूरी तरह समझना है ;
साथ ही अपनी धर्म-नीति को , लेकर आगे बढ़ना है ।
सर्वश्रेष्ठ है धर्म – सनातन , हमको विजय दिलायेगा ;
रोता हुआ नेता जायेगा , यूपी – आसाम से आयेगा ।
घर-घर में हो धर्म – सनातन , शस्त्र-शास्त्र की शिक्षा लो ;
सहस्त्र वर्ष का युद्ध खत्म हो,धर्म का शासन हाथ में लो ।
मानवता पूरी नष्ट करेंगे , गुंडों का ये मकसद है ;
केवल धर्म करेगा रक्षा , बाकी सब बेमतलब है ।
धर्म – सनातन का आवाहन , मानवता को बचाना है ;
गुंडागर्दी हटा सके जो , ऐसा ही पीएम लाना है ।
कानून का शासन जो ले आये , पीएम वही बनाना है ;
यूपी से योगी ले आओ , हमको राष्ट्र बचाना है ।
जितनी देर करोगे इसमें , खतरा बढ़ता जाना है ;
राष्ट्र टूटते नहीं देखना , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”