हिंदू को जीवित रहना है , पूर्णतः जागरूक होना है ;
धर्म – सनातन ठीक से जानो , वरना सब-कुछ खोना है ।
जब – तक हिंदू मूर्ख रहेगा , यूं ही कटता- मरता रहेगा ;
चरित्रहीन जो तेरा नेता , गांधीवाद से भ्रमित करेगा ।
सबसे बड़ा पाप है गांधी , उसके चेले भी वैसे हैं ;
हिंदू – धर्म के ये हैं दुश्मन , जेहादी के जैसे हैं ।
गजवायेहिंद का यही अर्थ है , हिंदू – धर्म का पूरा नाश ;
गांधीवाद का उद्देश्य यही है , हिंदू का हो सत्यानाश ।
गांधीवाद है जहर – हलाहल , हिंदू की ये मौत बन रहा ;
छुपा – रूस्तम तेरा नेता , तुझको मटियामेट कर रहा ।
अब तो चेतो – हिंदू चेतो , वरना अपनी जान से जाओ ;
देश , राष्ट्र और धर्म बचाओ , यूपी से योगी को लाओ ।
सेक्युलर – नेता से बचना है , हमको धर्म बचाना है ;
देश , राष्ट्र भी तभी बचेगा , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
हिंदू – बच्चे की शिक्षा घटिया , पूरी मसीही शिक्षा है ;
हिंदू – द्रोही इसी से बनते , धर्म – विरोधी शिक्षा है ।
घर-घर में हो धर्म की शिक्षा , हमको धर्म बचाना है ;
शिक्षा-मसीही करो बहिष्कृत,गुरुकुल का जाल बिछाना है ।
हिंदू का कल्याण इसी में , गली-गली में गुरुकुल हों ;
धर्म – सनातन राह पे चलना , रक्षा अपने कुल की हो ।
सब पर हावी नीति कौन है ? राजनीति कहलाती है ;
राजनीति जब धर्म से चलती , राष्ट्रनीति बन जाती है ।
धर्म बिना जो राजनीति है , वैश्या से बढ़कर होती है ;
पूरा – देश रसातल जाता , ऐसी नीति यही करती है ।
गंदी – राजनीति भारत की , मिलकर इसको शुद्ध बनाओ ;
योगी को पीएम पद देकर , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाओ ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , पूरा शासन धर्म से होगा ;
संविधान से देश चलेगा , कानून का शासन लागू होगा ।
वामी , कामी , जिम्मी , सेक्युलर , चोर , उचक्के ,जेहादी ;
करनी का फल सब पाएंगे , मिटेगी सारी बर्बादी ।
जो भारत को अपना कहते , अब उनका दायित्व यही है ;
शीघ्रातिशीघ्र योगी को लाना , एकमात्र सन्मार्ग यही है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”